रायपुर : प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा (TS Singhdev resigns from Panchayat Department) दे दिया है. इस इस्तीफे के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में खलबली मच गई है. राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी के मुताबिक ''टीएस सिंहदेव बीते कई दिनों से सरकार के कामकाज को लेकर असंतुष्ट नजर आ रहे थे. हाल ही में उन्होंने हसदेव अरण्य में कोयला खनन और जंगल काटे जाने के खिलाफ चल रहे आदिवासियों के आंदोलन का समर्थन किया था. मनरेगा में मजदूरों को भुगतान न मिलने के कारण इनके द्वारा कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. उन्हें वापस बहाल कर दिया गया. इस बात से भी सिंहदेव नाराज थे.''
क्या हो सकता है कारण : रामअवतार तिवारी ने कहा कि ''यह कोई पहला या दूसरा मामला नहीं है जिस पर सिंहदेव की नाराजगी (TS Singhdev displeasure) देखी गई. इसके पहले भी कई अवसरों पर सिंहदेव की खुलकर सरकार के खिलाफ नाराजगी सामने आई है.'' तिवारी ने यह भी कहा कि ''प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री के पद को लेकर खींचतान मची हुई थी. जिसे हाईकमान ने सुलझा लिया था और मुख्यमंत्री का पद भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) को दे दिया था. इसके बाद से ही बघेल और सिंहदेव के बीच मतभेद साफ दिखाई पड़ने लगा. जब भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे हुए उस समय भी टीएस सिंह देव लगातार हाईकमान से मिलने दिल्ली जाते रहे हैं. जिसे मुख्यमंत्री के बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा था. मगर उसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था.''
इस्तीफे पर बीजेपी का बयान : सिंहदेव के अचानक पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत (BJP spokesperson Rajesh Munat) ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि ''पद पर रहते हुए काम ना कर पाने से अच्छा है कि विभाग ही छोड़ दें. टी एस सिंहदेव ने पंचायत मंत्री का पद छोड़कर बड़ा जिगर दिखाया है. भूपेश बघेल जी आपसे भी सरकार नहीं संभल रही है थोड़ी हिम्मत दिखाइए.''
विष्णुदेव साय ने सीएम भूपेश पर साधा निशाना : छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा देने पर कहा कि '' पंचायत मंत्री का एक विभाग छोड़ना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तानाशाही का प्रमाण है. मुख्यमंत्री न खुद कोई काम कर रहे और न ही मंत्रियों को करने देते. उनकी हिटलरशाही से तंग आकर पंचायत मंत्री सिंहदेव ने पंचायत विभाग छोड़ दिया है. सिंहदेव को स्वास्थ्य मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि इस विभाग में भी उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस संगठन में भी कब्जेदारी कर रहे हैं. अभी हाल ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बीच की जंग सामने आई थी और अब मंत्री सिंहदेव और मुख्यमंत्री बघेल के बीच का द्वंद सड़क पर आ गया है. यह सरकार अपने अंतर्विरोध के कारण खुद ही ढह जायेगी. मुख्यमंत्री जी स्पष्ट करे ऐसी स्थिति क्यों बनी ?''
टीएस सिंहदेव के पास कौन से विभाग : सिंहदेव के पास पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) का प्रभार है. उन्होंने अपने इन विभागों में से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा सौंप दिया है. सिंहदेव अपने प्रभार वाले बाकी विभागों में कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहेंगे.