रायपुर: कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग दिन रात मेहनत कर रहा है. इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों के भी आम हों या खास सभी मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कोविड हॉस्पिटल बनाए गए हैं. जहां कोरोना संक्रमितों का इलाज जारी है. ऐसे में अगर किसी पेशेंट की तबीयत बिगड़ जाती है तो किसी सीनियर या एक्सपर्ट की गाइडेंस की जरूरत होती है. इसे ध्यान में रखते हुए राजधानी रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में टेलीमेडिसिन हब बनाया गया है.
टेलीमेडिसिन हब के जरिए यहां के एक्सपर्ट डॉक्टर प्रदेश के कोविड-19 अस्पतालों में ड्यूटी दे रहे डॉक्टर्स के संपर्क में रहते हैं. मरीजों की जानकारी लेने के साथ-साथ निर्देश भी देते हैं.
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राजधानी रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के रूम को टेलीमेडिसिन हब के रुप में विकसित किया गया है. यहां कंप्यूटर,वेब कैम और टीवी स्क्रीन और हेडफोन लगे हुए हैं. इसकी मदद से डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अन्य डॉक्टरों से जुड़ते हैं. यहां से प्रदेश भर के कोविड-19 अस्पताल जुड़े हुए हैं.
24x7 मेडिकल सुविधा
पूरे प्रदेश में टेलीमेडिसिन की सुविधा 24 घंटे के लिए उपलब्ध है. विशेष डॉक्टर्स शाम 4 बजे सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स से संपर्क करते हैं. इस दौरान सभी अस्पतालों से कुल मरीजों की डिटेल ली जाती है. इसके साथ उस क्षेत्र में प्रतिदिन मिले कोविड-19 संक्रमितों की स्थिति की जानकारी लेते हैं. वहीं गर्भवती महिलाओं, बच्चे और बुजुर्गों की भी जानकारी ली जाती है. डॉक्टर ओपी सुंदरानी ने बताया कि वे पेशेंट की वर्चुअल जांच करते हैं, इस सेशन में बस पेसेंट को वो टच नहीं कर पाते. इसके लिए वहां मौजूद डॉक्टर से उनके पल्स की जानकारी लेते हैं.
मरीज के इलाज संबंधी दी जाती है जानकारी
टेलीमेडिसिन सेंटर में बैठे डॉक्टर आर के पंडा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक मिले सभी मरीज सिंप्टोमेटिक हैं इसलिए कोविड-19 केयर सेंटर के डॉक्टरों को उनका टेम्परेचर समय-समय पर चेक करने की सलाह दी जाती है. वहां मौजूद डॉक्टर पेशेंट से रिलेटेड सवाल और उनकी कंडीशन के बारे में यहां बताते हैं. साथ ही मरीज को डिस्चार्ज कब करना है इसके बारे में सलाह लेते हैं.
कोरोना काल के बाद भी जारी रहेगी सुविधा
इस समय शुरू की गई ये सुविधा आगे भी कारगर साबित होगी. कोरोना के खत्म होने के बाद इस सेंटर का उपयोग ट्रेनिंग सेंटर के रूप में किया जाएगा, जिसकी सुविधा डॉक्टर्स ले सकते हैं. इसके साथ ही यहां से वर्चुअल ओपीडी संचालित की जाएगी. सेंटर में 24 घंटे फोन ऑपरेटर बैठा रहेगा. अगर कहीं रात 2 बजे भी किसी डॉक्टर को मरीज को ट्रीटमेंट देने के दौरान तो वो तत्काल सेंटर में फोन कर सकता है. इसके बाद संबंधित डॉक्टर को फोन ट्रांसफर कर दिया जाएगा.