रायपुरः लोगों को सस्ता, सुंदर और सुलभ न्याय मिल सके, इसके लिए समय-समय पर नेशनल लोक अदालत (National Lok Adalat) का आयोजन किया जाता है. कोरोना (corona) काल की वजह से बीच में थोड़ी रुकावट जरूर आई थी लेकिन उस समय नेशनल लोक अदालत का आयोजन ऑनलाइन (Online) किया गया था. कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद नेशनल लोक अदालत का आयोजन ऑफलाइन (offline) होने लगा. रायपुर जिले में 74 खंडपीठ के माध्यम से 13 हजार से अधिक मामलों की सुनवाई ( hearing) शनिवार को आयोजित लोक अदालत में किया गया.
बड़ी संख्या में मामलों का हुआ निपटारा
राजधानी के जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को नेशनल लोक अदालत (National Lok Adalat) का आयोजन किया गया. जिसमें पक्षकार और अधिवक्ताओं (parties and advocates) के द्वारा लोक अदालत के माध्यम से न्याय पाने के लिए पहुंचे लोगों के मामलों का निस्तारण किया गया. लोगों में उत्साह देखने को नहीं मिला और इस लोक अदालत में भीड़ भी कम नजर आई. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) के सचिव (Secretary) प्रवीण मिश्रा ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित लगभग 7000 मामले रखे गए. इसके साथ ही प्री -लिटिगेशन के 6000 से अधिक मामलों की सुनवाई की गई.
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74 खंडपीठों का हुआ गठन
राजधानी रायपुर सहित पूरे जिले में इसके लिए 74 खंडपीठ का गठन किया गया. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जिला न्यायालय राजस्व न्यायालय रायपुर गरियाबंद तिल्दा राजिम और देवभोग को खंडपीठ बनाया गया जहां पर शनिवार की सुबह से ही मामलों का निपटारा शुरू हो गया. कोरोना संक्रमण के कारण न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिलाया जा रहा है.