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लॉकडाउन के बाद मजदूरों की बढ़ी परेशानी, नहीं मिल रहा काम - Markets open in Raipur

लॉकडाउन के बाद घर लौटे मजदूरों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मजदूरों के सामने अब रोजगार की समस्या आ खड़ी हुई है. मजदूरों को अब बाजार खुलने के बाद भी काम नहीं मिल रहा है.

Labor are upset
मजदूर हुए परेशान
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Published : Jun 28, 2020, 1:25 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 2:26 PM IST

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान अगर कोई सबसे ज्यादा परेशान हुआ है तो वह मजदूर वर्ग है. सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर सभी मजदूर अपने घर पहुंचे, लेकिन इन मजदूरों की परेशानियां यहां भी खत्म नहीं हुई. लॉकडाउन के दौरान रायपुर के सबसे बड़े लेबर बाजार में ताला लग गया. यहां मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. इससे मजदूर परेशान हैं, उन्हें घर चलाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. ETV भारत ने ऐसे ही मजदूरों से बात कर उनकी परेशानी जानने की कोशिश की.

मजदूरों की बढ़ी परेशानी

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर सियासत, BJP सांसद ने लगाए आरोप, कांग्रेस ने दिया जवाब

जहां लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूर रोजी-रोटी के लिए परेशान हो रहे थे, वहीं राज्य में लौटकर भी उनके सामने ये समस्या जस की तस बनी हुई है. सभी मजदूर घर तो लौट आए हैं, लेकिन अब उनके पास काम नहीं होने की वजह से घर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अनलॉक-1 में बाजार तो खुल गए हैं, लेकिन लेबर के लिए अब पहले की तरह काम नहीं है. ऊपर से बढ़ती महंगाई मजदूरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है. दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूर ने बताया कि पहले तो हफ्ते के 7 दिन काम हुआ करते थे. लॉकडाउन के बाद 2 से 3 दिन भी बड़ी मुश्किल से काम मिल पा रहा है.

Labor are upset
मजदूर हुए परेशान

घर चलाने में हो रही दिक्कत

दिहाड़ी में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि बाजार खुलने के बाद उन्हें काम मिलने में परेशानी हो रही है. वहीं महंगाई के चलते परिवार को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है. श्रम विभाग की ओर से किसी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं की गई है.

workers-are-not-getting-any-work-after-lockdown-in-raipur
परेशान मजदूर

नहीं मिल रही कोई सहायता

मजदूरों के पास मजदूर कार्ड भी बने हुए हैं, बावजूद इसके उन्हें श्रम विभाग की ओर से किसी प्रकार की सहायता नहीं दी गई है. अब दिहाड़ी के पैसे भी पहले से कम हो गए हैं. एक मजदूर ने बताया कि राशन कार्ड है, लेकिन उसमें सिर्फ चावल मिलता है, चावल के साथ सब्जी भी खरीदना होता है, जिसके लिए उनके पास पैसे नहीं हैं.

Workers are not getting work
मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

खाली हाथ लौटते हैं घर

मजदूरों ने बताया कि काम नहीं मिलने की वजह से उन्हें खाली हाथ ही घर लौटना पड़ता है. बस सप्ताह में एक से दो दिन ही उनके पास पैसे आते हैं. उसके बाद हर दिन उन्हें बाजार से दिन भर काम का इंतजार करने के बाद खाली ही लौटना पड़ता है.

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान अगर कोई सबसे ज्यादा परेशान हुआ है तो वह मजदूर वर्ग है. सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर सभी मजदूर अपने घर पहुंचे, लेकिन इन मजदूरों की परेशानियां यहां भी खत्म नहीं हुई. लॉकडाउन के दौरान रायपुर के सबसे बड़े लेबर बाजार में ताला लग गया. यहां मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. इससे मजदूर परेशान हैं, उन्हें घर चलाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. ETV भारत ने ऐसे ही मजदूरों से बात कर उनकी परेशानी जानने की कोशिश की.

मजदूरों की बढ़ी परेशानी

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर सियासत, BJP सांसद ने लगाए आरोप, कांग्रेस ने दिया जवाब

जहां लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूर रोजी-रोटी के लिए परेशान हो रहे थे, वहीं राज्य में लौटकर भी उनके सामने ये समस्या जस की तस बनी हुई है. सभी मजदूर घर तो लौट आए हैं, लेकिन अब उनके पास काम नहीं होने की वजह से घर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अनलॉक-1 में बाजार तो खुल गए हैं, लेकिन लेबर के लिए अब पहले की तरह काम नहीं है. ऊपर से बढ़ती महंगाई मजदूरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है. दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूर ने बताया कि पहले तो हफ्ते के 7 दिन काम हुआ करते थे. लॉकडाउन के बाद 2 से 3 दिन भी बड़ी मुश्किल से काम मिल पा रहा है.

Labor are upset
मजदूर हुए परेशान

घर चलाने में हो रही दिक्कत

दिहाड़ी में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि बाजार खुलने के बाद उन्हें काम मिलने में परेशानी हो रही है. वहीं महंगाई के चलते परिवार को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है. श्रम विभाग की ओर से किसी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं की गई है.

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परेशान मजदूर

नहीं मिल रही कोई सहायता

मजदूरों के पास मजदूर कार्ड भी बने हुए हैं, बावजूद इसके उन्हें श्रम विभाग की ओर से किसी प्रकार की सहायता नहीं दी गई है. अब दिहाड़ी के पैसे भी पहले से कम हो गए हैं. एक मजदूर ने बताया कि राशन कार्ड है, लेकिन उसमें सिर्फ चावल मिलता है, चावल के साथ सब्जी भी खरीदना होता है, जिसके लिए उनके पास पैसे नहीं हैं.

Workers are not getting work
मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

खाली हाथ लौटते हैं घर

मजदूरों ने बताया कि काम नहीं मिलने की वजह से उन्हें खाली हाथ ही घर लौटना पड़ता है. बस सप्ताह में एक से दो दिन ही उनके पास पैसे आते हैं. उसके बाद हर दिन उन्हें बाजार से दिन भर काम का इंतजार करने के बाद खाली ही लौटना पड़ता है.

Last Updated : Jun 28, 2020, 2:26 PM IST
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