रायपुर: रायपुर की जीवनदायिनी खारून नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए रायपुर नगर निगम ने मिशन क्लीन खारून अभियान शुरू किया था. जिसके तहत रायपुर के अलग-अलग इलाकों में तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाना (Raipur lifeblood Kharun River when will it be pollution free ) था. हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कारा और निमोरा में बनाए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण किया है. लेकिन आज भी खारून नदी को प्रदूषण से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिली है. रायपुर के सबसे बड़े नाले में से एक चिगरी नाले का प्रदूषित जल सीधे खारून नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे खारून नदी प्रदूषित हो रही है.
चंदनडीह एसटीपी का काम नहीं हो पाया पूरा: अमृत मिशन परियोजना के अंतर्गत मिशन क्लीन खारून के तहत चंदनडीह में 75 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया जाना था. यह काम दिसंबर 2021 में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अबतक अटका है. नगर निगम द्वारा चिंगरी नाले के पानी को डायवर्ट कर चंदनडीह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक डाइवर्ट करने का काम किया जाना था. लेकिन समय रहते यह काम पूरा नहीं हो पाया है, जिसके कारण आज भी सीवरेज का पानी सीधे खारुन नदी में छोड़ा जा रहा है.
रायपुर निगम प्रशासन पर उठ रहे सवाल: रायपुर नगर निगम उपनेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा ने नगर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है, "कई बार निगम प्रशासन को अवगत कराया गया है कि नाले का गंदा पानी सीधे खारून नदी में जा रहा है और नदी को प्रदूषित कर रहा है. सीवरेज के पानी को पाइप लाइन के जरिए चंदनडीह डाइवर्ट करने की योजना है. हालांकि यह टेढ़ी खीर साबित हो रही है. कई जगहों से पाइप लाइन गुजर रही है. कहीं पटरी है, कहीं निजी प्लॉट है. कई जगहों पर पानी का भराव हो गया है. जिसके कारण काम बंद है. मुझे नहीं लगता कि जिस तरह से काम चल रहा है. वह इस बार पूरा हो पाएगा. बरसात का मौसम शुरू हो गया है. रेलवे की ओर से भी अभी अनुमति नहीं मिली है. जब तक यह काम नहीं होगा, तब तक चिंगरी नाले का पानी नदी में जाते रहेगा."
दबाव में काम करते हैं अधिकारी: मनोज वर्मा कहते हैं कि "नगर निगम अगर किसी योजना को बनाता है तो उसे सोच समझकर योजना बनानी चाहिए. योजना में किस तरह की कठिनाइयां आने वाली है या आएंगी. लेकिन बिना सोचे समझे ही काम शुरू कर दिया जाता है. काम शुरू करने के बाद चीजें पता चल रही है कि रेलवे की पटरियां बीच में आ रही है. इससे पहले अधिकारियों को कुछ पता नहीं था क्या? अधिकारियों को सब चीजें पता रहती है, लेकिन दबाव में काम करते हैं. जिसके कारण काम पूरा नहीं हो पाता है."
यह भी पढ़ें: राजधानी के लोगों को कैसे मिलता है खारून नदी से शुद्ध पानी?
क्या कहते हैं अधिकारी: रायपुर नगर निगम अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया, " मिशन क्लीन खारून के तहत तीन एसटीपी बनाए गए थे. 11 किलोमीटर का सीवरेज पाइप बनाया जाना था. कोरोनाकाल और अन्य परिस्थितियों के कारण सीवरेज लाइन का काम बाधित रहा है. वर्तमान में रेलवे के अंदर से सीवरेज लाइन को लेकर जाना है. वहां कार्य चल रहा है, लेकिन बरसात के कारण वहां पानी भर गया है. रेलवे द्वारा हमें कॉशन मनी भी देर से मिली है और कॉशन मनी को एक्सटेंशन करने की भी बात की गई है. वर्तमान में पानी भर जाने से सीवरेज लाइन का काम बंद है. जैसे ही लाइन का काम पूरा होगा तो चिगरी नाले के पानी को पाइपलाइन के जरिए चंदनडीह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भेजा जाएगा और सीवरेज के पानी का ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा."
ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई: रायपुर नगर निगम अपर आयुक्त ने बताया कि काम में देरी होने के कारण ठेके एजेंसी पर भी पेनाल्टी की जा रही है. इसके अलावा हर दिन उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है.