रायपुरः पिछले डेढ़ साल से कोरोना ने देश में कहर मचा रखा है. इस वैश्विक महामारी के कारण लाखों लोगों की नौकरियां तक चली गईं. इस कारण उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं इस कोरोना काल में सप्लीमेंट्री दवाइयों के दाम भी बाजार में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है. सप्लीमेंट्री दवा जैसे पैरासीटामोल, वीटाडीन, मल्टीविटामिन और इम्यूनिटी बूस्टर जैसी दवा जो कोरोना काल में लगभग सभी ने इस्तेमाल किये होंगे, इनके दाम बढ़ जाने से लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है.
बाजार में 30 प्रतिशत तक बढ़े सप्लीमेंट दवा के दाम, लोगों पर बढ़ा आर्थिक बोझ - medicine
बीते दो सालों से कोरोना ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. दवा के दाम बढ़ने के पीछे दवा व्यवसायी संघ ने रॉ-मैटेरियल की कीमत में बढ़ोतरी बतायी है. वहीं आम लोगों का कहना है कि दवा तो जरूरी है. इसकी कीमत कितनी भी बढ़ जाए, जरूरत पर यह लेनी ही पड़ेगी.
रायपुरः पिछले डेढ़ साल से कोरोना ने देश में कहर मचा रखा है. इस वैश्विक महामारी के कारण लाखों लोगों की नौकरियां तक चली गईं. इस कारण उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं इस कोरोना काल में सप्लीमेंट्री दवाइयों के दाम भी बाजार में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है. सप्लीमेंट्री दवा जैसे पैरासीटामोल, वीटाडीन, मल्टीविटामिन और इम्यूनिटी बूस्टर जैसी दवा जो कोरोना काल में लगभग सभी ने इस्तेमाल किये होंगे, इनके दाम बढ़ जाने से लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है.