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बुद्धिजीवियों के सहारे कैसे लगेगी चुनावी नैया पार ?

छत्तीसगढ़ में बीजेपी चुनावी रणनीति बनाने में जुट चुकी (bjp election strategy in Chhattisgarh ) है. पार्टी अब समाज के उन लोगों को अपने साथ ला रही है जिनका दबदबा है. लेकिन उनकी रणनीति कितनी कामयाब होती है ये आने वाला वक्त बताएगा.

bjp election strategy in Chhattisgarh
बुद्धिजीवियों के सहारे कैसे लगेगी चुनावी नैया पार
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Published : May 26, 2022, 6:59 PM IST

Updated : May 26, 2022, 11:22 PM IST

रायपुर :2023 विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा जोरों शोरों से तैयारी कर रही है. भाजपा प्रदेश प्रभारी लगातार प्रदेश का दौरा कर रही है. साथ ही प्रदेश के तमाम भाजपा नेता और कार्यकर्ता प्रदेश के बुद्धिजीवियों से मुलाकात कर रहे (bjp election strategy in Chhattisgarh ) हैं. 2018 विधानसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में दौरा किया था उस दौरान कांग्रेस ने समाज के बुद्धिजीवी लोगों को चिन्हित करके उनके साथ विचार विमर्श किया. जिसका फायदा उन्हें 2018 विधानसभा चुनाव में मिला. वहीं अब भाजपा भी इसी फार्मूले को अपनाने की राह पर है. सत्ता वापसी के लिए भाजपा समाज के बुद्धिजीवियों को पार्टी से जोड़ने की रणनीति बना रही है.


क्या है बीजेपी का रुख : नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने कहा "भाजपा नेता लगातार प्रदेश में दौरा कर रहे हैं लोगों के बीच आ रहे हैं. भाजपा में बुद्धिजीवियों की कमी नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता में से एक है इसी से पता चलता है कि भाजपा में बुद्धिजीवियों की कमी नहीं है. वहीं कांग्रेस की बात करें तो यह भगवान की कृपा है जी23 किसके यहां है." धरमलाल कौशिक ने कहा " जहां तक बुद्धिजीवियों की बात है कांग्रेस देश में सिर्फ 2 राज्यों तक सिमट के रह गई है. 2023 में जो कांग्रेस मुक्त भारत प्रधानमंत्री का आह्वान था वह साकार होते हुए नजर आ रहा है।"

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक

कांग्रेस का बीजेपी पर वार : कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद (Congress Communications Department President Sushil Anand) ने कहा " भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रभारी लगातार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रही है. प्रदेश प्रभारी के दौरे से एक बात यह तो साफ हो गई है कि प्रदेश प्रभारी को स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं है. प्रदेश प्रभारी जब जगदलपुर भी गई थी तो कोई बड़े नेता उनके साथ नहीं थे. जब वह दुर्ग में बैठक की थी तो उनके साथ कोई बड़े नेता नहीं थे. प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रदेश के किसी भी चेहरे को लेकर 2023 विधानसभा चुनाव में नहीं जाएंगे.''


किसी पार्टी के लिए बुद्धिजीवी क्योंं हैं जरुरी : वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी (Senior Journalist Ramavatar Tiwari) ने बताया " समाज के बुद्धिजीवी वर्ग समाज और विकास के बारे में व्यापक संदर्भ में सोचता है। हर पाटिया चाहती है कि ऐसे बुद्धिजीवी वर्ग जिनमें स्वार्थ ना रखकर राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ऐसे लोग पार्टी से जुड़े. ऐसे लोगों को शामिल करना स्वागत योग्य कदम है. बुद्धिजीवी वर्ग के बीच पार्टियों के लिए इसलिए भी फायदेमंद है. क्योंकि राजनीतिक दलों की विश्वसनीयता कम हो रही है. राजनीतिक दलों में अच्छे लोगों का आने का कार्यक्रम कमजोर हो रहा है. राजनीति में अच्छे वर्गों को जोड़ना उनके अच्छे कामों को स्वीकार करना पार्टी को इससे फायदा होगा. "



समाज पर पड़ेगा बड़ा असर : रामअवतार तिवारी ने बताया "हमेशा यह आरोप लगते हैं कि समाज के अच्छे लोग धीरे-धीरे पार्टी से करते जा रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि राजनीति में छल , प्रपंच और दांवपेच गहरे होते हैं। निस्वार्थ तरीके से काम करने वाले लोग ऐसे कूटनीतिक तरीके से अपने आप को चिंतित पाते हैं और राजनीति अलग होने की कोशिश में रहते हैं. पार्टियों के स्वार्थ और राजनीतिक से उठकर जो काम करना चाहते हैं. राष्ट्र और प्रदेश के विकास में जो अच्छा सुझाव दें उन लोगों को अपने पास रखने की कोशिश करना राजनीतिक तौर पर यह अच्छी पहल है , और इस पहल से उन पार्टियों को अच्छे कार्यक्रम मिलेंगे और अच्छे लोगों के जुड़ने से काम और व्यवस्थित होगा"

रायपुर :2023 विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा जोरों शोरों से तैयारी कर रही है. भाजपा प्रदेश प्रभारी लगातार प्रदेश का दौरा कर रही है. साथ ही प्रदेश के तमाम भाजपा नेता और कार्यकर्ता प्रदेश के बुद्धिजीवियों से मुलाकात कर रहे (bjp election strategy in Chhattisgarh ) हैं. 2018 विधानसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में दौरा किया था उस दौरान कांग्रेस ने समाज के बुद्धिजीवी लोगों को चिन्हित करके उनके साथ विचार विमर्श किया. जिसका फायदा उन्हें 2018 विधानसभा चुनाव में मिला. वहीं अब भाजपा भी इसी फार्मूले को अपनाने की राह पर है. सत्ता वापसी के लिए भाजपा समाज के बुद्धिजीवियों को पार्टी से जोड़ने की रणनीति बना रही है.


क्या है बीजेपी का रुख : नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने कहा "भाजपा नेता लगातार प्रदेश में दौरा कर रहे हैं लोगों के बीच आ रहे हैं. भाजपा में बुद्धिजीवियों की कमी नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता में से एक है इसी से पता चलता है कि भाजपा में बुद्धिजीवियों की कमी नहीं है. वहीं कांग्रेस की बात करें तो यह भगवान की कृपा है जी23 किसके यहां है." धरमलाल कौशिक ने कहा " जहां तक बुद्धिजीवियों की बात है कांग्रेस देश में सिर्फ 2 राज्यों तक सिमट के रह गई है. 2023 में जो कांग्रेस मुक्त भारत प्रधानमंत्री का आह्वान था वह साकार होते हुए नजर आ रहा है।"

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक

कांग्रेस का बीजेपी पर वार : कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद (Congress Communications Department President Sushil Anand) ने कहा " भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रभारी लगातार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रही है. प्रदेश प्रभारी के दौरे से एक बात यह तो साफ हो गई है कि प्रदेश प्रभारी को स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं है. प्रदेश प्रभारी जब जगदलपुर भी गई थी तो कोई बड़े नेता उनके साथ नहीं थे. जब वह दुर्ग में बैठक की थी तो उनके साथ कोई बड़े नेता नहीं थे. प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रदेश के किसी भी चेहरे को लेकर 2023 विधानसभा चुनाव में नहीं जाएंगे.''


किसी पार्टी के लिए बुद्धिजीवी क्योंं हैं जरुरी : वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी (Senior Journalist Ramavatar Tiwari) ने बताया " समाज के बुद्धिजीवी वर्ग समाज और विकास के बारे में व्यापक संदर्भ में सोचता है। हर पाटिया चाहती है कि ऐसे बुद्धिजीवी वर्ग जिनमें स्वार्थ ना रखकर राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ऐसे लोग पार्टी से जुड़े. ऐसे लोगों को शामिल करना स्वागत योग्य कदम है. बुद्धिजीवी वर्ग के बीच पार्टियों के लिए इसलिए भी फायदेमंद है. क्योंकि राजनीतिक दलों की विश्वसनीयता कम हो रही है. राजनीतिक दलों में अच्छे लोगों का आने का कार्यक्रम कमजोर हो रहा है. राजनीति में अच्छे वर्गों को जोड़ना उनके अच्छे कामों को स्वीकार करना पार्टी को इससे फायदा होगा. "



समाज पर पड़ेगा बड़ा असर : रामअवतार तिवारी ने बताया "हमेशा यह आरोप लगते हैं कि समाज के अच्छे लोग धीरे-धीरे पार्टी से करते जा रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि राजनीति में छल , प्रपंच और दांवपेच गहरे होते हैं। निस्वार्थ तरीके से काम करने वाले लोग ऐसे कूटनीतिक तरीके से अपने आप को चिंतित पाते हैं और राजनीति अलग होने की कोशिश में रहते हैं. पार्टियों के स्वार्थ और राजनीतिक से उठकर जो काम करना चाहते हैं. राष्ट्र और प्रदेश के विकास में जो अच्छा सुझाव दें उन लोगों को अपने पास रखने की कोशिश करना राजनीतिक तौर पर यह अच्छी पहल है , और इस पहल से उन पार्टियों को अच्छे कार्यक्रम मिलेंगे और अच्छे लोगों के जुड़ने से काम और व्यवस्थित होगा"

Last Updated : May 26, 2022, 11:22 PM IST

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