रायपुर: देश की सियासत में एक नया शब्द 'टूलकिट' इन दिनों सुर्खियों में है. दिल्ली को तपाते हुए इसने छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे को भी सुलगा दिया है. चलिए समझते हैं कि ये टूलकिट है क्या और ये कैसे छत्तीसगढ़ पहुंच गया और यहां क्यों इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर जुबानी जंग छेड़े हुए हैं कि मामला थाने तक पहुंच गया है.
18 अगस्त को भाजपा की ओर संबित पात्रा ने एक दस्तावेज जारी किया और दावा किया कि इसे कांग्रेस ने तैयार किया है. इसमें इस बात की बिंदुवार योजना है कि कैसे केन्द्र सरकार को बदनाम किया जाए, कैसे पीएम मोदी की छवि खराब की जाए. इस टूलकिट में कोरोना काल में केन्द्र सरकार को नाकाम बताने, कुंभ को सुपर स्प्रेडर बताने जैसी कई बातों का जिक्र है. कांग्रेस ने इस टूलकिट को भाजपा की साजिश बताया है और इस मामले में भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी, संबित पात्रा समेत कई नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. और सोशल मीडिया में झूठ फैलाने का आरोप लगाया है. कोरोना में सरकार की नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए किया गया प्रोपोगैंडा करार दिया है.
जानिए छत्तीसगढ़ में क्या है वो टूलकिट मामला, जिस पर गरमाई है राजनीति ?
इधर संबित पात्रा द्वारा जारी दस्तावेज को देशभर के भाजपा नेताओं ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वायरल करना शुरू कर दिया. छत्तीसगढ़ में भी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत कई नेताओं ने इसे पोस्ट किया. रमन सिंह ने कांग्रेस पर बिलो द बेल्ट राजनीति करने और लोगों को आपस में लड़ाने का आरोप लगाया. इस मामले में रायपुर के सिविल लाइन थाने में रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. भाजपा और रमन सिंह पर सोशल मीडिया में हमले तेज हो गए. रमन के खिलाफ मामला थाना पहुंचते ही भाजपा के नेता भी सोशल मीडिया में सक्रिय हो गए और इसके बाद से एक-दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगाने लगे. इस तरह से दिल्ली से उठी ये चिंगारी छत्तीसगढ़ में पूरे शबाब पर धधक रही है.