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रायपुर: मध्य भारत के बड़े कपड़ा मार्केट में शुमार 'पंडरी', कोरोना से व्यापार प्रभावित - raipur corona alert

कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से कई व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पंडरी कपड़ा मार्केट की बात करें, तो यहां शादी के सीजन के वक्त लॉकडाउन के कारण व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. व्यापरियों ने करोड़ों के नुकसान के साथ ही इसका असर दीपावली तक रहने का अंदेशा जताया है.

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कपड़ा बाजार पर कोरोना का कहर
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Published : Apr 17, 2020, 3:01 PM IST

Updated : Apr 18, 2020, 10:00 AM IST

रायपुर: कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण प्रदेशभर में व्यापार ठप है. इससे कई कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है, इनमें से ही एक हैं कपड़ा व्यापारी. मध्य भारत के सबसे बड़े कपड़ा मार्केट में शुमार है रायपुर का पंडरी कपड़ा मार्केट, लेकिन 40 सालों में पहली बार ऐसा सन्नाटा यहां पसरा है.

लॉकडाउन से बाजार ठप

पंडरी कपड़ा मार्केट ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पश्चिम बंगाल तक कपड़े का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. मार्च-अप्रैल जैसे शादी के सीजन में लॉकडाउन के कारण यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. नुकसान के कारण व्यापारियों के होश उड़ गए हैं. करोड़ों का नुकसान तो हुआ ही है, आगे भी सीजन पूरी तरह से बर्बाद होने का अंदेशा है.

रायपुर के पंडरी मार्केट से ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि ओडिशा, झारखंड, विदर्भ, तेलंगाना, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में भी कपड़े का व्यापार होता है. 3 सप्ताह पहले तक यहां सुबह 11 बजे से लेकर रात 11 बजे तक व्यापार और चहल-पहल रहती थी. बाहर से कपड़ा लाने वाली गाड़ियां सुबह से ही बाजार में पहुंचने लगती थी और यहां हर दिन हजारों लोग आना-जाना कर कपड़े की खरीद-बिक्री में लगे रहते थे, लेकिन अब कोरोना के संक्रमण के चलते बाजार में पूरी तरह से तालेबंदी हो चुकी है.

शादी के सीजन में व्यापार नहीं होने से काफी नुकसान

पंडरी थोक कपड़ा व्यापार संघ के अध्यक्ष चंदर विधानी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपना दुःख बताया. उन्होंने कहा कि 'इस आपदा से तो पूरा देश लड़ रहा है, लेकिन कपड़ा मार्केट का व्यापार पूरी तरह से चौपट हो चुका है. कपड़ा बाजार के लिए मार्च-अप्रैल और मई शादियों का सीजन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. सालभर के व्यापार में 30-35 फीसदी व्यापार इसी सीजन में होता है, लेकिन अब तालेबंदी के बाद बाजार में स्थिति सुधरने में भी लंबा समय लगेगा'.

लॉकडाउन ने छोटे कपड़ा व्यापारियों की तोड़ी कमर

थोक कपड़ा व्यापारियों के अलावा बाजार में बड़े पैमाने पर रेडिमेड और रिटेल कपड़ा व्यापारियों की भी दुकानें हैं. जहां से हजारों लोगों का घर चलता है. व्यापारियों का कहना है कि 'इस लॉकडाउन से ना केवल खुद बल्कि छोटे व्यापारी भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं'. उन्होंने बताया कि 'बाजार के लिए जो माल लेकर आना होता है वह कैश लेकर आना होता है. अब इस माल को रिटेल काउंटर में भेजने के बाद आने वाले समय में भी रिकवरी की उम्मीद कम ही नजर आ रही है, क्योंकि बाजार में शादियों का सीजन पूरी तरह से ठप हो गया है. ऐसे में दुकान चलाने के लिए किराया और सामान के लिए दिए गए पैसे भी फंसे हुए हैं'.

दीपावली तक मंदी के हालात रहने के आसार

लॉकडाउन के बीच पंडरी कपड़ा व्यापारी संघ ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को इस दौरान पूरी तरह से वेतन देने का दावा जरूर किया है, लेकिन आने वाले समय में कपड़ा व्यापारियों के सामने सीजन खराब होने का असर ना केवल कुछ महीने बल्कि दीपावली तक बने रहने का अंदेशा है.

रायपुर: कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण प्रदेशभर में व्यापार ठप है. इससे कई कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है, इनमें से ही एक हैं कपड़ा व्यापारी. मध्य भारत के सबसे बड़े कपड़ा मार्केट में शुमार है रायपुर का पंडरी कपड़ा मार्केट, लेकिन 40 सालों में पहली बार ऐसा सन्नाटा यहां पसरा है.

लॉकडाउन से बाजार ठप

पंडरी कपड़ा मार्केट ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पश्चिम बंगाल तक कपड़े का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. मार्च-अप्रैल जैसे शादी के सीजन में लॉकडाउन के कारण यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. नुकसान के कारण व्यापारियों के होश उड़ गए हैं. करोड़ों का नुकसान तो हुआ ही है, आगे भी सीजन पूरी तरह से बर्बाद होने का अंदेशा है.

रायपुर के पंडरी मार्केट से ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि ओडिशा, झारखंड, विदर्भ, तेलंगाना, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में भी कपड़े का व्यापार होता है. 3 सप्ताह पहले तक यहां सुबह 11 बजे से लेकर रात 11 बजे तक व्यापार और चहल-पहल रहती थी. बाहर से कपड़ा लाने वाली गाड़ियां सुबह से ही बाजार में पहुंचने लगती थी और यहां हर दिन हजारों लोग आना-जाना कर कपड़े की खरीद-बिक्री में लगे रहते थे, लेकिन अब कोरोना के संक्रमण के चलते बाजार में पूरी तरह से तालेबंदी हो चुकी है.

शादी के सीजन में व्यापार नहीं होने से काफी नुकसान

पंडरी थोक कपड़ा व्यापार संघ के अध्यक्ष चंदर विधानी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपना दुःख बताया. उन्होंने कहा कि 'इस आपदा से तो पूरा देश लड़ रहा है, लेकिन कपड़ा मार्केट का व्यापार पूरी तरह से चौपट हो चुका है. कपड़ा बाजार के लिए मार्च-अप्रैल और मई शादियों का सीजन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. सालभर के व्यापार में 30-35 फीसदी व्यापार इसी सीजन में होता है, लेकिन अब तालेबंदी के बाद बाजार में स्थिति सुधरने में भी लंबा समय लगेगा'.

लॉकडाउन ने छोटे कपड़ा व्यापारियों की तोड़ी कमर

थोक कपड़ा व्यापारियों के अलावा बाजार में बड़े पैमाने पर रेडिमेड और रिटेल कपड़ा व्यापारियों की भी दुकानें हैं. जहां से हजारों लोगों का घर चलता है. व्यापारियों का कहना है कि 'इस लॉकडाउन से ना केवल खुद बल्कि छोटे व्यापारी भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं'. उन्होंने बताया कि 'बाजार के लिए जो माल लेकर आना होता है वह कैश लेकर आना होता है. अब इस माल को रिटेल काउंटर में भेजने के बाद आने वाले समय में भी रिकवरी की उम्मीद कम ही नजर आ रही है, क्योंकि बाजार में शादियों का सीजन पूरी तरह से ठप हो गया है. ऐसे में दुकान चलाने के लिए किराया और सामान के लिए दिए गए पैसे भी फंसे हुए हैं'.

दीपावली तक मंदी के हालात रहने के आसार

लॉकडाउन के बीच पंडरी कपड़ा व्यापारी संघ ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को इस दौरान पूरी तरह से वेतन देने का दावा जरूर किया है, लेकिन आने वाले समय में कपड़ा व्यापारियों के सामने सीजन खराब होने का असर ना केवल कुछ महीने बल्कि दीपावली तक बने रहने का अंदेशा है.

Last Updated : Apr 18, 2020, 10:00 AM IST
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