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Sant Kalicharan sent to jail: संत कालीचरण को फिर 14 दिनों की न्यायिक रिमांड, हाईकोर्ट की शरण में गए कालीचरण

संत कालीचरण को रायपुर कोर्ट से राहत नहीं मिली है. उन्हें फिर कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज (Sant Kalicharan sent to jail) दिया है. इसके बाद बाबा कालीचरण ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर (Chhattisgarh High Court Bilaspur) का दरवाजा खटखटाया है. कालीचरण पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Kalicharan accused of making controversial remarks on Father of the Nation Mahatma Gandhi) पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप है. रायपुर धर्म संसद में कालीचरण ने यह विवादित बयान दिया था. अब 25 जनवरी तक जेल में कालीचरण बंद रहेंगे

Sant Kalicharan sent to jail
संत कालीचरण को फिर न्यायिक रिमांड
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Published : Jan 13, 2022, 4:25 PM IST

Updated : Jan 13, 2022, 9:34 PM IST

रायपुर/बिलासपुर: संत कालीचरण को रायपुर कोर्ट ने फिर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल (Sant Kalicharan sent to jail) भेज दिया है. कालीचरण 25 जनवरी तक जेल में बंद रहेंगे. कोविड प्रोटोकॉल के चलते केवल वकीलों की उपस्तिथि में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेंद्र वासनीकर की कोर्ट ने कालीचरण को अतिरिक्त 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने के आदेश दिया. रायपुर कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर संत कालीचरण हाईकोर्ट की शरण में गए हैं. कालीचरण की जमानत के लिए वकील मेहल जेठानी के माध्यम से याचिका लगाई गई है.

इस याचिका में कालीचरण के वकील मेहल जेठानी ने कहा है कि कालीचरण ने स्टेट के खिलाफ बोला है. जबकि कालीचरण के खिलाफ याचिका स्टेट ने नहीं बल्कि अन्य नागरिक ने लगाई है. दर्ज रिपोर्ट में स्टेट की परमिशन की जरूरत होती है. लेकिन स्टेट ने अभी तक परमिशन नहीं दी है. कालीचरण को एमपी के खजुराहो से पकड़ा गया है. वहां के पुलिस के साथ कोर्ट को भी अवगत नहीं कराया गया था. पुलिस ने रिमांड क्यों लिया है. जबकि कालीचरण का वीडियो पहले ही वायरल हो गया था. पूछताछ के लिए कुछ भी नहीं बचा है.

धर्म संसद में महात्मा गांधी पर कालीचरण ने दिया था विवादित बयान

रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया या था. इस धर्म संसद में कई साधु संत शामिल हुए थे. इस आयोजन में 26 दिसंबर को महाराष्ट्र अकोला निवासी कालीचरण महाराज ने भरे मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग किया. राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का उन्होंने भरे मंच से महिमामंडन किया. कालीचरण के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में सियासी उबाल आ गया. कालीचरण के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम कई राज्यों में गई.

30 दिसंबर को हुई कालीचरण की गिरफ्तारी

30 दिसंबर 2021 संत कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया. उसके बाद इस मामले में एमपी और छत्तीसगढ़ सरकार में सियासी बयानबाजी का दौर चला. एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर एतराज जताया. सीएम भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को जायज ठहराया. फिर कालीचरण को रायपुर पुलिस रायपुर लेकर आई और उसी दिन उसे कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कालीचरण को पुलिस रिमांड और फिर बाद में न्यायिक रिमांड पर भेजा गया.

कालीचरण के खिलाफ महाराष्ट्र में भी दर्ज है मामला

धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग करने वाले कालीचरण के खिलाफ सबसे पहली एफआईआर राजधानी रायपुर में 26 दिसंबर को दर्ज हुई. उसके बाद धीरे-धीरे महाराष्ट्र के कई शहरों में कालीचरण के ऊपर एफआईआर दर्ज हुआ. जिसमें अकोला, वर्धा, पुणे, ठाणे समेत कई शहर शामिल हैं. वर्तमान में कालीचरण महाराज रायपुर के केंद्रीय जल में न्यायिक रिमांड पर भेजे गए हैं. आज उनकी न्यायिक रिमांड की अवधि समाप्त हुई थी. लेकिन कोर्ट ने उन्हें अतिरिक्त 14 दिन की न्यायिक रिमांड में एक बार फिर जेल भेज दिया है.

लोअर,और सेशन कोर्ट से कालीचरण को नहीं मिली है राहत

आपको बता दें कि कालीचरण महाराज को 30 दिसंबर को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान उनके वकीलों की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई. लेकिन लोअर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. सेशन कोर्ट से भी कालीचरण को राहत नहीं मिली. अब उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है

रायपुर/बिलासपुर: संत कालीचरण को रायपुर कोर्ट ने फिर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल (Sant Kalicharan sent to jail) भेज दिया है. कालीचरण 25 जनवरी तक जेल में बंद रहेंगे. कोविड प्रोटोकॉल के चलते केवल वकीलों की उपस्तिथि में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेंद्र वासनीकर की कोर्ट ने कालीचरण को अतिरिक्त 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने के आदेश दिया. रायपुर कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर संत कालीचरण हाईकोर्ट की शरण में गए हैं. कालीचरण की जमानत के लिए वकील मेहल जेठानी के माध्यम से याचिका लगाई गई है.

इस याचिका में कालीचरण के वकील मेहल जेठानी ने कहा है कि कालीचरण ने स्टेट के खिलाफ बोला है. जबकि कालीचरण के खिलाफ याचिका स्टेट ने नहीं बल्कि अन्य नागरिक ने लगाई है. दर्ज रिपोर्ट में स्टेट की परमिशन की जरूरत होती है. लेकिन स्टेट ने अभी तक परमिशन नहीं दी है. कालीचरण को एमपी के खजुराहो से पकड़ा गया है. वहां के पुलिस के साथ कोर्ट को भी अवगत नहीं कराया गया था. पुलिस ने रिमांड क्यों लिया है. जबकि कालीचरण का वीडियो पहले ही वायरल हो गया था. पूछताछ के लिए कुछ भी नहीं बचा है.

धर्म संसद में महात्मा गांधी पर कालीचरण ने दिया था विवादित बयान

रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया या था. इस धर्म संसद में कई साधु संत शामिल हुए थे. इस आयोजन में 26 दिसंबर को महाराष्ट्र अकोला निवासी कालीचरण महाराज ने भरे मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग किया. राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का उन्होंने भरे मंच से महिमामंडन किया. कालीचरण के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में सियासी उबाल आ गया. कालीचरण के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम कई राज्यों में गई.

30 दिसंबर को हुई कालीचरण की गिरफ्तारी

30 दिसंबर 2021 संत कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया. उसके बाद इस मामले में एमपी और छत्तीसगढ़ सरकार में सियासी बयानबाजी का दौर चला. एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर एतराज जताया. सीएम भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को जायज ठहराया. फिर कालीचरण को रायपुर पुलिस रायपुर लेकर आई और उसी दिन उसे कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कालीचरण को पुलिस रिमांड और फिर बाद में न्यायिक रिमांड पर भेजा गया.

कालीचरण के खिलाफ महाराष्ट्र में भी दर्ज है मामला

धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग करने वाले कालीचरण के खिलाफ सबसे पहली एफआईआर राजधानी रायपुर में 26 दिसंबर को दर्ज हुई. उसके बाद धीरे-धीरे महाराष्ट्र के कई शहरों में कालीचरण के ऊपर एफआईआर दर्ज हुआ. जिसमें अकोला, वर्धा, पुणे, ठाणे समेत कई शहर शामिल हैं. वर्तमान में कालीचरण महाराज रायपुर के केंद्रीय जल में न्यायिक रिमांड पर भेजे गए हैं. आज उनकी न्यायिक रिमांड की अवधि समाप्त हुई थी. लेकिन कोर्ट ने उन्हें अतिरिक्त 14 दिन की न्यायिक रिमांड में एक बार फिर जेल भेज दिया है.

लोअर,और सेशन कोर्ट से कालीचरण को नहीं मिली है राहत

आपको बता दें कि कालीचरण महाराज को 30 दिसंबर को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान उनके वकीलों की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई. लेकिन लोअर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. सेशन कोर्ट से भी कालीचरण को राहत नहीं मिली. अब उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है

Last Updated : Jan 13, 2022, 9:34 PM IST
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