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बाजार में 30 प्रतिशत तक बढ़े सप्लीमेंट दवा के दाम, लोगों पर बढ़ा आर्थिक बोझ

बीते दो सालों से कोरोना ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. दवा के दाम बढ़ने के पीछे दवा व्यवसायी संघ ने रॉ-मैटेरियल की कीमत में बढ़ोतरी बतायी है. वहीं आम लोगों का कहना है कि दवा तो जरूरी है. इसकी कीमत कितनी भी बढ़ जाए, जरूरत पर यह लेनी ही पड़ेगी.

बाजार में 30 प्रतिशत तक बढ़े सप्लीमेंट दवा के दाम
बाजार में 30 प्रतिशत तक बढ़े सप्लीमेंट दवा के दाम
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Published : Aug 20, 2021, 2:31 PM IST

Updated : Aug 20, 2021, 4:52 PM IST

रायपुरः पिछले डेढ़ साल से कोरोना ने देश में कहर मचा रखा है. इस वैश्विक महामारी के कारण लाखों लोगों की नौकरियां तक चली गईं. इस कारण उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं इस कोरोना काल में सप्लीमेंट्री दवाइयों के दाम भी बाजार में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है. सप्लीमेंट्री दवा जैसे पैरासीटामोल, वीटाडीन, मल्टीविटामिन और इम्यूनिटी बूस्टर जैसी दवा जो कोरोना काल में लगभग सभी ने इस्तेमाल किये होंगे, इनके दाम बढ़ जाने से लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है.

बाजार में 30 प्रतिशत तक बढ़े सप्लीमेंट दवा के दाम
दवा वर्ष 2020 वर्ष 2021

मल्टीविटामिन (एटूजेड15 गोली) 105 125वीटाडीन (एंटीसेप्टिक 100 एमएल) 210 230हेपामर्ज इंजेक्शन(लिवर बीमारी) 342 350पेरासिटामोल (सूमो) 113 124पेरासिटामोल (650 एमजी) 20.16 20.49वी कंपलेक्स (विकासूल 20 गोली) 41 45

रॉ-मैटेरियल के दाम बढ़ने से बाजार में बढ़े दवा के दाम


रायपुर दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि पिछले एक साल में दवाओं के दाम बढ़े हैं. इनके दाम कंपनियां ही तय करती हैं और दवा बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि रॉ-मैटेरियल के दाम मार्केट में बढ़े हैं. रॉ-मैटेरियल की सप्लाई बाधित हुई है. ज्यादातर रॉ-मैटेरियल चाइना से आते थे, जो अभी बाधित हैं. इस वजह से दवा के दाम बढ़े हैं.

पिछले एक साल में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़े दवा के दाम


लगभग सभी दवा के दाम 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. ऐसे लोग जो कि गैस्टिक बीमारियों के समय दवा लेते हैं, उनमें भी 30 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. दवा के दाम बढ़ने से इसकी डिमांड बढ़ने या घटने का सवाल ही नहीं है. क्योंकि दवा जरूरी चीजों में आती हैं. सामान्य दवाओं के साथ-साथ एंटीबॉडीज दवा की भी कीमत काफी बढ़ गए हैं.

हर महीने प्रदेश में 300 करोड़ का दवा का कारोबार


एक मोटे तौर पर प्रदेश में करीब 3000 थोक दवा व्यापारी हैं. वहीं 15000 खुदरा दवा दुकान हैं. बाजार की इन दुकानों में 5000 से अधिक तरह की दवा उपलब्ध रहती हैं. छत्तीसगढ़ में हर महीने 300 करोड़ से अधिक दवा का कारोबार होता है. वहीं दवा के दाम बढ़ने से कहीं न कहीं दवा कारोबार पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. वहीं दवा विक्रेताओं का कहना है कि मार्केट में दवा बनाने के मैटेरियल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिस वजह से दवा के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं.

रायपुरः पिछले डेढ़ साल से कोरोना ने देश में कहर मचा रखा है. इस वैश्विक महामारी के कारण लाखों लोगों की नौकरियां तक चली गईं. इस कारण उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं इस कोरोना काल में सप्लीमेंट्री दवाइयों के दाम भी बाजार में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं, जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है. सप्लीमेंट्री दवा जैसे पैरासीटामोल, वीटाडीन, मल्टीविटामिन और इम्यूनिटी बूस्टर जैसी दवा जो कोरोना काल में लगभग सभी ने इस्तेमाल किये होंगे, इनके दाम बढ़ जाने से लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है.

बाजार में 30 प्रतिशत तक बढ़े सप्लीमेंट दवा के दाम
दवा वर्ष 2020 वर्ष 2021

मल्टीविटामिन (एटूजेड15 गोली) 105 125वीटाडीन (एंटीसेप्टिक 100 एमएल) 210 230हेपामर्ज इंजेक्शन(लिवर बीमारी) 342 350पेरासिटामोल (सूमो) 113 124पेरासिटामोल (650 एमजी) 20.16 20.49वी कंपलेक्स (विकासूल 20 गोली) 41 45

रॉ-मैटेरियल के दाम बढ़ने से बाजार में बढ़े दवा के दाम


रायपुर दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि पिछले एक साल में दवाओं के दाम बढ़े हैं. इनके दाम कंपनियां ही तय करती हैं और दवा बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि रॉ-मैटेरियल के दाम मार्केट में बढ़े हैं. रॉ-मैटेरियल की सप्लाई बाधित हुई है. ज्यादातर रॉ-मैटेरियल चाइना से आते थे, जो अभी बाधित हैं. इस वजह से दवा के दाम बढ़े हैं.

पिछले एक साल में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़े दवा के दाम


लगभग सभी दवा के दाम 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. ऐसे लोग जो कि गैस्टिक बीमारियों के समय दवा लेते हैं, उनमें भी 30 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. दवा के दाम बढ़ने से इसकी डिमांड बढ़ने या घटने का सवाल ही नहीं है. क्योंकि दवा जरूरी चीजों में आती हैं. सामान्य दवाओं के साथ-साथ एंटीबॉडीज दवा की भी कीमत काफी बढ़ गए हैं.

हर महीने प्रदेश में 300 करोड़ का दवा का कारोबार


एक मोटे तौर पर प्रदेश में करीब 3000 थोक दवा व्यापारी हैं. वहीं 15000 खुदरा दवा दुकान हैं. बाजार की इन दुकानों में 5000 से अधिक तरह की दवा उपलब्ध रहती हैं. छत्तीसगढ़ में हर महीने 300 करोड़ से अधिक दवा का कारोबार होता है. वहीं दवा के दाम बढ़ने से कहीं न कहीं दवा कारोबार पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. वहीं दवा विक्रेताओं का कहना है कि मार्केट में दवा बनाने के मैटेरियल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिस वजह से दवा के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं.
Last Updated : Aug 20, 2021, 4:52 PM IST
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