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SPECIAL : बेरोजगारी से जूझ रहा चर्मकार वर्ग, चर्म उद्योग स्थापित करने की मांग

एक ओर रायपुर नगर निगम में जहां आवारा मृत मवेशियों को दफनाने की जगह नहीं है, वहीं दूसरी तरफ चर्मकार वर्ग बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है. ऐसे में इस समाज के लोगों ने सरकार से चर्म कारखाना स्थापित करने की मांग की है. इस वर्ग से ETV भारत की टीम ने खास बातचीत की...

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चर्मकारों की गुहार
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Published : Jul 16, 2020, 1:45 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 7:07 PM IST

रायपुर: शहर की सड़कों पर आवारा मवेशी अक्सर घूमते हुए दिखाई देते है. इन मवेशियों की मौत के बाद उनके शव को दफनाना नगर निगम के लिए बड़ी समस्या बन गया है. नगर निगम रायपुर के पास इन मवेशियों को दफनाने की जगह भी नहीं है, निगम अमला किसी भी खाली जमीन पर मृत मवेशियों को दफना देता है. इससे आस पास के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. निगम को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रदेश के चर्मकार समाज ने एक उपाय सुझाया है. चर्मकार समाज के लोगों ने सरकार से चर्म कारखाने खोले जाने की मांग की है, जिससे की मृत मवेशियों को दफनाने की समस्या से निजात मिल जाएगी तो वहीं दूसरी ओर इस समाज से जुड़े लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो जाएगा.

चर्म उद्योग स्थापित करने की मांग

SPECIAL : कहीं 'बैलगाड़ी' न बन जाए डीजल गाड़ियां

लॉकडाउन के बाद से चर्मकार समाज के लोगों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो रही है.उनका पुश्तैनी व्यवसाय समाप्ति की ओर है आज चर्मकार मात्र जूतों की पॉलिश और रिपेयरिंग करने का काम ही कर पा रहे हैं. ऐसे में समाज के लोगों ने प्रदेश में चर्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार से चर्म कारखाना स्थापित करने की मांग की है. कारखाना स्थापित हो जाने से उन्हें एक ओर जहां रोजगार प्राप्त होगा वही दूसरी ओर निगम के सामने से मवेशियों के शव को दफनाने की समस्या दूर हो जाएगी.

पहले भी की जा चुकी है मांग

बीजेपी सरकार में भी चर्मकार समाज ने चर्म उद्योग स्थापित करने आवेदन दिया गया था, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया था. जिस वजह से चर्मकारों का पुश्तैनी व्यवसाय विलुप्त होने की कगार पर है.

हर दिन होती है एक मवेशी की मौत

रायपुर में नगर निगम के अंतर्गत 70 वार्ड हैं और एक सर्वे के अनुसार प्रत्येक वार्ड में एक दिन में एक मवेशी की मृत्यु होती है. इस तरह रोज लगभग 70 मवेशियों की मौत होती है. इन मवेशियों को नगर निगम कहीं भी खाली जगह देखकर दफना देता है, जिसकी बदबू से बीमारी का डर बना रहता है. नगर निगम रायपुर के एमआईसी सदस्य सुंदर जोगी के मुताबिक मवेशियों की समस्या से निजात पाने का एक प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार के पास भेजा जा रहा है, जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी चर्म उद्योग निगम बनाने की बात कही गई है.

35 एकड़ जमीन की मांग

राजधानी रायपुर से 25-30 किलोमीटर दूर लगभग 35 एकड़ जमीन चर्म उद्योग स्थापित करने शासन से मांग की गई है. समाज के लोगों ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी.

ऐसे में अब देखने वाली बात है कि इस समाज की मांग को लेकर भूपेश सरकार क्या निर्णय लेती है. आने वाले समय में प्रदेश में अन्य उद्योगों की तर्ज पर चर्म उद्योग भी स्थापित होगा, चर्म उद्योग निगम बनाया जाएगा या फिर पहले की सरकार की तरह ही यह सरकार भी इस समाज को अपने हाल पर छोड़ देगी.

रायपुर: शहर की सड़कों पर आवारा मवेशी अक्सर घूमते हुए दिखाई देते है. इन मवेशियों की मौत के बाद उनके शव को दफनाना नगर निगम के लिए बड़ी समस्या बन गया है. नगर निगम रायपुर के पास इन मवेशियों को दफनाने की जगह भी नहीं है, निगम अमला किसी भी खाली जमीन पर मृत मवेशियों को दफना देता है. इससे आस पास के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. निगम को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रदेश के चर्मकार समाज ने एक उपाय सुझाया है. चर्मकार समाज के लोगों ने सरकार से चर्म कारखाने खोले जाने की मांग की है, जिससे की मृत मवेशियों को दफनाने की समस्या से निजात मिल जाएगी तो वहीं दूसरी ओर इस समाज से जुड़े लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो जाएगा.

चर्म उद्योग स्थापित करने की मांग

SPECIAL : कहीं 'बैलगाड़ी' न बन जाए डीजल गाड़ियां

लॉकडाउन के बाद से चर्मकार समाज के लोगों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो रही है.उनका पुश्तैनी व्यवसाय समाप्ति की ओर है आज चर्मकार मात्र जूतों की पॉलिश और रिपेयरिंग करने का काम ही कर पा रहे हैं. ऐसे में समाज के लोगों ने प्रदेश में चर्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार से चर्म कारखाना स्थापित करने की मांग की है. कारखाना स्थापित हो जाने से उन्हें एक ओर जहां रोजगार प्राप्त होगा वही दूसरी ओर निगम के सामने से मवेशियों के शव को दफनाने की समस्या दूर हो जाएगी.

पहले भी की जा चुकी है मांग

बीजेपी सरकार में भी चर्मकार समाज ने चर्म उद्योग स्थापित करने आवेदन दिया गया था, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया था. जिस वजह से चर्मकारों का पुश्तैनी व्यवसाय विलुप्त होने की कगार पर है.

हर दिन होती है एक मवेशी की मौत

रायपुर में नगर निगम के अंतर्गत 70 वार्ड हैं और एक सर्वे के अनुसार प्रत्येक वार्ड में एक दिन में एक मवेशी की मृत्यु होती है. इस तरह रोज लगभग 70 मवेशियों की मौत होती है. इन मवेशियों को नगर निगम कहीं भी खाली जगह देखकर दफना देता है, जिसकी बदबू से बीमारी का डर बना रहता है. नगर निगम रायपुर के एमआईसी सदस्य सुंदर जोगी के मुताबिक मवेशियों की समस्या से निजात पाने का एक प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार के पास भेजा जा रहा है, जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी चर्म उद्योग निगम बनाने की बात कही गई है.

35 एकड़ जमीन की मांग

राजधानी रायपुर से 25-30 किलोमीटर दूर लगभग 35 एकड़ जमीन चर्म उद्योग स्थापित करने शासन से मांग की गई है. समाज के लोगों ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी.

ऐसे में अब देखने वाली बात है कि इस समाज की मांग को लेकर भूपेश सरकार क्या निर्णय लेती है. आने वाले समय में प्रदेश में अन्य उद्योगों की तर्ज पर चर्म उद्योग भी स्थापित होगा, चर्म उद्योग निगम बनाया जाएगा या फिर पहले की सरकार की तरह ही यह सरकार भी इस समाज को अपने हाल पर छोड़ देगी.

Last Updated : Jul 16, 2020, 7:07 PM IST
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