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हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल में अंग्रेजी सिखाने का अनोखा तरीका - Government JN Pandey School Raipur

रायपुर में एक सरकारी हिंदी मीडियम स्कूल अपने बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए अनोखा प्रयोग कर रहा (Unique way to teach English in Hindi medium government school) है.

Unique way to teach English in Hindi medium government school
हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल में अंग्रेजी सिखाने का अनोखा तरीका
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Published : Jul 18, 2022, 6:51 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 10:04 PM IST

रायपुर :हिंदी मीडियम के बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए अब लंच ब्रेक के दौरान भी पढ़ाई कराई जा रही है.यह पढ़ाई का तरीका कुछ अलग (Unique way to teach English in Hindi medium government school) है .अब खाली वक्त के दौरान छात्र ऑडिओ के माध्यम से अंग्रेजी सीखेगे.लंच ब्रेक के दौरान अंग्रेजी सिखाने की यह कवायद शासकीय जेएन पांडे स्कूल (Government JN Pandey School Raipur) द्वारा शुरू की गई है.स्कूल के प्रिंसिपल मोहन राव सावंत ने बताया " स्कूल में अंग्रेजी के व्याख्याताओं के साथ मिलकर नए क्रिएशन की शुरुआत की गई. हमारे हिंदी माध्यम के स्टूडेंट अंग्रेजी विषय में कमजोर. छोटे छोटे सेंटेंस और कहानी पहले हिंदी में सुनाई जाती है. उसके बाद उसी कहानी को अंग्रेजी में सुनाया जाता (English class during lunch break in Raipur) है.''

हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल में अंग्रेजी सिखाने का अनोखा तरीका
सुनकर सीखने से याद रहते हैं शब्द : स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि "जिस तरह से बंगाली , छत्तीसगढ़, तमिल परिवार में बच्चा अपने माता पिता और परिवार वालों से सुनकर भाषा सीखता है, उसे अलग से भाषा सिखाने की जरूरत नहीं पड़ती. सुनकर उसे भाषा का ज्ञान हो जाता है और वह बोलने भी लगता है. हमने नई सोच के तहत यह शुरुआत की है कि बच्चे हिंदी और अंग्रेजी में कहानियां, सेंटेंस को ऑडिओ के माध्यम से सुनेगे और सीखेगे. रोजाना अंग्रेजी के शब्द सुनने से बच्चों को बेहद फायदा होगा और. सुन-सुनकर वे अंग्रेजी बोलने का भी प्रयास करेंगे.''स्कूल के शिक्षक की तैयार करते है ऑडियो कंटेट : स्कूल के प्राचार्य ने बताया " अंग्रेजी सिखाने के लिए बहुत सारे कंटेंट इंटरनेट में मौजूद है, लेकिन हमारे स्कूल के शिक्षक ऑडियो कंटेंट तैयार करते हैं ताकि बच्चों को अच्छे से समझ आ सके. शिक्षक पहले स्टोरी और सेंटेंस को हिंदी में बतलाता है और उसी स्टोरी को अंग्रेजी में बताया जाता है. लंच ब्रेक के दौरान सभी बच्चे इसे सुन पाए इसलिए ब्लूटूथ डिवाइस को लाउडस्पीकर से जोड़ दिया जाता है ताकि सभी बच्चे इसे सुनकर अंग्रेजी के शब्द समझ सके."स्कूल के स्टूडेंट ने तैयार किया ब्लूटूथ स्पीकर डिवाइस : जेन एन पांडे स्कूल में ही लंच के दौरान चलने वाले ब्लूटूथ कनेक्टिविटी ऑडियो डिवाइस को बनाया गया (Government school student made bluetooth device) है. वह स्कूल के ही पढ़ने वाले आठवी कक्षा के योगेंद्र साहू ने बनाया है.हमने हाईस्कूल के स्टूडेंट को भी यह डिवाइस बनने के लिए प्रेरित किया है. हाई स्कूल के बच्चे एक बड़ा डिवाइस तैयार कर रहे हैं ताकि इसका साउंड भी ज्यादा दूर तक आज सके.

अंग्रेजी सीखाना है लक्ष्य : स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि" हमारा प्रयास है कि हिंदी मीडियम के बच्चे अंग्रेजी अच्छे से सीख पाए ज्यादातर यह देखा गया है कि हिंदी मीडियम के बच्चों को अंग्रेजी से हिचक होती है. उन्हें घबराहट को दूर करने के लिए ऑडियो के माध्यम से हम खाली वक्त में स्टोरी चलाते हैं ताकि आवाज सुनकर बच्चों के अंदर अंग्रेजी का भय दूर हो "


रायपुर :हिंदी मीडियम के बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए अब लंच ब्रेक के दौरान भी पढ़ाई कराई जा रही है.यह पढ़ाई का तरीका कुछ अलग (Unique way to teach English in Hindi medium government school) है .अब खाली वक्त के दौरान छात्र ऑडिओ के माध्यम से अंग्रेजी सीखेगे.लंच ब्रेक के दौरान अंग्रेजी सिखाने की यह कवायद शासकीय जेएन पांडे स्कूल (Government JN Pandey School Raipur) द्वारा शुरू की गई है.स्कूल के प्रिंसिपल मोहन राव सावंत ने बताया " स्कूल में अंग्रेजी के व्याख्याताओं के साथ मिलकर नए क्रिएशन की शुरुआत की गई. हमारे हिंदी माध्यम के स्टूडेंट अंग्रेजी विषय में कमजोर. छोटे छोटे सेंटेंस और कहानी पहले हिंदी में सुनाई जाती है. उसके बाद उसी कहानी को अंग्रेजी में सुनाया जाता (English class during lunch break in Raipur) है.''

हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल में अंग्रेजी सिखाने का अनोखा तरीका
सुनकर सीखने से याद रहते हैं शब्द : स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि "जिस तरह से बंगाली , छत्तीसगढ़, तमिल परिवार में बच्चा अपने माता पिता और परिवार वालों से सुनकर भाषा सीखता है, उसे अलग से भाषा सिखाने की जरूरत नहीं पड़ती. सुनकर उसे भाषा का ज्ञान हो जाता है और वह बोलने भी लगता है. हमने नई सोच के तहत यह शुरुआत की है कि बच्चे हिंदी और अंग्रेजी में कहानियां, सेंटेंस को ऑडिओ के माध्यम से सुनेगे और सीखेगे. रोजाना अंग्रेजी के शब्द सुनने से बच्चों को बेहद फायदा होगा और. सुन-सुनकर वे अंग्रेजी बोलने का भी प्रयास करेंगे.''स्कूल के शिक्षक की तैयार करते है ऑडियो कंटेट : स्कूल के प्राचार्य ने बताया " अंग्रेजी सिखाने के लिए बहुत सारे कंटेंट इंटरनेट में मौजूद है, लेकिन हमारे स्कूल के शिक्षक ऑडियो कंटेंट तैयार करते हैं ताकि बच्चों को अच्छे से समझ आ सके. शिक्षक पहले स्टोरी और सेंटेंस को हिंदी में बतलाता है और उसी स्टोरी को अंग्रेजी में बताया जाता है. लंच ब्रेक के दौरान सभी बच्चे इसे सुन पाए इसलिए ब्लूटूथ डिवाइस को लाउडस्पीकर से जोड़ दिया जाता है ताकि सभी बच्चे इसे सुनकर अंग्रेजी के शब्द समझ सके."स्कूल के स्टूडेंट ने तैयार किया ब्लूटूथ स्पीकर डिवाइस : जेन एन पांडे स्कूल में ही लंच के दौरान चलने वाले ब्लूटूथ कनेक्टिविटी ऑडियो डिवाइस को बनाया गया (Government school student made bluetooth device) है. वह स्कूल के ही पढ़ने वाले आठवी कक्षा के योगेंद्र साहू ने बनाया है.हमने हाईस्कूल के स्टूडेंट को भी यह डिवाइस बनने के लिए प्रेरित किया है. हाई स्कूल के बच्चे एक बड़ा डिवाइस तैयार कर रहे हैं ताकि इसका साउंड भी ज्यादा दूर तक आज सके.

अंग्रेजी सीखाना है लक्ष्य : स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि" हमारा प्रयास है कि हिंदी मीडियम के बच्चे अंग्रेजी अच्छे से सीख पाए ज्यादातर यह देखा गया है कि हिंदी मीडियम के बच्चों को अंग्रेजी से हिचक होती है. उन्हें घबराहट को दूर करने के लिए ऑडियो के माध्यम से हम खाली वक्त में स्टोरी चलाते हैं ताकि आवाज सुनकर बच्चों के अंदर अंग्रेजी का भय दूर हो "


Last Updated : Jul 18, 2022, 10:04 PM IST

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