सरगुजा: अंबिकापुर केंद्रीय जेल में कैदियों में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए कैदियों को पेरोल और जमानत पर रिहा किया जा रहा है. केंद्रीय जेल में बंद कुल 16 कैदियों को अब तक छोड़ा जा चुका है. इनमें 6 कैदी ऐसे हैं, जिन्हे पेरोल पर छोड़ा गया है. वहीं 6 की जमानत अर्जी कोर्ट से मान्य हो गई. इसके साथ ही चार कैदी ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली थी.
जेल प्रबंधन ने 50 ऐसे कैदियों की सूची बनवाई है, जिन्हें पेरोल पर छोड़ा जाएगा, लेकिन अभी इनके फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान जेल में कैदियों की भीड़ कम करने के लिए राज्य शासन ने ऐसे कैदियों को पेरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया है, जिन्हें 7 साल तक की ही सजा होनी है या फिर ऐसे कैदी जिन्हें साल में एक बार पेरोल पर घर जाने की पात्रता होती है.
कैदियों को खुद ही देना होगा बॉन्ड
शासन के इस आदेश के बाद केंद्रीय जेल अंबिकापुर में भी बंद कैदियों की सूची बनाई जा रही थी और उनकी रिहाई की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई थी. जेल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार अब तक कुल 16 कैदियों को छोड़ा गया है. 7 साल की सजा पाने वाले 39 कैदियों की सूची बनाई गई है और इन पर विचार कोर्ट को लेना है. कोर्ट ने अब तक तीन कैदियों को जमानत दी है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि फिलहाल कोर्ट में मुचलका का काम बंद होने के कारण कैदियों को खुद से 25 हजार रुपए का मुचलका भरना है.
अब तक 16 कैदी रिहा
जेल अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ ने बताया कि अब तक 16 कैदियों को छोड़ा गया है. इसके साथ ही इस नियम के तहत सिर्फ उन्हीं कैदियों को पात्रता दी जाएगी, जिन्होंने पिछले तीन महीने में कोई छुट्टी नहीं ली है. पहले कैदियों को 12 दिनों की छुट्टी दी जाती थी और कैदी तीन माह के अंतराल में छुट्टी ले सकते थे, लेकिन अब शासन 21 दिन की छुट्टी दे रहा है और एक बार 21 दिन की छुट्टी लेने के बाद कैदी दोबारा इस साल अपने घर नहीं जा पाएंगे. इसके साथ ही जिन कैदियों ने हाल ही में छुट्टी ली है, उन्हें भी इसका लाभ नहीं मिल पाएगा.