रायपुर : अगर आपने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (Chhattisgarh Board of Secondary Education Raipur)से दसवीं और बारहवी की परीक्षा दी है . और आप अपनी अंकसूची में हुई त्रुटि का सुधार करना चाहते हैं तो यह किसी पहाड़ तोड़ने के काम से कम नही है. दफ्तर का चक्कर लगाकर आपके चप्पलें घिस जाएगी ! लेकिंन समय पर आपका काम पूरा होगा इसकी कोई गारंटी नही है.क्योंकि विभाग हजारों बच्चों की टीआर शीट गुमा दी (Mashim misplaced the TR sheet) है. जब जिम्मेदारों से पूछा गया तो उनका कहना था कि रिकॉर्ड गुमता नहीं है,बस मिसप्लेस हो गया है. हां वो बात और है कि ऐसा मिसप्लेस हुआ है कि एक साल से ज्यादा समय होने को आया लेकिन टीआर शीट नहीं मिली.
कौन से छात्र लगा रहे हैं चक्कर : धमतरी निवासी प्रीति ने बताया कि वह अपने दसवीं और बारहवीं कक्षा के मार्कशीट में त्रुटि सुधार करवाने के लिए छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में आवेदन किया है. आवेदन दिए 6 महीने बीत गए हैं. लेकिन मंडल से अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है और ना ही मेरी अंकसूची में सुधार का कार्य किया गया है. 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में नाम की स्पेलिंग गलत हो गई है और पिता और माता के नाम की स्पेलिंग भी गलत है. लेकिन पिछले 6 महीने में अंकसूची में त्रुटि सुधार नही हो पाया है.
एक साल से झुला रहा विभाग : कोरिया के मनीष सिंह ने बताया कि '' उन्होंने दसवी के अनुसूची में त्रुटि सुधार करने के लिए 9 जुलाई 2021 से आवेदन किया है और आज लगभग 11 महीने हो रहे है. लेकिन अभी तक मुझे अनुसूची में सुधार कर नहीं दिया गया है.'' मनीष सिंह ने बताया कि ''पिछले 11 महीने से दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं,लेकिन इसकी टोपी उसके सिर पर बात हो रही (Students have been circling in Mashim for a year) है.''
कितने दिन में सुधार का है नियम : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में लगाए गए सूचना पटल के मुताबिक अंक सूची में संशोधन कार्य की समय सीमा 5 से 10 दिन निर्धारित की गई है. लेकिन त्रुटि सुधार या संशोधन के आवेदन करने के बाद भी सालों से सुधारकार्य नही किया जा रहा है.
जानिए विभाग का जवाब : लेटलतीफी के मामले को लेकर ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल सचिव वीके गोयल (Secretary VK Goyal reply) से बातचीत की तो उनका कहना है कि '' बड़े रिकॉर्ड रूम में कई बार विद्यार्थियों का टैबूलेशन रिकार्ड मिसप्लेस हो जाता है. जिसे ढूंढने में समय लगता है. बहुत से रिकॉर्ड हमारे पास मध्य प्रदेश से आए हुए हैं. हो सकता है कि उसमें टीआर मिसिंग हो.हमारे पास 1961 से रिकॉर्ड रखा हुआ है. कई बार रिकॉर्ड ढूंढने में भी समय लगता है, जिसके मिलने में समय लगता है. इसके कारण देरी होती है.अभी हमारे पास अंकसूची के कार्य सुधार कार्य पेंडिंग नहीं है.