ETV Bharat / jagte-raho

मानव तस्करी के मामले में तीन लोगों को 13 और सात-सात साल की सजा - कोर्ट ने सुनाई सजा

मानव तस्करी के मामले में जशपुर जिला कोर्ट ने दो दोषियों को सात-सात और एक महिला को 10 साल की की सजा सुनाई है.

कोर्ट ने सुनाई सजा
author img

By

Published : May 7, 2019, 10:47 PM IST

जशपुर: जिला एवं सत्र न्यायालय ने मानव तस्करी को अत्यंत गंभीर श्रेणी का अपराध, मानते हुए दो अभियुक्तों को 7-7 साल और एक महिला को 10 साल की सजा सुनाई है.

मानव तस्करी के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा


सात-सात साल की सुनाई सजा
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश श्रीवास्तव ने मानव दुर्व्यापार (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के मामले में दोषी पाए गए 2 लोगों को धारा 370/34 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास और 1-1 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया है. अर्थदंड की अदायगी नहीं करने पर 6-6 महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी.


10 साल की सुनाई सजा
दूसरे मामले में एक महिला अभियुक्त को 10 साल की सजा और धारा 363 के अपराध में 3 वर्ष की सजा सुनाई है. बता दें कि दोनों सजाएं एक साथ चलेंगीं. मानव तस्करी का यह मामला 10 मार्च 2017 को सामने आया था.

जशपुर: जिला एवं सत्र न्यायालय ने मानव तस्करी को अत्यंत गंभीर श्रेणी का अपराध, मानते हुए दो अभियुक्तों को 7-7 साल और एक महिला को 10 साल की सजा सुनाई है.

मानव तस्करी के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा


सात-सात साल की सुनाई सजा
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश श्रीवास्तव ने मानव दुर्व्यापार (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के मामले में दोषी पाए गए 2 लोगों को धारा 370/34 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास और 1-1 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया है. अर्थदंड की अदायगी नहीं करने पर 6-6 महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी.


10 साल की सुनाई सजा
दूसरे मामले में एक महिला अभियुक्त को 10 साल की सजा और धारा 363 के अपराध में 3 वर्ष की सजा सुनाई है. बता दें कि दोनों सजाएं एक साथ चलेंगीं. मानव तस्करी का यह मामला 10 मार्च 2017 को सामने आया था.

Intro:



जशपुर मानव दुर्व्यापार (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के मामले को जिला एवं सत्र न्यायालय ने अत्यंत गंभीर श्रेणी का अपराध, मानते हुवे रियायत नहीं देते हुवे, मानव तस्करी के मामले में दो अभियुक्तों को 7-7 वर्ष का श्रम कारावास एवं एक महिला को 10 वर्ष की सजा सुनाई है,

जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश श्रीवास्तव ने मानव दुर्व्यापार (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के मामले में दोषी पाए गए 2 लोगों को धारा 370/34 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास और 1-1 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया है। अर्थदंड की अदायगी में चूक किए जाने पर 6-6 माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त होगा।

इसके साथ ही दूसरे मामले में एक महिला अभियुक्ता को 3धार 370 के अपराध में 10 वर्ष की सजा ओर धारा 363 के अपराध में 3 वर्ष की सजा सुनाई है

मानव दुर्व्यापार का यह मामला 10 मार्च 2017 को पुलिस अधीक्षक जशपुर को पीड़ितों के परिजनों द्वारा की गई शिकायत के बाद सामने आया था। शिकायत की जांच में मामला सही पाए जाने पर अभियुक्त प्रकाश टोप्पो निवासी किंलिंग जिला जशपुर एवं अभियुक्त राजेश राम निवासी सकवा, थाना पिपरा, जिला सुपोल, बिहार के विरुद्ध आरक्षी केंद्र जशपुर में अपराध पंजीबद्ध किया गया। अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी, पीड़ितों की बरामदगी एवं अन्वेषण पूर्ण करने के पश्चात अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 370, 371/34 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अभियोग पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जशपुर के समक्ष प्रस्तुत हुआ था। 

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा प्रथम दृष्टया अभियोजित अपराध करना पाया जाने से प्रकरण विचारणीय हेतु सत्र न्यायाधीश जशपुर को 6 सितंबर 2017 को उपार्जित किया गया। इस मामले में उभयपक्षों की सुनवाई एवं साक्ष्य से यह साबित हुआ कि अभियुक्त प्रकाश टोप्पो और राजेश राम ने एक साथ मिलकर पीड़ित राजेश कुजूर, अलवन टोप्पों, दिलीप टोप्पो, कुलवंत बड़ा, और मुकेश राम का शोषण करने के प्रयोजन से कपट पूर्वक या अच्छा काम दिलाने का लालच देकर जशपुर जिले से उन्हें हिमाचल प्रदेश ले गए और अलग-अलग व्यवसायिकों से धनराशि प्राप्त कर उक्त पीड़ितों को दासता के अधीन कर मानव दुर्व्यापार किया। दोनों अभियुक्तों ने उक्त पांचों पीड़ितों को हिमाचल प्रदेश ले जाने के बाद उसमें से एक पीड़ित राजेश कुजूर को होटल में काम करने के लिए लगा दिया। पीड़ित अलवर टोप्पो और मुकेश राम को अनार बागान तथा दिलीप टोप्पो व कुलवंत बड़ा को सब्जी फॉर्म में काम पर लगा दिया। लगभग डेढ़ माह तक काम करने के बाद भी जब मालिकों ने मजदूरी नहीं दी, तब पता चला कि दोनों अभियुक्तों ने उन लोगों को व्यवसायिक मालिकों के पास बेचकर पैसा लेकर चले गए हैं। 

इसके साथ ही दूसरे मामले में अप्रेल माह में अभियुक्ता राजकुमारी बाई को सजा हुई है मानव तस्करी के मामले में पीड़िता को बड़े शहरों में काम करवाने के उद्देश्य से बहला पुसला कर अधिक पैसे दिलवाने के नाम पर लेजाया जाता है ओर उनके साथ गलत काम होते है इसके साथ ही जैसे बंधक बना कर काम करवाना बेच देना जैसे मामलों में सजा हुई है, क्षेत्र के आदिवासी अंचल के लोगो शहरी क्षेत्र जे लोगो द्वारा मानव तस्करी की जाती है बड़े शहरों में लेजाया जाता है,।ओर मानव व्यापार से सम्बंधित कार्य किया जाता है


जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश श्रीवास्तव ने इस मामले में फैसला देते हुए इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया है कि अभियुक्तों ने जशपुर क्षेत्र के असहाय तथा निर्धन ग्रामीण आदिवासी व्यक्तियों को उनके भोलेपन व उनकी असहायता का फायदा उठा कर उनका दुर्व्यापार किया, जो अत्यंत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। पीड़ित व्यक्ति बिना कोई मजदूरी प्राप्त किए किस तरह वहां रहे होगें, उनके कष्ट और पीड़ा का अनुमान लगाया जा सकता है। ऐसे में दण्ड देते समय जरा भी रियायत नहीं बरती जा  सकती। 

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनो अलग अलग मामलो में
दोनों अभियुक्तों को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया एव दूसरे मामले महिला अभियुक्ता को 10 वर्ष की सजा सुनाई है ,

बाइट श्याम सहाय सरकारी वकील

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर


Body:सजा


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.