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तीज पर्व पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का प्रदर्शन

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Published : Sep 9, 2021, 6:04 PM IST

राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (anganwadi worker) सहायिका कल्याण संघ ने अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. तीज पर्व (Teej festival celebration) पर इस प्रदर्शन के बीच आंदोलनकारियों ने सरकार पर कई आरोप लगाए.

Vigorous demonstration of Anganwadi workers and assistants in Raipur on Teej festival
तीज पर्व पर रायपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का जोरदार प्रदर्शन

रायपुरः छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ (Combatant Anganwadi Workers Helper Welfare Association) ने अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ नारे लगाए. तीजा उपवास (fasting fast) के दिन प्रदेश भर से हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (thousands of Anganwadi workers) और सहायिकाओं ने त्याग और समर्पण की भावना को लेकर प्रदर्शन किया.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का जोरदार प्रदर्शन

प्रदर्शन स्थल पर ही भगवान भोलेनाथ के ओम नमः शिवाय के मंत्रों (Om Namah Shivaya Mantras) का जाप किया और कहा कि सरकार (Government) इनकी चार सूत्रीय मांगों को पूरा करे. प्रमुख मांगों में शासकीय कर्मचारी घोषित करते हुए जन घोषणा पत्र में लिखा गया कलेक्टर (Collector) दर तत्काल दिये जाने, हड़ताल और बर्खास्त (
dismissed) अवधि का मानदेय तत्काल दिये जाने, 1500 रुपए बढ़े मानदेय का एरियर्स (honorarium arrears) भुगतान, पर्यवेक्षक भर्ती तत्काल निकालने (Supervisor Recruitment Instant Extract), पदोन्नति (promote) करने, आयु सीमा में छूट दिए जाने, सेवा समाप्ति (service termination) के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपया भुगतान, सहायिकाओं को 3 लाख रुपया भुगतान किए जाने आदि पर आवाज उठाई.

घर-घर तक है पहुंच

पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की संख्या 11 हजार है. छत्तीसगढ़ में महिला बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) के अधीन कार्य करने वाली अकेले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या 5500 और सहायिकाओं की संख्या भी 5500 है. प्रदेश के सभी जिलों और विकासखंड (block) में गरीब से लेकर निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पहुंच रखती हैं.

रायपुर: अग्नि समाधि के लिए क्यों मजबूर हुई विधवा महिलाएं?

इनके कंधों पर 16 योजनाओं की जिम्मेवारी

गर्भधारण से लेकर प्रसूति (pregnancy to delivery), गर्भवती (Pregnant) महिला का टीकाकरण, उनकी जांच, डिलीवरी, आहार पूरक पोषण, बच्चों का वजन, टीकाकरण (vaccination), कुपोषण से बचाव, सुपोषण (Nutrition), गोद भराई, अन्नप्राशन, बाल भोज, मातृत्व वंदना, बालमित्र बनाना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह शाला, प्रवेश उत्सव (entrance festival) जैसे तमाम तरह की 16 योजनाओं का संचालन भी इन्हीं के माध्यम से किया जाता है. अभी कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना वैरियर्स के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई है.

ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा मानदेय
वर्तमान सरकार की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 6500 रुपया और आंगनबाड़ी सहायिका को महज 3200 रुपए मानदेय मिलता है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका से 8 से 10 घंटे काम लिया जाता है. श्रम कानूनों (labor laws) के तहत कलेक्टर दर तय किया गया है, वह भी इन्हें नहीं मिल पाता. बात अगर मध्य प्रदेश की करें तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को हर महीने मानदेय के रूप में 11,500 दिया जाता है.

रायपुरः छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ (Combatant Anganwadi Workers Helper Welfare Association) ने अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ नारे लगाए. तीजा उपवास (fasting fast) के दिन प्रदेश भर से हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (thousands of Anganwadi workers) और सहायिकाओं ने त्याग और समर्पण की भावना को लेकर प्रदर्शन किया.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का जोरदार प्रदर्शन

प्रदर्शन स्थल पर ही भगवान भोलेनाथ के ओम नमः शिवाय के मंत्रों (Om Namah Shivaya Mantras) का जाप किया और कहा कि सरकार (Government) इनकी चार सूत्रीय मांगों को पूरा करे. प्रमुख मांगों में शासकीय कर्मचारी घोषित करते हुए जन घोषणा पत्र में लिखा गया कलेक्टर (Collector) दर तत्काल दिये जाने, हड़ताल और बर्खास्त (
dismissed) अवधि का मानदेय तत्काल दिये जाने, 1500 रुपए बढ़े मानदेय का एरियर्स (honorarium arrears) भुगतान, पर्यवेक्षक भर्ती तत्काल निकालने (Supervisor Recruitment Instant Extract), पदोन्नति (promote) करने, आयु सीमा में छूट दिए जाने, सेवा समाप्ति (service termination) के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपया भुगतान, सहायिकाओं को 3 लाख रुपया भुगतान किए जाने आदि पर आवाज उठाई.

घर-घर तक है पहुंच

पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की संख्या 11 हजार है. छत्तीसगढ़ में महिला बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) के अधीन कार्य करने वाली अकेले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या 5500 और सहायिकाओं की संख्या भी 5500 है. प्रदेश के सभी जिलों और विकासखंड (block) में गरीब से लेकर निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पहुंच रखती हैं.

रायपुर: अग्नि समाधि के लिए क्यों मजबूर हुई विधवा महिलाएं?

इनके कंधों पर 16 योजनाओं की जिम्मेवारी

गर्भधारण से लेकर प्रसूति (pregnancy to delivery), गर्भवती (Pregnant) महिला का टीकाकरण, उनकी जांच, डिलीवरी, आहार पूरक पोषण, बच्चों का वजन, टीकाकरण (vaccination), कुपोषण से बचाव, सुपोषण (Nutrition), गोद भराई, अन्नप्राशन, बाल भोज, मातृत्व वंदना, बालमित्र बनाना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह शाला, प्रवेश उत्सव (entrance festival) जैसे तमाम तरह की 16 योजनाओं का संचालन भी इन्हीं के माध्यम से किया जाता है. अभी कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना वैरियर्स के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई है.

ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा मानदेय
वर्तमान सरकार की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 6500 रुपया और आंगनबाड़ी सहायिका को महज 3200 रुपए मानदेय मिलता है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका से 8 से 10 घंटे काम लिया जाता है. श्रम कानूनों (labor laws) के तहत कलेक्टर दर तय किया गया है, वह भी इन्हें नहीं मिल पाता. बात अगर मध्य प्रदेश की करें तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को हर महीने मानदेय के रूप में 11,500 दिया जाता है.

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