रायपुर: शनिवार को मुख्यमंत्री निवास में तीजा पोरा तिहार बड़े धूमधाम से (Teeja Pora festival celebrated in Raipur) मनाया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल ने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर तीजा पोला तिहार की शुरुआत की. आयोजन में शामिल होने महिला जनप्रतिनिधि और प्रदेश भर से अनेक महिलाएं पहुंची हुई थीं. दिल्ली से कांग्रेस नेता अलका लांबा और रागिनी नायक भी तीज मनाने मुख्यमंत्री निवास पहुंची हुई हैं. इस दौरान सीएम हाउस में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.
छत्तीसगढ़ का पोरा तिहार: पोला तिहार मूल रूप से खेती किसानी से जुड़ा हुआ पर्व है. इस पर्व में कृषि से जुड़ी वस्तुओं की पूजा की जाती है. खेती किसानी में बैल और पशुओं के महत्व को देखते हुए इस दिन उनके प्रति आभार प्रकट करने की भी परंपरा है. छत्तीसगढ़ के गांवों में इस तिहार के दिन बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है. इस मौके पर घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदी बैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं. घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़चीला, गुलगुला, भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं और उत्सव मनाया जाता है. इस पर्व के अवसर पर बैलों की दौड़ भी आयोजित की जाती है.
मुख्यमंत्री ने दी पोला तिहार की बधाई: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खेती किसानी और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रतीक पोला तिहार की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि "छत्तीसगढ़ धन-धान्य से भरपूर रहे. हमारे पशुधन हमारी तरक्की में सहायक बने रहें. "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीजा-पोरा की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया. उन्होंने कहा कि "तीजा पोरा लायने में खेती किसानी और बहू बेटियों और बच्चों का त्यौहार है. मैं आप सभी का स्वागत करता हूं."
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मुख्यमंत्री आवास में की गई थी विशेष तैयारियां: पोला व तीज पर्व के लिए मुख्यमंत्री निवास में विशेष तैयारियां की गई थी. मुख्यमंत्री निवास में पहले पोला की परंपरा निभाई गई. इस मौके पर नंदी बैल की पूजा की गई. इसी के साथ ही यहां पर तीज का भी महोत्सव शुरू किया गया. तीजा महोत्सव के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से तीजहारिनों को खास निमंत्रण भेजकर बुलाया गया था. यहां कार्यक्रम में करूभात की भी व्यवस्था थी. छत्तीसगढ़ की परम्परा और रीति रिवाज के अनुसार साज सज्जा, स्थानीय खेलों का आयोजन किया गया और साथ ही सवाल जवाब भी किए गए. इसके बाद स्थानीय कलाकारों और नर्तक दलों की प्रस्तुति ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छटा बिखेर दी.
धूमधाम से मनाया गया तीजा तिहार: तीजा तिहार छत्तीसगढ़ में हरतालिका तीज की विशिष्ट परम्परा है. तीजहारिन महिलाएं तीजा मनाने के लिए अपने ससुराल से मायके आती हैं. तीजा मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई ससुराल से मायके लाने जाते हैं. बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं. महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीज पर्व के एक दिन पहले करू भात (करेले और चावल से बना भात) ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं.
ममता चंद्राकर के गीत पर तिजहारिन बहनों संग थिरके मुख्यमंत्री: तीजा तिहार के महत्व को देखते हुए सीएस आवास में पोला तिहार के दिन ही तीज का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया. तीजा पोरा के उत्सव में छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्घ लोकगायिका और खैरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलपति ममता चंद्राकर सीएम हाउस पहुंची. उन्होंने 'तोर मन कइसे लागे राजा' गीत से तीजा के उत्सव को और खास बनाया. सीएम भूपेश बघेल और तीज मनाने पहुंची छत्तीसगढ़ की बहनों ने उनके गीतों का आनंद लिया. तीजहारिन महिलाओं के साथ मुख्यमंत्री भी खुद को थिरकने से रोक नहीं सके.