रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विशेषकर आदिवासी समाज के लोगों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि 9 अगस्त छत्तीसगढ़ सहित पूरे विश्व में आदिवासियों के लिए एक महापर्व है. जनजाति बाहुल्य प्रदेश होने के कारण छत्तीसगढ़ को जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति की अनमोल धरोहर विरासत में मिली है. छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की प्राचीनतम विरासत और संस्कृति को सहेजते हुए उनके विकास और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए संकल्पित है. कोशिश है कि प्रकृति के करीब जीवन जीने वाली यहां की 31 प्रतिशत आदिवासी जनता को सभी आवश्यक नागरिक सुविधाएं और आगे बढ़ने के सभी साधन सुलभ हो. (world tribal day )
आदिवासियों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले: बघेल ने कहा "जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लिये हैं. लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की 4200 एकड़ जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा के लिए समिति का गठन, जिला खनिज न्यास के पैसों से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार का निर्णय, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना और यहां आदिवासी विकास प्राधिकरणों में स्थानीय अध्यक्ष की नियुक्ति से आदिवासी समाज के लिए बेहतर काम करने की कोशिशें जारी हैं. आदिवासी समाज की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई योजनाओं से उनका जीवन अधिक सरल हो सका है. (Bhupesh Baghel wishes on World Tribal Day 2022 )
विश्व आदिवासी दिवस पर रायपुर और बिलासपुर में भूपेश बघेल का कार्यक्रम: भूपेश बघेल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे. निर्धारित कार्यक्रम के तहत सीएम सुबह 11 बजे से दोपहर 12.15 बजे तक मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला मुख्यालयों से जुड़ेंगे. इसके बाद दोपहर 12.15 बजे मुख्यमंत्री निवास रायपुर से प्रस्थान कर 12.30 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंचेंगे. वहां आयोजित विश्व आदिवासी दिवस समारोह में शामिल होंगे. दोपहर 1.45 बजे मुख्यमंत्री वापस रायपुर निवास पहुंचेंगे. दोपहर 2.35 बजे पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड रायपुर से हेलीकॉप्टर के जरिए 3.05 बजे साईंस कॉलेज ग्राउण्ड बिलासपुर पहुंचेंगे. वहां आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे. कार्यक्रम के बाद बिलासपुर के सीपत रोड स्थित साईंस कॉलेज ग्राउण्ड से वापस रायपुर पहुंचेंगे.
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आदिवासियों की आय में बढ़ोतरी: तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरा करने, 65 तरह के लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर संग्रहण और विक्रय के साथ ही इनका स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन से हजारों आदिवासियों की आय में बढ़ोतरी हुई है.
जल, जंगल, जमीन पर अधिकार मजबूत: राज्य सरकार ने वन अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर अधिकार को मजबूत किया है. वन अधिकार पट्टों के मिलने से हजारों आदिवासियों की आवास और आजीविका की चिंता दूर हुई है.
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन: मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रयास कर रही है. आदिवासी संस्कृति का परिचय देश-दुनिया से कराने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसे आयोजनों की शुरूआत की गई है. विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित किया गया है. देवगुड़ियों और घोटुलों के संरक्षण और संवर्धन से आदिम जीवन मूल्यों को सहेजने और संवारने का काम राज्य सरकार की तरफ से किया जा रहा है. इससे लोगों को आदिवासी समाज की परंपराओं और संस्कृतियों को समझने का अवसर मिला है.
विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम: रायपुर में सीएम निवास में विश्व आदिवासी दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाएगा. सीएम वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए सभी जिला मुख्यालयों से जुड़ेंगे. सीएम निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना और राजगीत से होगा. वन अधिकार पत्रों का वितरण, वन अधिकार पत्र ऋण पुस्तिका भी बांटी जाएगी. आवासीय विद्यालय एकलव्य और प्रयास के उत्कृष्ट छात्रों को सम्मानित किया जाएगा.
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