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World Elders Day 2021: जिन्होंने उंगली पकड़कर चलाया, क्यों उनके लिए मनाया जा रहा 'विश्व बुजुर्ग दिवस'

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (world elderly day) हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्टूबर 1990 में बुजुर्गों के लिए अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस घोषित किए जाने की बात रखी थी. जिसके बाद 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

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अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस
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Published : Oct 1, 2021, 11:14 AM IST

रायपुर\हैदराबाद: हर साल 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (World Elders Day 2021 ) मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य उम्रदराज लोगों के साथ होने वाले भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार को खत्म करना है.

बड़ी हैरानी की बात है कि जो हमारी संपत्ति है. उनकी सुरक्षा और उनके मान-सम्मान के लिए विश्व बुजुर्ग दिवस (world elderly day) मनाने की जरूरत पड़ी. दरअसल मौजूदा हालात काफी बदल चुके हैं. अब कई बार बुजुर्गों को अपने ही बच्चों और परिजनों के कारण कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ रही है. इसी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के जरिए बुजुर्गों को सम्मान दिलाए जाने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं.

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (world elderly day) हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्टूबर 1990 में बुजुर्गों के लिए अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस घोषित किए जाने की बात रखी थी. जिसके बाद 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2021

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का महत्व

अपने ही लोगों से भेदभाव, अपमानजनक व्यवहार, उपेक्षा और अन्याय पर रोक लगाने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाता है. इस दिन खासतौर पर स्वयंसेवी संस्थाएं विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बुजुर्गों के साथ हो रहे अन्याय को दूर करने जागरूकता चलाती है.

कोरोना काल में बुजुर्गों के जीवन पर बढ़ा खतरा

भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच लॉकडाउन के दौरान लगभग 73 प्रतिशत बुजुर्गों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा. कई बुजुर्गों ने माना की मौजूदा कोरोना महामारी की स्थिति ने उनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.

दुनिया भर में बुजुर्गों की स्थिति

दुनिया में बुजुर्गों की आबादी जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे उनके साथ दुर्व्‍यवहार की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. यह एक गंभीर सामाजिक बुराई है जो मानव अधिकारों को प्रभावित करती है. बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार शारीरिक, यौन, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय हो सकता है और इसमें उपेक्षा भी शामिल हो रहा है. बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं होती हैं लेकिन आमतौर पर इसके मामले कम दर्ज किए जाते हैं. क्योंकि ज्यादार मामलों में दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति उनके परिजन विशेषकर उनके बच्चे होते है.

रायपुर\हैदराबाद: हर साल 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (World Elders Day 2021 ) मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य उम्रदराज लोगों के साथ होने वाले भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार को खत्म करना है.

बड़ी हैरानी की बात है कि जो हमारी संपत्ति है. उनकी सुरक्षा और उनके मान-सम्मान के लिए विश्व बुजुर्ग दिवस (world elderly day) मनाने की जरूरत पड़ी. दरअसल मौजूदा हालात काफी बदल चुके हैं. अब कई बार बुजुर्गों को अपने ही बच्चों और परिजनों के कारण कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ रही है. इसी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के जरिए बुजुर्गों को सम्मान दिलाए जाने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं.

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (world elderly day) हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्टूबर 1990 में बुजुर्गों के लिए अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस घोषित किए जाने की बात रखी थी. जिसके बाद 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2021

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का महत्व

अपने ही लोगों से भेदभाव, अपमानजनक व्यवहार, उपेक्षा और अन्याय पर रोक लगाने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाता है. इस दिन खासतौर पर स्वयंसेवी संस्थाएं विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बुजुर्गों के साथ हो रहे अन्याय को दूर करने जागरूकता चलाती है.

कोरोना काल में बुजुर्गों के जीवन पर बढ़ा खतरा

भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच लॉकडाउन के दौरान लगभग 73 प्रतिशत बुजुर्गों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा. कई बुजुर्गों ने माना की मौजूदा कोरोना महामारी की स्थिति ने उनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.

दुनिया भर में बुजुर्गों की स्थिति

दुनिया में बुजुर्गों की आबादी जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे उनके साथ दुर्व्‍यवहार की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. यह एक गंभीर सामाजिक बुराई है जो मानव अधिकारों को प्रभावित करती है. बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार शारीरिक, यौन, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय हो सकता है और इसमें उपेक्षा भी शामिल हो रहा है. बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं होती हैं लेकिन आमतौर पर इसके मामले कम दर्ज किए जाते हैं. क्योंकि ज्यादार मामलों में दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति उनके परिजन विशेषकर उनके बच्चे होते है.

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