रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है. इसे लेकर राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. धान खरीदी के लिए आज से टोकन वितरण शुरू हो गया है. टोकन अधिकतम एक सप्ताह तक के लिए दिए जाएंगे. बुधवार को इसके संबंध में की गई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए.
बैठक में अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अधिकारियों-कर्मचारियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिए गए निर्देशों की जानकारी दी. अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी कमिश्नरों और कलेक्टरों से कहा कि एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होगी. राज्य में धान खरीदी का कार्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्राथमिकता है. धान खरीदी में राज्य के किसी भी समिति में किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
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रकबे में हुए बढ़ोतरी
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि प्रदेश में इस बार 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. किसानों का पंजीयन बढ़ने के साथ ही खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है.
तैयारियों के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देश
⦁ छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा भी बढ़ाया गया है.
⦁ किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं.
⦁ इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरे की व्यवस्था.
⦁ ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मॉइश्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य पूरा करने के निर्देश.
⦁ राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है.
⦁ जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, वे 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं.
⦁ राज्य में गिरदावरी के बाद प्रविष्टि का कार्य 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है.
⦁ गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.
⦁ 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.
⦁ रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो, उसे 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए.
⦁ एक दिसंबर के बाद सॉफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा.
⦁ गिरदावरी के काम में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.
अवैध धान परिवहन पर कार्रवाई के आदेश
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि में बिना अनुमति के अन्य राज्यों से धान आयात को रोकने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौंपी गई है. कोचिए अन्य सीमावर्ती राज्यों से धान लाकर यहां बेचते हैं. इसे रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों के सीमा से लगे 3-3 खरीदी केन्द्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश भी दिए गए हैं. चारपहिया वाहनों के अलावा बाइक की चेक पोस्ट पर जांच और अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.