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रविशंकर यूनिवर्सिटी में अब नियुक्ति को लेकर बवाल - School of Philosophy and Yoga Studies

रविशंकर यूनिवर्सिटी (Pandit Ravi Shankar University Raipur )में योग एवं दर्शन डिपार्टमेंट के छात्र सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियम के विरुद्ध नियुक्ति की है.

Movement of students of Yoga and Philosophy
रविशंकर यूनिवर्सिटी में अब नियुक्ति को लेकर बवाल
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Published : Jun 3, 2022, 12:38 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय (Pandit Ravi Shankar University Raipur) में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर जहां विश्वविद्यालय की संपत्ति कुर्क करने का मामला चल रहा है .विश्वविद्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. वहीं अब छात्र भी हड़ताल पर उतर आए हैं.

रविशंकर यूनिवर्सिटी में अब नियुक्ति को लेकर बवाल

क्यों कर रहे छात्र हड़ताल : छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दर्शन एवं योग अध्ययन शाला में विवेकानंद चेयर प्रोफेसर की गलत नियुक्ति की गई. विद्यार्थियों का आरोप है कि यूजीसी गाइडलाइन एवं नियम के विरुद्ध नियुक्ति की गई (Allegation of appointment of unqualified teacher in the School of Philosophy and Yoga) है..


क्यों खड़ा हुआ विवाद : विद्यार्थियों ने बताया कि ''विश्वविद्यालय प्रशासन के स्वामी विवेकानंद चेयर पीठ पर योग के विद्वान की नियुक्ति होनी चाहिए . लेकिन किसी दर्शन शास्त्र और योग के क्वालिफाइड शिक्षक की नियुक्ति ना करते हुए, अन्य विषय के शिक्षकों को नियुक्त किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन गलती के कारण हमें लग रहा है कि दर्शन एवं योग अध्ययन शाला किसी अन्य डिपार्टमेंट में स्थानांतरित करने की तैयारी है. एक ओर जहां सरकार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग और दर्शन को आगे रखने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर हमारा विभाग खतरे में है. नियम विरुद्ध नियुक्ति होने से हम सभी विद्यार्थी इसका पूरा विरोध करते (Movement of students of Yoga and Philosophy)हैं.''



विद्यार्थियों को होगा यह नुकसान : विद्यार्थियों ने बताया कि '' पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय है जहां दर्शन एवं योग में पीएचडी किया जा सकता है. किसी अन्य विभाग के शिक्षक की नियुक्ति होती है.पीएचडी की 8 सीटें बर्बाद हो जाएगी. एक तरह से यह कहा जा सकता है कि योग अध्ययन शाला खत्म हो जाएगा, जो हमें किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है.''

ये भी पढ़ें- रविशंकर यूनिवर्सिटी में हो सकती ऑनलाइन परीक्षा

छात्र हित में नहीं है निर्णय : विश्वविद्यालय के छात्र शैलेंद्र ने बताया कि ''हर बार यह कहा जाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र हित में निर्णय लेता है.लेकिन अगर विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र हित में निर्णय लेता तो आज हमें सड़क पर नहीं आना पड़ता. स्पष्ट रूप से जिस पद में शिक्षक की नियुक्ति होनी है उसके लिए यूजीसी की गाइडलाइन है. दर्शन एवं योग अध्ययन शाला (School of Philosophy and Yoga Studies) में विवेकानंद चेयर प्रोफेसर के लिए उस शिक्षक को फिलॉसफी बैकग्राउंड का होना चाहिए, यूथ डेवलपमेंट और योगा बैकग्राउंड शिक्षक होना चाहिए. हमारी मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस नियुक्ति को निरस्त करें नहीं तो आने वाले दिनों में छात्र उग्र आंदोलन करेंगे.''

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय (Pandit Ravi Shankar University Raipur) में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर जहां विश्वविद्यालय की संपत्ति कुर्क करने का मामला चल रहा है .विश्वविद्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. वहीं अब छात्र भी हड़ताल पर उतर आए हैं.

रविशंकर यूनिवर्सिटी में अब नियुक्ति को लेकर बवाल

क्यों कर रहे छात्र हड़ताल : छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दर्शन एवं योग अध्ययन शाला में विवेकानंद चेयर प्रोफेसर की गलत नियुक्ति की गई. विद्यार्थियों का आरोप है कि यूजीसी गाइडलाइन एवं नियम के विरुद्ध नियुक्ति की गई (Allegation of appointment of unqualified teacher in the School of Philosophy and Yoga) है..


क्यों खड़ा हुआ विवाद : विद्यार्थियों ने बताया कि ''विश्वविद्यालय प्रशासन के स्वामी विवेकानंद चेयर पीठ पर योग के विद्वान की नियुक्ति होनी चाहिए . लेकिन किसी दर्शन शास्त्र और योग के क्वालिफाइड शिक्षक की नियुक्ति ना करते हुए, अन्य विषय के शिक्षकों को नियुक्त किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन गलती के कारण हमें लग रहा है कि दर्शन एवं योग अध्ययन शाला किसी अन्य डिपार्टमेंट में स्थानांतरित करने की तैयारी है. एक ओर जहां सरकार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग और दर्शन को आगे रखने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर हमारा विभाग खतरे में है. नियम विरुद्ध नियुक्ति होने से हम सभी विद्यार्थी इसका पूरा विरोध करते (Movement of students of Yoga and Philosophy)हैं.''



विद्यार्थियों को होगा यह नुकसान : विद्यार्थियों ने बताया कि '' पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय है जहां दर्शन एवं योग में पीएचडी किया जा सकता है. किसी अन्य विभाग के शिक्षक की नियुक्ति होती है.पीएचडी की 8 सीटें बर्बाद हो जाएगी. एक तरह से यह कहा जा सकता है कि योग अध्ययन शाला खत्म हो जाएगा, जो हमें किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है.''

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छात्र हित में नहीं है निर्णय : विश्वविद्यालय के छात्र शैलेंद्र ने बताया कि ''हर बार यह कहा जाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र हित में निर्णय लेता है.लेकिन अगर विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र हित में निर्णय लेता तो आज हमें सड़क पर नहीं आना पड़ता. स्पष्ट रूप से जिस पद में शिक्षक की नियुक्ति होनी है उसके लिए यूजीसी की गाइडलाइन है. दर्शन एवं योग अध्ययन शाला (School of Philosophy and Yoga Studies) में विवेकानंद चेयर प्रोफेसर के लिए उस शिक्षक को फिलॉसफी बैकग्राउंड का होना चाहिए, यूथ डेवलपमेंट और योगा बैकग्राउंड शिक्षक होना चाहिए. हमारी मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस नियुक्ति को निरस्त करें नहीं तो आने वाले दिनों में छात्र उग्र आंदोलन करेंगे.''

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