रायपुर: श्रीराम मंदिर के चंदे को लेकर प्रदेश में भी सियासत गरमाई हुई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बयान में साफ कहा है कि कोई भी व्यक्ति राम मंदिर के नाम पर चंदा नहीं ले सकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले दिनों बिलासपुर में एक महिला के खिलाफ एफआईआर हुई थी. वो महिला अनाधिकृत तौर पर रसीद छपवा कर चंदा ले रही थी. दूसरे राज्यों में भी इस प्रकार की घटनाएं सामने आई है. कुछ लोग रसीद बुक लिए चंदा उगाही कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट से जानकारी मांगी गई है कि छत्तीसगढ़ में उनकी ओर से चंदा लेने के लिए किसे अधिकृत किया गया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति चंदा नहीं ले सकता है. जनता और सरकार दोनों को इसकी जानकारी होनी चाहिए कि इस काम के लिए किसे नियुक्त किया गया है. इसके बाद जो गलत करेगा उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी.
पढ़ें : राम मंदिर निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ में चंदा जुटाएगा विहिप, 4 लाख परिवार तक पहुंचने का लक्ष्य
बता दें कि कुछ दिन पूर्व आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने बिलासपुर में एक महिला को पकड़ा था. उनका आरोप था कि महिला रसीद बुक छपवा कर लोगों से राम मंदिर के नाम पर चंदा ले रही थी. वह चंदा लेने के लिए अधिकृत नहीं है. इधर संघ और उनके अनुषांगिक संगठन निधि संग्रह के नाम पर बड़ा अभियान चला रहे हैं.
क्या है राम मंदिर निर्माण चंदा का मामला ?
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देशभर के प्रत्येक राम भक्त का सहयोग लिया जाएगा. इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे. राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान की घोषणा करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महा-सचिव चंपत राय ने कहा था कि आगामी मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा(27 फरवरी) तक चलाने वाले इस सघन अभियान में विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क करेंगे. देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग के साथ राम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा.