रायपुर : छत्तीसगढ़ में दूसरी बार हेलीकॉप्टर क्रैश (triple engine helicopter crash) की घटना हुई. माना के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर लैंडिग के वक्त तकनीकी खराबी आ जाने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार का हेलीकॉप्टर जमीन से टकराकर ताश की पत्तों की तरह बिखर गया. इस हादसे में दो जांबाज पायलट्स भी हमारे देश ने खो दिए. लेकिन इस हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद कई सारे सवाल सामने आने लगे हैं. जैसे इस हेलीकॉप्टर में जो इंजन था वो ट्रिपल मैकेनिज्म में काम करता था. जिसके कारण एक के खराब होने पर दूसरे और तीसरे इंजन से काम चलाया जा सकता था. तो फिर ऐसा क्या हुआ कि होनहार पायलट भी इस हेलीकॉप्टर को समझने में गलती कर बैठे.
कैप्टन एपी श्रीवास्तव और गोपाल पांडा की आखिरी उड़ान : कैप्टन एपी श्रीवास्तव दिल्ली से कैप्टन गोपाल कृष्ण पांडा (Capt AP Srivastava and Gopal Panda) को हेलीकॉप्टर की नई तकनीक के बारे में जानकारी देने आए थे. जिससे वो आगे की उड़ानों में इस तकनीक का लाभ ले सके. दोनों ने तय किया कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर पर ट्रेनिंग की जाए. दोनों तय समय के मुताबिक अपनी ट्रेनिंग कर ही रहे थे कि हेलीकॉप्टर में दिक्कत आई. पायलट ने इसे नीचे उतारने की कोशिश कि लेकिन ये सीधा जमीन पर धड़ाम से आ गिरा.
भरोसेमंद हेलीकॉप्टर का ऐसा हश्र : ये अगस्ता हेलीकॉप्टर छत्तीसगढ़ सरकार ने 15 साल पहले खरीदा था. तब प्रदेश में बीजेपी की रमन सरकार थी. 15 साल ये छत्तीसगढ़ सरकार का इकलौता सरकारी हेलीकॉप्टर था. इसके पहले भी सरकार के पास एक हेलीकॉप्टर था. लेकिन वो भोपाल से वापसी के वक्त क्रैश हो गया. इस हादसे में भी कैप्टन समेत 4 लोगों की जान गई थी.
गोपालकृष्ण पांडा ही थे हेलीकॉप्टर के कैप्टन : इस हेलीकॉप्टर की सबसे अधिक जानकारी यदि किसी के पास थी तो वो थे गोपालकृष्ण पांडा. पांडा ने कई मौकों पर मुश्किल में फंसे इस हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग कराई थी. ऐसे कई मौके आए जब हेलीकॉप्टर ने हवा में ही अपना नियंत्रण खोया लेकिन इसे पांडा की समझदारी और कुशलता ही कहेंगे उन्होंने कभी किसी भी वीआईपी या स्टाफ को खरोंच तक नहीं आने दी. पांडा ने खराब मौसम और तकनीकी खराबियों के बावजूद हेलीकॉप्टर को सुरक्षित लैंड करवाया था. इसलिए कैप्टन पांडा की पायलटिंग को लेकर कई नेता उन पर काफी भरोसा करते थे.
क्या थी इसकी खासियत : अगस्ता हेलिकॉप्टर के अलावा छत्तीसगढ़ सरकार के पास दो किराए के और हेलिकॉप्टर उपलब्ध हैं. लेकिन अगस्ता हेलिकॉप्टर इन सब में काफी अलग था. अगस्ता की खासियत ये थी कि इस हेलिकॉप्टर का केबिन सबसे बड़ा था. 2.49 मीटर चौड़ा और 1. 89 मीटर ऊंचाई थी. अधिकतम 15600 किलो वजन लेकर उड़ान भर सकता था. इसमें तीन ताकतवर इंजन लगे थे. तीन स्वतंत्र हाइड्रोलिक सिस्टम भी था. हवा में ईंधन भरने की क्षमता रखता था. 278 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की क्षमता इस हेलीकॉप्टर में थी. इसके साथ ही दोनों तरफ मशीन गन फिट करने की सुविधा भी थी. बॉडी को बुलेट प्रूफ बनाने की सुविधा इस हेलीकॉप्टर में दी गई थी.