रायपुर: दिसंबर माह के साथ कोरोना वायरस की दूसरी लहर की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है. नए संक्रमितों और मौतों के मामले अब बढ़ने लगे हैं. हालांकि पिछले 2 दिनों की बात करें तो संक्रमितों की संख्या में कमी आयी है. आंकड़े 1600 के आसपास सिमट रहे हैं, 2 दिसंबर से रोजाना औसतन 23 लोगों की मौत हो रही है. इसमें से सिर्फ कोविड-19 से रोजाना 7 लोगों की जान जा रही है. दिसंबर के 5 दिनों में 116 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इसमें से 16 मौतें पुरानी है. कुल मौतों की बात की जाए तो 34 लोग ऐसे हैं जिनकी मौत सिर्फ कोविड-19 की वजह से हुई है. 82 लोगों को अन्य गंभीर बीमारियां थी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने वैक्सीन आने तक सभी से एहतियात बरतने की बात कही है. उन्होंने सभी से कोविड-19 के निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने की बात कही है.
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छत्तीसगढ़ में 5 दिसंबर तक की स्थिति में कोरोना वायरस से 2977 लोग अपनी जान गवा चुके हैं. कोरोना को प्रदेश में पांव पसारे लगभग साढ़े आठ माह हो चुके हैं. प्रत्येक महीने औसतन 330 लोगों की मौत हुई है, जो की गंभीर स्थिति दर्शाती है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को देखा जाए तो शुरुआत के दिनों में कोरोना संक्रमण के मरीज तो थे लेकिन कई दिनों तक मामले सामने नहीं आए थे. जुलाई तक एक दो लोगों की ही मौत हुई थी. सितंबर महीने में कई दिनों तक मौत का आंकड़ा 40 रहा. इसके साथ ही लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ता ही चला गया.
- 1 दिसंबर को 30 मौतें हुई, इनमें से 28 मौतें उस दिन की थी बाकी तीन मौतें पुरानी थी, जिनमें 19 मौतें कोमोरबिडिटी के कारण और 12 मौतें सिर्फ कोविड-19 के कारण हुई.
- 2 दिसंबर को कुल 27 मौतें हुई जिनमें से 21 मौतें उस दिन की थी 6 मौतें पुरानी थी, 18 मौतें कोमोरबिडिटी के कारण हुई थी और 9 मौतें कोविड-19 के कारण हुई.
- 3 दिसंबर को कुल 22 मौतें हुई, इनमें से 17 मौत उस दिन हुई थी 5 पुरानी मौतों का दर्ज किया गया था. 21 मौतें कोमोरबिडिटी से हुई थी और एक मौत कोविड-19 के कारण हुई.
- 4 दिसंबर को 15 मौतें हुई, 13 मौत उसे दिन की थी और 2 मौत पुरानी थी कोमोरबिडिटी के कारण इस दिन 9 लोगों ने जान गवाई और 6 लोग कोविड-19 के कारण अब इस दुनिया में नहीं रहे.
- 5 दिसंबर को कुल 21 मौतें हुई, इनमें से पूरी की पूरी 21 मौतें 5 दिसंबर को ही हुई थी. पुराने किसी भी आंकड़े को नहीं जोड़ा गया था. इनमें से 15 लोगों ने कोमोरबिड के कारण अपनी जान गंवाई थी.
लोग बरत रहे हैं लापरवाही
विशेषज्ञों की मानें तो मरने वालों की संख्या में तेजी इसलिए भी आ रही है क्योंकि लोग ऐहतियात बरतने से बच रहे हैं. लोग टेस्टिंग करवाने के लिए भी काफी देरी से जा रहे हैं. मास्क पहनना तो जैसे लोगों ने छोड़ ही दिया है. सरकार ने भी कई नियम बनाए हैं, लेकिन सब में लापरवाही देखने को मिल रही है. लोगों की लेट टेस्टिंग के कारण जब तक वे अस्पताल पहुंचते हैं तब तक उनकी हालत ज्यादा खराब हो चुकी होती है. और उसी का परिणाम देखने को मिल रहा है.