रायपुर: कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन का असर त्योहारों पर भी पड़ा है. पिछले साल की तरह इस साल भी त्योहारों पर बाजार ठंडा पड़ा हुआ है. 14 मई को अक्षय तृतीया है. अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त और अक्षय मुहूर्त भी कहा जाता है. इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अपने आप में सफल रहता है. पूरे प्रदेश में कई शादियां अक्षय तृतीया के दिन होती हैं. ऐसे में करोड़ों का कारोबार इससे जुड़ा है. लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी व्यापारियों का इंतजार बेकार हो गया. लॉकडाउन की वजह से सराफा, टेक्सटाइल, बर्तन और ऑटोमोबाइल जैसे कई कारोबार प्रभावित हुए हैं.
करोड़ों रुपयों का नुकसान
लॉकडाउन की वजह से सराफा बाजार को पूरे प्रदेश में लगभग 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. रायपुर की बात की जाए, तो यहां 500 करोड़ रुपए का सराफा बाजार प्रभावित हुआ. लॉकडाउन की वजह से कपड़े का बाजार भी प्रभावित हुआ है. प्रदेश में लगभग 400 करोड़ रुपए का कपड़ा कारोबार प्रभावित हुआ है. रायपुर में लगभग कपड़े का बाजार 200 करोड़ रुपए का होता है. कपड़ा और सराफा का कारोबार पिछले साल की तरह इस बार भी अक्षय तृतीया पर शून्य रहा. व्यापार नहीं होने से कारोबारी भी चिंता में हैं. इस सीजन के व्यापार पर उनके पूरे साल का मुनाफा टिका होता है, जो इस बार शून्य हो गया है.
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शादी का कारोबार ठप
अप्रैल-मई और जून का महीना शादी के लिए पीक सीजन होता है. लॉकडाउन की गाइडलाइन में सिर्फ 10 लोगों को ही शादी में शामिल होने की अनुमति है. इस वजह से कई लोगों ने शादियां अगले साल के लिए पोस्टपोन कर दी हैं. अब न तो शादियां हो रही हैं और न ही शादी की शॉपिंग. कुछ लोग जो अक्षय तृतीया के दिन शगुन के लिए सोने-चांदी की खरीदारी करने बाजार पहुंचते थे, वे भी इस साल घर पर रहकर त्योहार मना रहे हैं.
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छोटे दुकानदारों का धंधा चौपट
लॉकडाउन की वजह से कपड़ा और सराफा बाजार पूरी तरह से बंद है. सराफा और कपड़े का कारोबार करने वाले कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल की तरह इस साल भी उनका व्यापार पूरी तरह चौपट हो गया है. दुकान का किराया, वर्करों की सैलरी और बिजली बिल का भुगतान करने की भी समस्या कारोबारियों के सामने खड़ी हो गई है. बड़े व्यापारी तो फिर भी इस नुकसान से उबर रहे हैं, जबकि छोटे व्यापारियों का धंधा पूरी तरह से पिट गया है. इस स्थिति में व्यापारी जल्द से जल्द लॉकडाउन खुलने और स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं.