रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में गंगा और गीता पर सियासत चल रही है. भाजपा का कहना है कि गीता और गंगाजल हाथ में लेकर कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में किए 36 वादों को पूरा करने की सौगंध (Politics on Geeta Gangajal in Chhattisgarh) खाई थी. कांग्रेस कह रही है कि किसानों की कर्जमाफी के लिए गंगाजल हाथ में लेकर सौगंध खाई गई थी.
कांग्रेस का वार: कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि ''भाजपा के लोगों के द्वारा यह कहा जाना कि कांग्रेस ने सभी 36 वादों को पूरा करने के लिए हाथ में गंगाजल लेकर गीता की सौगंध खाई थी, यह सरासर झूठ है. धनंजय सिंह ठाकुर ने डॉ रमन सिंह और भाजपा को चैलेंज किया है यदि इस तरह का बयान कांग्रेस की ओर से दिया गया है तो डॉ रमन सिंह और भाजपा हाथ में गंगा जल लेकर गीता की सौगंध खाएं, कि कांग्रेस के द्वारा इस तरह की कोई शपथ ली गई थी.''
भाजपा का पलटवार: कांग्रेस के इस बयान पर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी है. भाजपा मीडिया विभाग प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा है कि ''आज खुद कांग्रेस ने यह बात स्वीकार कर लिया कि उन्होंने सिर्फ कर्जमाफी की घोषणा की थी, बाकी सारे वादे झूठे थे. यदि बाकी वादों को पूरा नहीं करना था तो जन घोषणा पत्र में उसका उल्लेख क्यों किया गया? जाहिर है कि कांग्रेसी कर्जमाफी के अलावा जन घोषणा पत्र में किए किसी वादे को पूरा नहीं करना चाहते. कांग्रेस को चाहिए कि चौक चौराहे पर आ जाए और जनता के बीच में जाकर यह कह दे कि हमने जो जन घोषणापत्र में वादे किए थे, उसे पूरा नहीं कर सकते.''
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क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार: राजनीतिक जानकारों का भी कहना है कि गंगा और गीता को लेकर प्रदेश में सियासत की जा रही है. वरिष्ठ पत्रकार अजय श्रीवास्तव का कहना है कि ''जब गंगाजल वाली कांग्रेस ने पत्रकार वार्ता ली थी, उस दौरान मैं खुद पत्रकार वार्ता में उपस्थित था. कांग्रेस के तत्कालीन वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह, जो अब वर्तमान में भाजपा में चले गए हैं, उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ हाथ में गंगाजल लेकर सौगंध ली थी कि सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ हो जाएगा. सत्ता पर काबिज होने के बाद 10 घंटे के भीतर किसानों का कर्ज भी माफ कर दिया गया है. ऐसे में भाजपा का यह कहना कि हाथ में गंगाजल और गीता लेकर जन घोषणा पत्र में किए गए सभी 36 वादों को पूरा करने की सौगंध खाई गई थी, वह सही नहीं है.''