रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी तमाम यादों को छोड़कर दुनिया को अलविदा कह गए हैं. अजीत जोगी के बंगले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा लगी हुई है. इस प्रतिमा से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी है. अजीत जोगी ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने बंगले के उद्यान में पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा लगाई थी. जिस समय उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी तो उनसे लगातार ये सवाल पूछा जाने लगा कि अब वे इस मूर्ति को कहा लगाएंगे. जिस पर जोगी कहते थे कि उन्होंने बस पार्टी छोड़ी है, राजीव गांधी को नहीं.
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अजीत जोगी अब भले ही इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनके बंगले में लगी राजीव गांधी की प्रतिमा जोगी के प्रति राजीव गांधी के लिए प्रेम को दर्शाती है. अजीत जोगी को राजनीतिक में लाने का श्रेय राजीव गांधी को जाता है. जोगी को जानने वालों की मानें तो जिस समय जोगी कलेक्टर हुआ करते थे, तब राजीव गांधी उन्हें राजनीति में लेकर आए. बाद में जोगी को प्रदेश का मुखिया बनने का मौका मिला. एक लंबा प्रशासनिक जीवन जीने के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और कई चुनावों में जीत हासिल की. कई पदों पर रहे. पार्टी के संगठन में उनकी पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें कांग्रेस की ओर से कई दफा चुनाव संचालन करने का मौका मिला. जोगी परिवार और गांधी परिवार के बीच करीबी संबंध रहे हैं. भले ही एक वक्त के बाद अजीत जोगी और उनके परिवार ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, लेकिन राजीव गांधी से उनका लगाव कम नहीं हुआ था.
जोगी के लिए प्रिय नेता थे राजीव गांधी
अजीत जोगी राजीव गांधी को अपना प्रिय नेता कहते थे. सालों बाद भी जोगी के सागौन बंगले के गार्डन में राजीव गांधी की बड़ी सी मूर्ति लगी हुई है. नई पार्टी बनाने के बाद अक्सर उनसे ये सवाल पूछा जाता था कि वे इस मूर्ति को अब कहा लगाएंगे. इस पर जोगी का सीधा जवाब होता था कि मैंने पार्टी को छोड़ा, लेकिन अपने नेता को नहीं.