रायपुर: अंबेडकर हॉस्पिटल स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में सोमवार को 3 मरीजों की सफलतापूर्वक थ्री डायमेंनशनल ओसीटी गाइडेड कोरोनरी एंजियोप्लास्टी कर छत्तीसगढ़ की पहली ओसीटी आधारित एडवांस टेक्नोलॉजी की शुरुआत की गई. इस ऑपेरशन में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ स्मित श्रीवास्तव और उनकी पूरी टीम साथ थी. (OCT Based Cardiac Procedure at Ambedkar Hospital)
एसीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ स्मित श्रीवास्तव (Cardiologist Dr Smit Srivastava) ने बताया कि 'एक 45 वर्षीय युवक जो हार्ट अटैक के साथ हॉस्पिटल आया था. जिनके 2 नसों में ब्लॉकेज था. दोनों ब्लॉकेज सामान्य लग रहे थे. लेकिन ओसीटी प्रक्रिया करने से ब्लॉकेज के फाब्रोटीक होने का पता चला. उसके बाद ओसीटी की सहायता से उचित मापदंड लेते हुए एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई. इसी तरह एक 65 साल की महिला जिसकी एंजियोग्राफी में नस के फटने और थक्का जमने की आशंका थी. ओसीटी प्रक्रिया से यह स्पष्ट हुआ कि नस फटी हुई है और फॉल्स ल्यूमेन में जाने से बचाया जा सका. ओसीटी प्रक्रिया की सहायता से उचित मापदंड लेते हुए एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर हुई. इसी तरह एक दूसरे केस में भी एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई.
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जानें क्या है ओसीटी तकनीक: ओसीटी यानी ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी एक इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड का एक प्रकाशीय रूप है. जो अल्ट्रासाउंड की तुलना में 10 गुना अधिक लाइव छवियां बनाता है. नसों में ब्लॉक की सीमा का पता लगाने के लिए कोरोनरी एंजियोग्राम के लिए यह एक सही तरीका है. शुरू से अभी तक ओसीटी का उपयोग नेत्र रोग विषेषज्ञों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता रहा है. वर्तमान में कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में भी इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. इसकी मदद से ब्लॉकेज का सटीक ढंग से पता लगाकर सही ढंग से स्टेंटिंग की जा सकती है.