रायपुरः राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित अपने निवास पर रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस वार्ता की. इस मौके पर उन्होंने छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया.
कहा कि राज्य सरकार अपने दम पर लैब क्यों नहीं बना पा रही है. सिर्फ केंद्र सरकार पर ही क्यों डिपेंड है. प्रधानमंत्री के काफिले के रोकने वाली बात को लेकर उन्होंने कहा कि काफिले को रोकना भारत के मान-सम्मान, स्वाभिमान तथा गौरव पर प्रश्न है.
सरकार की केंद्र पर तोहमत लगाने की आदत
रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पिछले 2 महीने से ओमीक्रोन की बात सामने आ रही है. छत्तीसगढ़ सरकार, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सो रहे हैं. हर चीज को लेकर सरकार केंद्र के ऊपर क्यों निर्भरशील है. हमारे पास 200-400 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा पड़ा हुआ है. उसका उपयोग कर हम अपने दम पर लैब क्यों नहीं बना सकते हैं. सरकार को छत्तीसगढ़ की जनता के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है.
आज भी ऐसे बहुत सारे टेस्ट हैं, जो छत्तीसगढ़ में नहीं होते हैं. सैंपल को टेस्ट करवाने के लिए बाहर भेजना पड़ता है. छत्तीसगढ़ की सबसे बड़े हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं लचर हैं. छत्तीसगढ़ की सरकार ओमीक्रोन को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. छत्तीसगढ़ में कोरोना टेस्ट बढ़ाना चाहिए. लेकिन इसे अभी तक नहीं बढ़ाया गया है. ओमीक्रोन टेस्ट सैंपल की सिर्फ एक रिपोर्ट हमारे पास आई है. बाकी कोई रिपोर्ट नहीं आई है. सरकार के गंभीर नहीं होने से प्रदेश में संक्रमण बढ़ रहा है.
किसी देश के पीएम की सुरक्षा में सेंध ठीक नहीं
रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्य जनक है कि नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और वहां के प्रधानमंत्री के काफिले को रोकना, यह सिर्फ भारत की बात नहीं, पूरे विश्व में भारत का मान-सम्मान, गरिमा, गौरव के ऊपर सवाल खड़ा किया है. सभी राजनीतिक दलों के लिए सोचने की बात है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगाना, ठीक नहीं है.
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बेरोजगारी को लेकर भूपेश सरकार पर निशाना
रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी को लेकर भी भूपेश सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मजदूरों को काम देने के मामले में मनरेगा के तहत पूरा पैसा केंद्र सरकार दे रही है. उन पैसों का उपयोग करना है. लेकिन सरकार यह नहीं कर रही है. छत्तीसगढ़ में 21 लाख बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं. अनरजिस्टर्ड उससे ज्यादा हैं. उनमें से कितनों को रोजगार सरकार ने दिया, जवाब दे.