आदिवासियों से मिलने अरविंद नेताम पहुंचे हैं. दोनों की बातचीत जारी है. अबूझमाड़-ओरछा मार्ग पर ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं.
आदिवासी आंदोलन LIVE: तहसीलदार को खाली हाथ लौटाया, विधायक, सांसद और मंत्री से बातचीत पर अड़े
14:52 December 04
अरविंद नेताम से चर्चा जारी
14:25 December 04
बस्तर आईजी ने की शांति की अपील
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि गुरुवार से ओरछा मार्ग पर सड़क पर धरना पर बैठे ग्रामीणों को धरना खत्म करने की समझाइश देने की कोशिश की जा रही है. शासन-प्रशासन द्वारा भी ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी मांगों पर विचार करने की तैयारी की जा रही है. आईजी ने कहा है कि फिलहाल उन्होंने नारायणपुर पुलिस के माध्यम से ग्रामीणों को शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है. वर्तमान में स्थिति सामान्य है. वहीं 6 ग्रामीणों के गिरफ्तारी के मामले में आईजी ने कहा कि यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिस पर कार्रवाई जारी है.
14:08 December 04
तहसीलदार को आदिवासियों ने खाली हाथ लौटाया
आंदोलन कर रहे आदिवासियों से तहसीलदार आशुतोष शर्मा बात करने पहुंचे. उन्होंने आदिवासियों से लिखित में समस्या मांगी और हल करने का आश्वासन दिया. साथ ही तहसीलदार ने कहा कि 10 लोग जाकर जिला मुख्यालय बात कर सकते हैं. इस पर आदिवासियों ने जवाब दिया कि 10 लोग नहीं जाना होगा तो सभी जाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों को लिखकर थक गए हैं. यहां जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद या मंत्री आएंगे तभी बात बनेगी.
12:06 December 04
महिलाओं, बच्चों के साथ डटे बस्तर के ग्रामीण, आग के सहारे काटी रात
नारायणपुर में आदिवासियों का प्रदर्शन जारी है. ग्रामीण आमादई खदान को केन्द्र सरकार के निक्को कंपनी को लीज पर देने से नाराज हैं. अदिवासी प्रदर्शन करते हुए 6 आदिवासियों की जेल से रिहाई की मांग भी कर रहे हैं. ग्रामीणों ने ओरछा मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है. सैकड़ों ग्रामीणों ने इस कड़कड़ाती ठंड में आग के सहारे रात बिताई है.
ग्रामीणों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. ग्रामीणों ने 17 दिसंबर तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है. उनका कहना है कि जब तक प्रशासन मौके पर नहीं पहुचेगा, वे रास्ता नहीं छोड़ेंगे.
बस्तर संभाग सहित सैकड़ों गांवों के आदिवासी ग्रामीण आंदोलन करने के लिए लामबंद हुए हैं. आज भी सूचना मिल रही है कि लगातार ग्रामीणों की संख्या में इजाफा हो रहा है. गुरुवार के मुकाबले आज ग्रामीणों की संख्या दोगुनी हो गई है. ग्रामीण कई दिनों का राशन भी अपने साथ लेकर निकले हैं.
14:52 December 04
अरविंद नेताम से चर्चा जारी
आदिवासियों से मिलने अरविंद नेताम पहुंचे हैं. दोनों की बातचीत जारी है. अबूझमाड़-ओरछा मार्ग पर ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं.
14:25 December 04
बस्तर आईजी ने की शांति की अपील
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि गुरुवार से ओरछा मार्ग पर सड़क पर धरना पर बैठे ग्रामीणों को धरना खत्म करने की समझाइश देने की कोशिश की जा रही है. शासन-प्रशासन द्वारा भी ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी मांगों पर विचार करने की तैयारी की जा रही है. आईजी ने कहा है कि फिलहाल उन्होंने नारायणपुर पुलिस के माध्यम से ग्रामीणों को शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है. वर्तमान में स्थिति सामान्य है. वहीं 6 ग्रामीणों के गिरफ्तारी के मामले में आईजी ने कहा कि यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिस पर कार्रवाई जारी है.
14:08 December 04
तहसीलदार को आदिवासियों ने खाली हाथ लौटाया
आंदोलन कर रहे आदिवासियों से तहसीलदार आशुतोष शर्मा बात करने पहुंचे. उन्होंने आदिवासियों से लिखित में समस्या मांगी और हल करने का आश्वासन दिया. साथ ही तहसीलदार ने कहा कि 10 लोग जाकर जिला मुख्यालय बात कर सकते हैं. इस पर आदिवासियों ने जवाब दिया कि 10 लोग नहीं जाना होगा तो सभी जाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों को लिखकर थक गए हैं. यहां जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद या मंत्री आएंगे तभी बात बनेगी.
12:06 December 04
महिलाओं, बच्चों के साथ डटे बस्तर के ग्रामीण, आग के सहारे काटी रात
नारायणपुर में आदिवासियों का प्रदर्शन जारी है. ग्रामीण आमादई खदान को केन्द्र सरकार के निक्को कंपनी को लीज पर देने से नाराज हैं. अदिवासी प्रदर्शन करते हुए 6 आदिवासियों की जेल से रिहाई की मांग भी कर रहे हैं. ग्रामीणों ने ओरछा मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है. सैकड़ों ग्रामीणों ने इस कड़कड़ाती ठंड में आग के सहारे रात बिताई है.
ग्रामीणों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. ग्रामीणों ने 17 दिसंबर तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है. उनका कहना है कि जब तक प्रशासन मौके पर नहीं पहुचेगा, वे रास्ता नहीं छोड़ेंगे.
बस्तर संभाग सहित सैकड़ों गांवों के आदिवासी ग्रामीण आंदोलन करने के लिए लामबंद हुए हैं. आज भी सूचना मिल रही है कि लगातार ग्रामीणों की संख्या में इजाफा हो रहा है. गुरुवार के मुकाबले आज ग्रामीणों की संख्या दोगुनी हो गई है. ग्रामीण कई दिनों का राशन भी अपने साथ लेकर निकले हैं.