रायपुर : राजधानी में 20 अगस्त से अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर वन विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (Women forest workers broke the fast in Raipur) हैं. प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने तीजा का व्रत रखा था. आज व्रत रखने वाली महिलाओं ने गणेश चतुर्थी के दिन प्रदर्शन स्थल पर ही फलाहार और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन के माध्यम से अपना व्रत तोड़ा. व्रत तोड़ने के पहले महिलाओं ने भगवान की पूजा आराधना करने के बाद गायत्री मंत्र के साथ अपने व्रत का समापन किया.
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन से तोड़ा व्रत : वन विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी महिला कर्मचारियों ने बताया कि "अपनी मांगों को लेकर 20 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. इसी स्थान पर पोला का पर्व भी मनाए हैं. 24 घंटे का निर्जला तीजा व्रत रखकर महिलाओं ने अपने व्रत का समापन किया. उन्होंने कहा कि फलाहार भी हो गया और तीजा का व्रत भी हो गया लेकिन जिस उम्मीद से यहां पर बैठे हैं वह चीज अब तक पूरी नहीं हो पाई है और वह है स्थायीकरण और नियमितीकरण की मांग.प्रदेश के मुखिया से यही गुहार लगा रहे हैं कि सरकार हमारी भी नियमितीकरण और स्थायीकरण कर(Demands gift of regulize from CM Bhupesh ) दीजिए."
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दैनिक वेतन भोगी वनकर्मियों की 2 सूत्रीय मांग : वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग जिसमें पहला मांग स्थायीकरण और दूसरा मांग नियमितीकरण का है. इन कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूर्ण कर लिए हैं. उन्हें स्थाई किया जाए और जो दैनिक वेतन भोगी 10 वर्ष की सेवा पूरा कर चुके हैं. उन्हें नियमित किया (daily wage forest workers strike in raipur)जाए . पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 हैं. इन कर्मचारियों को वेतन के रूप में प्रतिमाह महज 9 हजार रुपए ही वेतन मिलता है. जो वन विभाग में वाहन चालक कंप्युटर, ऑपरेटर रसोईया और बेरियर का काम करने के साथ ही जंगल का काम भी देखते हैं.