ETV Bharat / city

राज्य में 70 फीसदी से अधिक प्राचार्य के पद खाली - Higher Education

छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणवत्ता (quality in higher education) बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके लिए नैक से अच्छी ग्रेडिंग हासिल करने के लिए भी जद्दोजहद किया जा रहा है. इतना ही नहीं. प्रदेश में कई शासकीय महाविद्यालय (government college) भी खोले जा रहे हैं लेकिन दूसरी ओर महाविद्यालयों में प्राचार्यों की बात की जाए तो 70 से अधिक फीसदी कॉलेजों में प्राचार्य (principals in colleges) के पद खाली पड़े हैं.

More than 70 percent posts of principal are vacant in Chhattisgarh
राज्य में 70 फीसदी से अधिक प्राचार्य के पद रिक्त
author img

By

Published : Oct 27, 2021, 9:52 PM IST

Updated : Oct 27, 2021, 10:41 PM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणवत्ता (quality in higher education) बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके लिए नैक से अच्छी ग्रेडिंग हासिल करने के लिए भी जद्दोजहद किया जा रहा है. इतना ही नहीं. प्रदेश में कई शासकीय महाविद्यालय (government college) भी खोले जा रहे हैं लेकिन दूसरी ओर महाविद्यालयों में प्राचार्यों की बात की जाए तो 70 से अधिक फीसदी कॉलेजों में प्राचार्य के पद खाली पड़े हैं. जानकारों की मानें तो करीब 30-35 प्राचार्य तीन चार साल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में यदि जल्द ही पदोन्नति नहीं हुआ तो सभी महाविद्यालय प्राचार्य विहीन महाविद्यालय हो जाएंगे.


261 सरकारी महाविद्यालय
छत्तीसगढ़ में 261 सरकारी महाविद्यालय संचालित हैं. जिनमें से करीब 170 में प्राचार्यों के पद रिक्त है. पिछले 10 वर्षों से पदोन्नति नहीं होने से करीब 90 कॉलेजों में नियमित प्राचार्य रह गए हैं. उनमें से भी ज्यादातर तीन से चार वर्षों से सेवानिवृत्त हो जाएंगे. वहीं, राज्य में संचालित 203 यूजी कॉलेज में से सिर्फ 45 में ही नियमित पर कार्य पदस्थ हैं. 58 स्नातकोत्तर महाविद्यालय में से 38 में प्राचार्य के पद रिक्त है.

राज्य में 70 फीसदी से अधिक प्राचार्य के पद खाली
कांग्रेस पार्षद और रेलवे के इंजीनियर आपस में भिड़े, मामला पहुंचा थाना3-4 वर्ष में करीब 30 प्राचार्य हो जाएंगे सेवानिवृत्तजानकारी के मुताबिक कॉलेजों में वर्तमान में सेवा दे रहे लगभग 30 से 35 प्राचार्य ऐसे हैं जो तीन से चार वर्षों में सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इतना ही नहीं, हर माह पदोन्नति के योग्य प्राध्यापक भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. प्राचार्यों का भी सेवानिवृत्त होने का दौर लगातार जारी है. ऐसे में पद रिक्त होने और पदोन्नति नहीं होने से आने वाले समय में महाविद्यालय को प्राचार्य की कमी से जूझना पड़ सकता है.


पदोन्नति नहीं हुई तो महाविद्यालय प्राचार्य विहीन हो जाएंगे
शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालयीन शिक्षक एवं अधिकारी संघ के अध्यक्ष प्रो. केके बिंदल ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग में 2019 में एक नया अधिनियम बनाया गया है. उसके कारण सहायक प्राध्यापकों से प्राध्यापक और प्राध्यापकों से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होगी. यदि यह शीघ्र पदोन्नति करना चाहते हैं तो उच्च शिक्षा विभाग को 2019 भर्ती अधिनियम में परिवर्तन करना पड़ेगा. तब जाकर पदोन्नति हो सकती है. लगभग 150 के आसपास ऐसे कॉलेजों की संख्या है, जहां प्राचार्य कार्यरत नहीं है. यदि प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हुई तो छत्तीसगढ़ में 3 या 4 साल में प्राचार्य विहीन महाविद्यालय हो जाएगा और वरिष्ठ प्राध्यापकों को प्राचार्य बनाकर कार्य कराया जाएगा.


वित्त विभाग से पास, फिर भी अटका मामला
छत्तीसगढ़ शासन में अगस्त 2006 से लगभग 350 सहायक प्राध्यापकों को प्राध्यापक पद पर पदोन्नत किया गया था. उनमें से वरिष्ठता के आधार पर 2009 और 2014 में प्राचार्य पद पर पदोन्नत किए गए और उसी के आधार पर उनको स्नातकोत्तर प्राचार्य बनाया गया. यदि शासन शीघ्र प्राचार्य पद पर पदोन्नत करना चाहती है तो पदोन्नत प्राध्यापकों को 2009 से जिसके वह पात्र हैं. वित्त विभाग से भी पास हो चुका है। वह यदि हमको दे दे तो पदोन्नति की जो समस्याएं आ रही है उसका निराकरण जल्द से जल्द हो जाएगा.

10 हजार एजीपी वाले को पदोन्नति
पदोन्नत प्राध्यापकों को 9 हजार एजीपी मिल रहा है तो उसमें छठवें वेतनमान में स्पष्ट रुप से लिखा गया है कि यदि मान लीजिए पदोन्नत प्राध्यापक 3 साल तक किसी वेतनमान में रहता है तो उसको उसके बाद उसे 10 हजार एजीपी दिया जाएगा. अभी 2019 में भी प्राचार्य पद की पदोन्नति के लिए एक आवश्यक शर्त यही है कि वही प्राध्यापक प्राचार्य पद पर पदोन्नत हो सकते हैं. जिनको 10 हजार रुपए एजीपी मिलेगा. यह वित्त विभाग से पारित हो चुका है. बकायदा इसका आदेश की प्रति भी हम लोगों ने शासन को उपलब्ध करा दी है.

  • 203 यूजी कॉलेजों में 158 पद खाली
  • राज्य के 261 कॉलेजों में 170 में प्राचार्य नहीं
  • 2016 में 350 प्राध्यापकों में मात्र 28 की पदोन्नति
  • तीन-चार साल में 30-35 प्राचार्य हो जाएंगे सेवानिवृत्त

पदोन्नति के लिए पीएससी से डेट का इंतजार
वहीं, इस मामले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने उच्च शिक्षा आयुक्त शारदा वर्मा से टेलीफोनिक बात की तो उन्होंने बताया कि प्राध्यापकों की पदोन्नति के लिए फ़ाइल भेज दी गई है, लेकिन पीएससी से अभी डेट नहीं आया है. जिसकी वजह से पदोन्नति का काम रुका है. उम्मीद कि जा रही है कि जल्द ही पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. ऐसे में अब देखना यह होगा कि विभाग कितनी जल्दी पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरी करेगी और प्राचार्यों के पद भरे जाएंगे.

रायपुरः छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणवत्ता (quality in higher education) बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके लिए नैक से अच्छी ग्रेडिंग हासिल करने के लिए भी जद्दोजहद किया जा रहा है. इतना ही नहीं. प्रदेश में कई शासकीय महाविद्यालय (government college) भी खोले जा रहे हैं लेकिन दूसरी ओर महाविद्यालयों में प्राचार्यों की बात की जाए तो 70 से अधिक फीसदी कॉलेजों में प्राचार्य के पद खाली पड़े हैं. जानकारों की मानें तो करीब 30-35 प्राचार्य तीन चार साल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में यदि जल्द ही पदोन्नति नहीं हुआ तो सभी महाविद्यालय प्राचार्य विहीन महाविद्यालय हो जाएंगे.


261 सरकारी महाविद्यालय
छत्तीसगढ़ में 261 सरकारी महाविद्यालय संचालित हैं. जिनमें से करीब 170 में प्राचार्यों के पद रिक्त है. पिछले 10 वर्षों से पदोन्नति नहीं होने से करीब 90 कॉलेजों में नियमित प्राचार्य रह गए हैं. उनमें से भी ज्यादातर तीन से चार वर्षों से सेवानिवृत्त हो जाएंगे. वहीं, राज्य में संचालित 203 यूजी कॉलेज में से सिर्फ 45 में ही नियमित पर कार्य पदस्थ हैं. 58 स्नातकोत्तर महाविद्यालय में से 38 में प्राचार्य के पद रिक्त है.

राज्य में 70 फीसदी से अधिक प्राचार्य के पद खाली
कांग्रेस पार्षद और रेलवे के इंजीनियर आपस में भिड़े, मामला पहुंचा थाना3-4 वर्ष में करीब 30 प्राचार्य हो जाएंगे सेवानिवृत्तजानकारी के मुताबिक कॉलेजों में वर्तमान में सेवा दे रहे लगभग 30 से 35 प्राचार्य ऐसे हैं जो तीन से चार वर्षों में सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इतना ही नहीं, हर माह पदोन्नति के योग्य प्राध्यापक भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. प्राचार्यों का भी सेवानिवृत्त होने का दौर लगातार जारी है. ऐसे में पद रिक्त होने और पदोन्नति नहीं होने से आने वाले समय में महाविद्यालय को प्राचार्य की कमी से जूझना पड़ सकता है.


पदोन्नति नहीं हुई तो महाविद्यालय प्राचार्य विहीन हो जाएंगे
शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालयीन शिक्षक एवं अधिकारी संघ के अध्यक्ष प्रो. केके बिंदल ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग में 2019 में एक नया अधिनियम बनाया गया है. उसके कारण सहायक प्राध्यापकों से प्राध्यापक और प्राध्यापकों से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होगी. यदि यह शीघ्र पदोन्नति करना चाहते हैं तो उच्च शिक्षा विभाग को 2019 भर्ती अधिनियम में परिवर्तन करना पड़ेगा. तब जाकर पदोन्नति हो सकती है. लगभग 150 के आसपास ऐसे कॉलेजों की संख्या है, जहां प्राचार्य कार्यरत नहीं है. यदि प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हुई तो छत्तीसगढ़ में 3 या 4 साल में प्राचार्य विहीन महाविद्यालय हो जाएगा और वरिष्ठ प्राध्यापकों को प्राचार्य बनाकर कार्य कराया जाएगा.


वित्त विभाग से पास, फिर भी अटका मामला
छत्तीसगढ़ शासन में अगस्त 2006 से लगभग 350 सहायक प्राध्यापकों को प्राध्यापक पद पर पदोन्नत किया गया था. उनमें से वरिष्ठता के आधार पर 2009 और 2014 में प्राचार्य पद पर पदोन्नत किए गए और उसी के आधार पर उनको स्नातकोत्तर प्राचार्य बनाया गया. यदि शासन शीघ्र प्राचार्य पद पर पदोन्नत करना चाहती है तो पदोन्नत प्राध्यापकों को 2009 से जिसके वह पात्र हैं. वित्त विभाग से भी पास हो चुका है। वह यदि हमको दे दे तो पदोन्नति की जो समस्याएं आ रही है उसका निराकरण जल्द से जल्द हो जाएगा.

10 हजार एजीपी वाले को पदोन्नति
पदोन्नत प्राध्यापकों को 9 हजार एजीपी मिल रहा है तो उसमें छठवें वेतनमान में स्पष्ट रुप से लिखा गया है कि यदि मान लीजिए पदोन्नत प्राध्यापक 3 साल तक किसी वेतनमान में रहता है तो उसको उसके बाद उसे 10 हजार एजीपी दिया जाएगा. अभी 2019 में भी प्राचार्य पद की पदोन्नति के लिए एक आवश्यक शर्त यही है कि वही प्राध्यापक प्राचार्य पद पर पदोन्नत हो सकते हैं. जिनको 10 हजार रुपए एजीपी मिलेगा. यह वित्त विभाग से पारित हो चुका है. बकायदा इसका आदेश की प्रति भी हम लोगों ने शासन को उपलब्ध करा दी है.

  • 203 यूजी कॉलेजों में 158 पद खाली
  • राज्य के 261 कॉलेजों में 170 में प्राचार्य नहीं
  • 2016 में 350 प्राध्यापकों में मात्र 28 की पदोन्नति
  • तीन-चार साल में 30-35 प्राचार्य हो जाएंगे सेवानिवृत्त

पदोन्नति के लिए पीएससी से डेट का इंतजार
वहीं, इस मामले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने उच्च शिक्षा आयुक्त शारदा वर्मा से टेलीफोनिक बात की तो उन्होंने बताया कि प्राध्यापकों की पदोन्नति के लिए फ़ाइल भेज दी गई है, लेकिन पीएससी से अभी डेट नहीं आया है. जिसकी वजह से पदोन्नति का काम रुका है. उम्मीद कि जा रही है कि जल्द ही पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. ऐसे में अब देखना यह होगा कि विभाग कितनी जल्दी पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरी करेगी और प्राचार्यों के पद भरे जाएंगे.

Last Updated : Oct 27, 2021, 10:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.