आरंग/रायपुर: लॉकडाउन की वजह से पर्यावरण में पिछले कुछ समय से काफी सुधार आया है. वातावरण पहले से ज्यादा शुद्ध होने लगा है. जहां एक ओर शहरीकरण के लिए हजारों की संख्या में पेड़ काट दिए जाते हैं, वहीं एक ऐसा भी युवक है जो धरती को हरा-भरा बनाने लिए पिछले कई साल से समर्पित होकर काम कर रहा है. विश्व पर्यावरण दिवस पर हम आपको आरंग विकासखंड के रहने वाले एक ऐसे युवक की कहानी बता रहे हैं, जिसने पिछले 8 साल में 100 से ज्यादा पौधे न सिर्फ लगाए हैं, बल्कि उनकी देखभाल भी कर रहा है.
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आरंग विकासखंड के गांव नरहदा के रहने वाले चुम्मन लाल ने अपने पिता से प्रेरणा लेते हुए गांव में पौधा रोपण शुरू किया. और देखते ही देखते महज कुछ साल में पूरे इलाके में हरियाली छा गई. स्कूल में ड्राइवर का काम कर रहा चुम्मन अपनी बचत से पौधों की दवाई, खाद आदि का इंतजाम करता है. चुम्मन ने 8 साल में गांव के तालाब के पास 100 से ज्यादा पौधे लगाए हैं जो अब वृक्ष बन गए हैं.
राहगीरों के लिए बना शरणस्थली
जब पौधे वृक्ष बनने लगे, तो चुम्मन ने पेड़ के नीच मिट्टी डलवाकर उसे आरामदायक बैठने की जगह बनवा दी. चुम्मन के लगाए बरगद,पीपल नीम और आम जैसे पेड़ों की छांव में राहगीर बैठकर आराम कर अपनी थकान मिटाते हैं.
युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत
चुम्मन के इस काम की सराहना सभी करते हैं. चुम्मन के इस कार्य के लिए जहां एक ओर पर्यावरणप्रेमी उनका धन्यवाद करते हैं, तो गांव के युवा उनसे प्रेरणा ले रहे हैं. चुम्मन और उसके पिता मिलकर अपने इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं. ये दोनों ही पिता-पुत्र की जोड़ी हर साल एक पौधा जरूर लगाते हैं. उनके इस कार्य से तालाब के किनारे की सूरत ही बदल गई है. वहीं पंचायत भी इस कार्य के लिए चुम्मन और पिता का आभार जताया है.