रायपुर: आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे निलंबित आईपीएस अफसर जीपी सिंह की कोर्ट में सुनवाई है. जीपी पिछले एक माह से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है. न्यायिक रिमांड अवधि बढ़ाई जाने के मामले में जीपी की अतिरिक्त सत्र विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल की कोर्ट (Court of Additional Sessions Special Judge Leena Agarwal) में सुनवाई होगी. निलंबित अफसर जीपी को ईओडब्ल्यू की टीम ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. उसके बाद पुलिस कस्टडी में पूछताछ के बाद जीपी को न्यायालय में पेश किया. जिसके बाद कोर्ट ने जीपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था. बताया जा रहा है कि जीपी की न्यायिक रिमांड अवधि (GP singh judicial remand period) बढ़ाई जा सकती है.
जीपी सिंह की जमानत पर 21 फरवरी को हाइकोर्ट में सुनवाई
निलंबित अफसर जीपी सिंह के वकील ने सेशन कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. जिसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद बिलासपुर हाईकोर्ट में जीपी के वकील द्वारा जमानत याचिका लगाई गई है. जिस पर कोर्ट ने शासन से केस डायरी मांगी थी. शासन ने कोर्ट को केस डायरी सौंप दी है. अब जमानत के मामले पर 21 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
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छत्तीसगढ़ के पहले अफसर
जीपी सिंह छत्तीसगढ़ के पहले आईपीएस अफसर हैं जिन्हें जेल भेजा गया हैं. जीपी को एसीबी ने हरियाणा के गुरुग्राम से 11 जनवरी को गिरफ्तार किया था. 12 जनवरी को पहली बार जीपी को कोर्ट में पेश किया. उसके बाद 2 दिन की पुलिस रिमांड पर जीपी को भेज दिया था. 2 दिन की रिमांड पूरी होने पर 14 जनवरी को फिर कोर्ट में पेश किया गया. 14 जनवरी को कोर्ट ने फिर से जीपी को पुलिस रिमांड पर 4 दिनों के लिए भेज दिया. पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया था. जिस पर विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल ने उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया . उसके बाद जीपी की न्यायिक रिमांड 14 दिनों के लिए फिर बढ़ा दी गई थी.
जीपी पर ऐसे हुई थी कार्रवाई
- 1 जुलाई की सुबह 6 बजे जीपी के सरकारी बंगले पर छापा
- राजनांदगांव, भिलाई, ओडिशा समेत 15 ठिकानों पर करीब 68 घंटे लगातार चली कार्रवाई
- 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले से कई अहम दस्तावेज मिले
- 5 जुलाई को ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई
- एफआईआर के बाद देर रात शासन ने 5 जुलाई को जीपी को सस्पेंड किया
- 8 जुलाई को जीपी के घर से मिले दस्तावेज के आधार पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया
- 9 जुलाई को जीपी में हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की जिसमें सीबीआई जांच की मांग की थी
- जीपी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने पिछले दिनों कई ठिकानों में छापे मारे
- पूछताछ के लिए थाने आकर बयान दर्ज कराने तीन बार नोटिस जारी किया
- कोतवाली पुलिस ने रायपुर कोर्ट में 19 अगस्त को 400 पन्नों का चालान पेश किया