रायपुर: कहते हैं जेल की दीवारें तोड़ना लोहे के चने चबाने के समान है, लेकिन कोरोना वायरस ने जेल की सभी बंदिशों को तोड़कर अंदर प्रवेश कर लिया. राज्य के तकरीबन 160 से 165 बंदी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. जेल प्रशासन की मानें तो सभी संक्रमित मरीज अब ठीक हो चुके हैं. ये राहत की बात तो है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है. जेल प्रशासन लगातार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रयासरत है.
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रायपुर सेंट्रल जेल में 41 कैदियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया था. जेल विभाग के निर्देश के बाद प्रदेश की सभी जिलों में बंदियों के लिए मास्क, सैनिटाइजर सहित अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए गए. रायपुर सेंट्रल जेल में 60 बिस्तर का एक कोविड-19 अस्पताल भी बनाया गया. बाहर से आने वाले कैदियों को 15 दिन अलग बैरक में रखा जाता है. इसके बाद उन्हें सामान्य बैरक में भेज दिया जाता है.
सभी कैदी कोरोना निगेटिव
जेल डीआईजी केके गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की जेलों में अब तक लगभग 160-165 कोरोना संक्रमित बंदी सामने आ चुके हैं. सभी का इलाज किया गया है. जेल प्रशासन के मुताबिक वर्तमान में अब प्रदेश के किसी भी जेल में एक भी कोरोना संक्रमित बंदी नहीं है. प्रदेश की 33 जेलों में से लगभग 13-14 जेलों में कोरोना संक्रमित बंदी पाए गए थे. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए जेल के भीतर ही सैनिटाइजर, मास्क का इंतजाम किया गया है. ठीक हो चुके बंदी को पहले 14 दिन के क्वॉरेंटाइन पर भेजा जाता है, उसके बाद ही उन्हें बैरक में लौटाया जाता है.
सेंट्रल जेल रायपुर की स्थिति
छत्तीसगढ़ में कुल 33 जेल हैं. रायपुर सेंट्रल जेल में लॉकडाउन के पहले 3 हजार 700 बंदी थे. कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस के साथ ही विचाराधीन बंदियों को पैरोल और जमानत पर छोड़ दिया गया, जिसके बाद 2 हजार 725 बंदी इस समय रायपुर जेल में कैद हैं.
- छत्तीसगढ़ की 33 जेलों से 5 हजार 342 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- रायपुर सेंट्रल जेल से 975 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- दुर्ग जेल से 636 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- बिलासपुर सेंट्रल जेल से 527 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- बलौदाबाजार उप जेल से 251 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- महासमुंद जेल से 382 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- राजनांदगांव से 207 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- जांजगीर से 246 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- रायगढ़ से 237 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- जगदलपुर से 199 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
- अंबिकापुर से 187 विचाराधीन बंदियों को छोड़ा गया.
जेल में संक्रमण के खतरों को ध्यान में रखते हुए तकरीबन 5 हजार से ज्यादा बंदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था. जेल प्रशासन की मानें तो वह संक्रमण पर काबू पाने में कामयाब रहे हैं.