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जीवन में प्रेम और खुशहाली के लिए राधा अष्टमी पर ऐसे करें पूजा - राधाअष्टमी

Radha Ashtami 2022 भगवान श्री कृष्ण की देवीय प्रेमिका राधा रानी के जन्मदिन को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन कृष्ण और राधा की पूजा की जाती है. ब्रज में राधा अष्टमी खास तौर पर मनाई जाती है.

Radha Ashtami 2022
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी
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Published : Sep 4, 2022, 8:54 AM IST

रायपुर: जन्माष्टमी के 15 दिन बाद भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा अष्टमी मनाई जाती है. राधा अष्टमी के दिन राधा जी का जन्म हुआ था. इस दिन राधा और कान्हा की पूजा की जाती है. राधा रानी को भगवान कृष्ण की प्रेमिका के रूप में जाना जाता है. इनका अवतार कमल के फूल से हुआ. राधाअष्टमी के दिन श्रद्धालु बरसाना की ऊंची पहाड़ी पर स्थित गहवर की परिक्रमा करते हैं. राधा अष्टमी मुख्य रूप से ब्रज क्षेत्र में मनाया जाता है. इस दिन राधा और भगवान कृष्ण के विग्रह को फूलों से सजाया जाता है. राधा अष्टमी के दिन भक्तों को राधा रानी के चरणों के दर्शन मिलते हैं. बाकी दिन राधा के पैर ढके रहते हैं. Radha Ashtami 2022

ब्रज क्षेत्र में मनाई जाती है राधा अष्टमी: परंपरा के अनुसार गौडिया वैष्णव राधा और कृष्ण की विशेष पूजा करते हैं. इस संप्रदाय के लोग भगवत गीता और भागवत का पाठ करते हैं. कुछ लोग निर्जला व्रत करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग प्रथाओं और परंपराओं के अनुरूप आधे दिन का उपवास करते हैं. राधाअष्टमी बरसाना, मथुरा, वृंदावन, नंदगांव में मुख्य रूप से मनाई जाती है.

अष्टमी का मुहूर्त: राधा अष्टमी की तिथि 3 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 4 सितंबर सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगी.उदया तिथि के अनुसार राधा अष्टमी का त्योहार 4 सितंबर को मनाया जाएगा. इस दिन पूजा करने का शुभ मुहुर्त सुबह 4 बजकर 36 मिनट से सुबह 5 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.

राधा अष्टमी पर ऐसे करें पूजा: सुबह उठकर नहा धोकर साफ कपड़े पहने. पूजा करने की जगह पर एक कलश में जल भरकर रखें. एक मिट्टी का कलश भी पूजा स्थान पर रखे. पूजा के लिए चौकी तैयार करें. चौकी में लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर राधा और कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें. पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं. सुंदर वस्त्र व आभूषणों से श्रृंगार करें. दोनों को तिलक लगाकर फल-फूल चढ़ाएं. राधा और कृष्ण के मंत्र का जाप करें और कथा सुनें या पढ़ें और उनकी आरती करें.

जीवन में प्रेम से साथ मिलती है खुशहाली: इस दिन व्रत और पूजा करने के साथ ही राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए श्री राधा चालीसा का पाठ करना चाहिए. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि राधा अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण व राधा रानी की विधिवत पूजा करने से इंसान की जिंदगी में सुख समृद्धि व खुशहाली आती है.

यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है. ETV भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है.




रायपुर: जन्माष्टमी के 15 दिन बाद भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा अष्टमी मनाई जाती है. राधा अष्टमी के दिन राधा जी का जन्म हुआ था. इस दिन राधा और कान्हा की पूजा की जाती है. राधा रानी को भगवान कृष्ण की प्रेमिका के रूप में जाना जाता है. इनका अवतार कमल के फूल से हुआ. राधाअष्टमी के दिन श्रद्धालु बरसाना की ऊंची पहाड़ी पर स्थित गहवर की परिक्रमा करते हैं. राधा अष्टमी मुख्य रूप से ब्रज क्षेत्र में मनाया जाता है. इस दिन राधा और भगवान कृष्ण के विग्रह को फूलों से सजाया जाता है. राधा अष्टमी के दिन भक्तों को राधा रानी के चरणों के दर्शन मिलते हैं. बाकी दिन राधा के पैर ढके रहते हैं. Radha Ashtami 2022

ब्रज क्षेत्र में मनाई जाती है राधा अष्टमी: परंपरा के अनुसार गौडिया वैष्णव राधा और कृष्ण की विशेष पूजा करते हैं. इस संप्रदाय के लोग भगवत गीता और भागवत का पाठ करते हैं. कुछ लोग निर्जला व्रत करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग प्रथाओं और परंपराओं के अनुरूप आधे दिन का उपवास करते हैं. राधाअष्टमी बरसाना, मथुरा, वृंदावन, नंदगांव में मुख्य रूप से मनाई जाती है.

अष्टमी का मुहूर्त: राधा अष्टमी की तिथि 3 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 4 सितंबर सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगी.उदया तिथि के अनुसार राधा अष्टमी का त्योहार 4 सितंबर को मनाया जाएगा. इस दिन पूजा करने का शुभ मुहुर्त सुबह 4 बजकर 36 मिनट से सुबह 5 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.

राधा अष्टमी पर ऐसे करें पूजा: सुबह उठकर नहा धोकर साफ कपड़े पहने. पूजा करने की जगह पर एक कलश में जल भरकर रखें. एक मिट्टी का कलश भी पूजा स्थान पर रखे. पूजा के लिए चौकी तैयार करें. चौकी में लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर राधा और कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें. पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं. सुंदर वस्त्र व आभूषणों से श्रृंगार करें. दोनों को तिलक लगाकर फल-फूल चढ़ाएं. राधा और कृष्ण के मंत्र का जाप करें और कथा सुनें या पढ़ें और उनकी आरती करें.

जीवन में प्रेम से साथ मिलती है खुशहाली: इस दिन व्रत और पूजा करने के साथ ही राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए श्री राधा चालीसा का पाठ करना चाहिए. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि राधा अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण व राधा रानी की विधिवत पूजा करने से इंसान की जिंदगी में सुख समृद्धि व खुशहाली आती है.

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