रायपुर: लॉकडाउन के कारण पूरा देश थम सा गया है. आम इंसान की जिंदगी के साथ-साथ गाड़ियों के पहिए भी रुक गए हैं. सामान्य जिंदगी पर लगे इस पूर्ण विराम का असर व्यापार जगत पर साफ नजर आने लगा है. लॉक डाउन की वजह से पेट्रोल और डीजल की खपत एक दिन में 55 लाख से घटकर 10 लाख लीटर रह गई है.
अगर बात राजधानी रायपुर की जाए तो, अकेले राजधानी में 1 दिन में 10 लाख लीटर पेट्रोल और डीजल का कारोबार होता था. लेकिन यहां भी बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है. बिक्री में कमी होने के कारण पंप संचालक की कमाई इतनी नहीं रह गई कि वेतन दिया जा सके. प्रदेश भर के पेट्रोल पंपों में 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं लॉकडाउन में भले ही पेट्रोल पंपों को खोलने की छूट दी गई है पर इस छूट का फायदा पंपों को ज्यादा नहीं मिल रहा है.
ग्रामीण इलाकों की स्थिति और भी खराब
आज पेट्रोल पंप की स्थिति ये है कि जो पंप रोज 20,000 लीटर से ज्यादा पेट्रोल और डीजल बेच लेते थे उनकी बिक्री आज 500 लीटर पर आकर सिमट गई है. ग्रामीण क्षेत्रों के कई पेट्रोल पंपों पर स्थिति इससे भी खराब है. प्रदेश में पेट्रोल और डीजल का जो सामान्य दिनों में कारोबार होता है उसका 20% रायपुर में होता है.
राजधानी सहित रायपुर जिले में करीब 125 पेट्रोल पंप हैं. यहां रोज साढ़े तीन लाख लीटर पेट्रोल और डीजल बिकता है. जहां तक प्रदेश का सवाल है तो प्रदेश में रोज करीब 22 लाख लीटर पेट्रोल और 33 लाख लीटर डीजल की बिक्री होती है. कुल मिलाकर 55 लाख लीटर से ज्यादा रोज की बिक्री होती है. लेकिन अब लॉकडाउन के बीच सभी को नुकसान हो रहा है.