रायपुर : हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का विधान है.पूरे साल और हफ्ते के हर दिन किसी ना किसी भगवान की पूजा होती ही है. ऐसे में सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित किया गया है. इस दिन मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. भक्त अपने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा सोमवार को करते हैं. शंभूनाथ भी पूजन से प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. लेकिन ऐसा क्यों है कि सोमवार को ही भगवान की पूजा का सबसे ज्यादा फल भक्तों को मिलता है. आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि सोमवार के अलावा यदि आप किसी और दिन भोलनाथ की पूजा करते हैं तो परिणाम क्यों अनूकूल नहीं होंगे.पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सोमवार के दिन शिव पूजा का फल अनुपम होता है. आइए जानते हैं सोमवार के पूजन विधि के रहस्य को.
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सोमवार को इसलिए होती है शिव पूजा
सोमवार का दिन शिव पूजा सबसे उपयुक्त है. इस दिन के व्रत को सोमेश्वर व्रत के नाम से भी लोग जानते हैं. जैसा कि सभी को विदित है शिव ने चंद्रमा यानी सोम को अपने सिर पर धारण किया है. यानी सोम के ईश्वर शिव हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रदेव ने इसी दिन भगवान शिव की आराधना करके अपने क्षय रोग से मुक्ति प्राप्त की थी, इसलिए सोमवार के दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाने लगा. एक पौराणिक कथा माता पार्वती से भी जुड़ी है.ऐसा कहा जाता है कि माता पार्वती ने शिव को पाने के लिए कई सालों तक घोर तप किया. इस दौरान पार्वती ने शिव के लिए 16 सोमवार के कड़े व्रत भी रखें.जिससे भगवान शिव प्रसन्न हो गए. शिव ने माता पार्वती को दर्शन देकर उन्हें मनचाहा वरदान मांगने को कहा था. जिसके बाद माता ने शिव को अपने पति के रूप में पाने की इच्छा जाहिर की. घोर तप और सोलह सोमवार की वजह से भगवान शिव मना नहीं कर पाए, इसलिए ऐसी मान्यता बन गई कि शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का दिन ही सबसे उपयुक्त है.
शिव पूजन में इन मंत्रों का करें जाप-
- ओम नमः शिवाय
- ओम त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम
- ओम नीलकंठाय
- ओम पार्वतीपतये नमः