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ट्रायल के बाद बच्चों के लिए को-वैक्सीन स्वीकृत, गाइडलाइन का हो रहा है इंतजार - ट्रायल

प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमित (corona infected) मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़नी शुरू हो गई है. प्रमुख शहर जैसे रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा जैसे इलाकों में धीरे-धीरे संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं (Infected patients are increasing) . ऐसे में तेजी से वैक्सीनेशन बहुत जरूरी (vaccination is very important) हो गया है लेकिन त्योहारी सीजन (festive season) होने की वजह से काफी कम मात्रा में लोग वैक्सीनेशन (vaccination) के लिए टीकाकरण केंद्र (vaccination center) पहुंच रहे हैं.

Waiting for guidelines for covaccine in children
बच्चों में कोवैक्सीन के लिए गाइडलाइन का इंतजार
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Published : Nov 14, 2021, 4:49 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 5:31 PM IST

रायपुरः प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या (number of corona infected patients) धीरे-धीरे बढ़नी शुरू हो गई है. प्रमुख शहर जैसे रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा जैसे इलाकों में धीरे-धीरे संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे में तेजी से वैक्सीनेशन बहुत जरूरी हो गया है लेकिन त्योहारी सीजन (festive season) होने की वजह से काफी कम मात्रा में लोग वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण केंद्र (vaccination center) पहुंच रहे हैं.

बच्चों में कोवैक्सीन के लिए गाइडलाइन का इंतजार

वहीं, नवरात्रि, दिवाली, छठ पूजा जैसे त्योहारों में भारी संख्या में लोग सामानों की खरीदारी के लिए बाजार पहुंचे हुए थे. जिससे बाजारों में काफी भीड़ नजर आ रही थी. इस दौरान लोगों की लापरवाही भी नजर आई और बिना मास्क के लोग बाजार पहुंच रहे थे. बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था. इस वजह से अगले 10 से 15 दिन प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने का अनुमान है.

नवंबर लास्ट तक बच्चों के लिए स्वदेशी वैक्सीन आने का अनुमान
छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली लहर में कुल संक्रमितो में 7.8% और दूसरी लहर में 8.1% आबादी बच्चों की थी. प्रदेश के करीबन ढाई करोड़ की आबादी है. जिसमें से डेढ़ करोड़ लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है. लगभग 80 लाख लोगों को वैक्सीनेशन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं. प्रदेश में करीब 42 लाख बच्चे हैं. जिन्हें वैक्सीन अभी नहीं लगाया लगाया गया है. ऐसे में बच्चों पर तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है लेकिन अच्छी बात यह है कि नवंबर लास्ट तक बच्चों के लिए स्वदेशी वैक्सीन आने का अनुमान जताया जा रहा है. ऐसे में वैक्सीन बच्चों में कितनी कारगर साबित होगी, किस तरह की वैक्सीन उन्हें लगाई जाएगी, इसको लेकर ईटीवी भारत ने शिशु रोग विभाग के प्रभारी ओंकार खंडेवाल से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?

हैदराबाद एयरपोर्ट पर बस्तर सांसद दीपक बैज का धरना

तमाम ट्रायल के बाद बच्चों के लिए को-वैक्सीन स्वीकृत

शिशु रोग विभाग के प्रभारी ओंकार खंडेवाल ने बताया कि अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार स्पष्ट गाइडलाइन मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली अफेयर्स से अभी नहीं आया है लेकिन जो जानकारी हमें है उस हिसाब से 2 से 18 साल तक के बच्चों के लिए को-वैक्सीन स्वीकृत कर दी गई है. तमाम तरह के टाइल पहले हुए हैं एम्स पटना में और भी कई एम्स में ट्रायल हुए हैं. उसमें कई बच्चों ने भाग लिया था और कई बच्चे तो वहां पर जो डॉक्टर काम कर रहे थे, उनके ही बच्चे थे. उन चिकित्सकों ने अपने बच्चों को ट्रायल के लिए आगे किया था और लंबे ट्रायल के बाद अब हमारे पास पर्याप्त जानकारी है. जिसको डीसीसीआई का अप्रूवल भी हो चुका है. यह वैक्सीन सुरक्षित है और बच्चों में लगाने के योग्य है.

जो वैक्सीन अब तक बड़ों को लग रही थी वही सेम फार्मूले की वैक्सीन बच्चों को भी लगेगी. आगे आने वाले डिटेल में हमें समझ आएगा कि जितने डोज बड़े को लगाया जाता था. क्या उतना ही बच्चों को लगाया जाएगा या उसमें अंतर रहेगा. वैक्सीन लगाने के बाद जैसे बड़ों को सर्दी बुखार या बदन दर्द जैसी मामूली समस्या आ रही थी, हो सकता है बच्चों में भी इस तरह की समस्या देखने को मिले. अभी आप देखेंगे कि हाल ही में देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन को पार किया है तो हमारे पास दोनों वैक्सीन के पर्याप्त डाटा मौजूद हैं.

रायपुरः प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या (number of corona infected patients) धीरे-धीरे बढ़नी शुरू हो गई है. प्रमुख शहर जैसे रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा जैसे इलाकों में धीरे-धीरे संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे में तेजी से वैक्सीनेशन बहुत जरूरी हो गया है लेकिन त्योहारी सीजन (festive season) होने की वजह से काफी कम मात्रा में लोग वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण केंद्र (vaccination center) पहुंच रहे हैं.

बच्चों में कोवैक्सीन के लिए गाइडलाइन का इंतजार

वहीं, नवरात्रि, दिवाली, छठ पूजा जैसे त्योहारों में भारी संख्या में लोग सामानों की खरीदारी के लिए बाजार पहुंचे हुए थे. जिससे बाजारों में काफी भीड़ नजर आ रही थी. इस दौरान लोगों की लापरवाही भी नजर आई और बिना मास्क के लोग बाजार पहुंच रहे थे. बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था. इस वजह से अगले 10 से 15 दिन प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने का अनुमान है.

नवंबर लास्ट तक बच्चों के लिए स्वदेशी वैक्सीन आने का अनुमान
छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली लहर में कुल संक्रमितो में 7.8% और दूसरी लहर में 8.1% आबादी बच्चों की थी. प्रदेश के करीबन ढाई करोड़ की आबादी है. जिसमें से डेढ़ करोड़ लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है. लगभग 80 लाख लोगों को वैक्सीनेशन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं. प्रदेश में करीब 42 लाख बच्चे हैं. जिन्हें वैक्सीन अभी नहीं लगाया लगाया गया है. ऐसे में बच्चों पर तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है लेकिन अच्छी बात यह है कि नवंबर लास्ट तक बच्चों के लिए स्वदेशी वैक्सीन आने का अनुमान जताया जा रहा है. ऐसे में वैक्सीन बच्चों में कितनी कारगर साबित होगी, किस तरह की वैक्सीन उन्हें लगाई जाएगी, इसको लेकर ईटीवी भारत ने शिशु रोग विभाग के प्रभारी ओंकार खंडेवाल से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?

हैदराबाद एयरपोर्ट पर बस्तर सांसद दीपक बैज का धरना

तमाम ट्रायल के बाद बच्चों के लिए को-वैक्सीन स्वीकृत

शिशु रोग विभाग के प्रभारी ओंकार खंडेवाल ने बताया कि अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार स्पष्ट गाइडलाइन मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली अफेयर्स से अभी नहीं आया है लेकिन जो जानकारी हमें है उस हिसाब से 2 से 18 साल तक के बच्चों के लिए को-वैक्सीन स्वीकृत कर दी गई है. तमाम तरह के टाइल पहले हुए हैं एम्स पटना में और भी कई एम्स में ट्रायल हुए हैं. उसमें कई बच्चों ने भाग लिया था और कई बच्चे तो वहां पर जो डॉक्टर काम कर रहे थे, उनके ही बच्चे थे. उन चिकित्सकों ने अपने बच्चों को ट्रायल के लिए आगे किया था और लंबे ट्रायल के बाद अब हमारे पास पर्याप्त जानकारी है. जिसको डीसीसीआई का अप्रूवल भी हो चुका है. यह वैक्सीन सुरक्षित है और बच्चों में लगाने के योग्य है.

जो वैक्सीन अब तक बड़ों को लग रही थी वही सेम फार्मूले की वैक्सीन बच्चों को भी लगेगी. आगे आने वाले डिटेल में हमें समझ आएगा कि जितने डोज बड़े को लगाया जाता था. क्या उतना ही बच्चों को लगाया जाएगा या उसमें अंतर रहेगा. वैक्सीन लगाने के बाद जैसे बड़ों को सर्दी बुखार या बदन दर्द जैसी मामूली समस्या आ रही थी, हो सकता है बच्चों में भी इस तरह की समस्या देखने को मिले. अभी आप देखेंगे कि हाल ही में देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन को पार किया है तो हमारे पास दोनों वैक्सीन के पर्याप्त डाटा मौजूद हैं.

Last Updated : Nov 14, 2021, 5:31 PM IST
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