ETV Bharat / city

Third day of shardiya navratri: निर्भयता और वीरता के लिए इस विधि से करें मां चंद्रघंटा की पूजा

Third day of shardiya navratri: आज शारदीय नवरात्र का तीसरा दिन है. इस दिन दस भुजाओं वाली मां चंद्रघंटा स्वरूपा की पूजा की जाती है. मां की सवारी सिंह है. इस वजह से मां के इस रूप की पूजा करने से जीवन में निर्भयता आती है. सभी परेशानियां दूर होती है. worship maa chandraganta

worship maa chandraganta
नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा
author img

By

Published : Sep 28, 2022, 1:12 PM IST

रायपुर: नवरात्र के तीसरे दिन भगवती के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. कहते हैं माता चंद्रघंटा की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां हर संकट दूर करती हैं. मां चंद्रघंटा की उपासना से पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन पूजा करने से मनुष्य में निर्भयता और वीरता के गुण संचारित होते हैं. worship maa chandraganta

दस भुजाओं वाली हैं मां: भगवती चंद्रघंटा की सवारी सिंह होती है. मां की दस भुजाएं हैं. दसों भुजाओं में मां वनमाला, कमंडल, चक्र, गदा, पद्म, त्रिशूल, खड़ग, धनुष, बाण लिए हुए हैं और भगवती का एक हाथ वरदहस्त (वर मुद्रा में) है.Third day of shardiya navratri

मां चंद्रघंटा की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

मंत्र:

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

स्तुति:

या देवी सर्वभू‍तेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां चंद्रघंटा की पूजन विधि: सुबह उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर में आसन पर बैठ जाएं. फिर मां चंद्रघंटा की षोडषोपचार (आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आरती, नमस्कार, पुष्पांजलि) से पूजा करें. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें.

कमल और पीले पुष्प करें अर्पित: देवी चंद्रघंटा को सुनहरे वस्त्र अर्पित करने चाहिए. साथ ही मां को कमल और पीला पुष्प बेहद प्रिय है. इस दिन मां को फल, मिठाई और मिश्री का भोग लगाना चाहिए. पूजा के बाद दुर्गा चालीसा या दुर्ग सप्तशती का पाठ करना चाहिए.

ये है मान्यता
⦁ कहा जाता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां की साधना से जीवन के सारे दोष दूर होने लगते हैं.
⦁ मां चंद्रघंटा के दिव्यरूप की आराधना करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
⦁ मां के इस दिव्य रूप से साधक हमेशा आगे बढ़ता रहता है.
⦁ जिनकी कुंडली में शुक्र का प्रभाव कमजोर रहता है उन्हें मां चंद्रघंटा की विशेष आराधना करनी चाहिए. ताकि कुंडली में शुक्र का प्रभाव बढ़ सके और जीवन सुखमय बन सके.

रायपुर: नवरात्र के तीसरे दिन भगवती के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. कहते हैं माता चंद्रघंटा की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां हर संकट दूर करती हैं. मां चंद्रघंटा की उपासना से पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन पूजा करने से मनुष्य में निर्भयता और वीरता के गुण संचारित होते हैं. worship maa chandraganta

दस भुजाओं वाली हैं मां: भगवती चंद्रघंटा की सवारी सिंह होती है. मां की दस भुजाएं हैं. दसों भुजाओं में मां वनमाला, कमंडल, चक्र, गदा, पद्म, त्रिशूल, खड़ग, धनुष, बाण लिए हुए हैं और भगवती का एक हाथ वरदहस्त (वर मुद्रा में) है.Third day of shardiya navratri

मां चंद्रघंटा की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

मंत्र:

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

स्तुति:

या देवी सर्वभू‍तेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां चंद्रघंटा की पूजन विधि: सुबह उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर में आसन पर बैठ जाएं. फिर मां चंद्रघंटा की षोडषोपचार (आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आरती, नमस्कार, पुष्पांजलि) से पूजा करें. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें.

कमल और पीले पुष्प करें अर्पित: देवी चंद्रघंटा को सुनहरे वस्त्र अर्पित करने चाहिए. साथ ही मां को कमल और पीला पुष्प बेहद प्रिय है. इस दिन मां को फल, मिठाई और मिश्री का भोग लगाना चाहिए. पूजा के बाद दुर्गा चालीसा या दुर्ग सप्तशती का पाठ करना चाहिए.

ये है मान्यता
⦁ कहा जाता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां की साधना से जीवन के सारे दोष दूर होने लगते हैं.
⦁ मां चंद्रघंटा के दिव्यरूप की आराधना करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
⦁ मां के इस दिव्य रूप से साधक हमेशा आगे बढ़ता रहता है.
⦁ जिनकी कुंडली में शुक्र का प्रभाव कमजोर रहता है उन्हें मां चंद्रघंटा की विशेष आराधना करनी चाहिए. ताकि कुंडली में शुक्र का प्रभाव बढ़ सके और जीवन सुखमय बन सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.