ETV Bharat / city

छत्तीसगढ़ में धान की नई प्रजाति तैयार करने कराई जाती है बीजों की शादी - hybrid seeds in chhattisgarh

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. कई तरह के धान की खेती के साथ ही यहां धान की नई किस्में भी तैयार की जाती है. ऐसी ही एक प्रजाति है संकर बीज. जिसमें नर नारी बीजों की शादी कर नए बीज तैयार किए जाते हैं.

Male female paddy species in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में नर नारी धान की प्रजाति
author img

By

Published : May 20, 2022, 5:01 PM IST

रायपुर: आपने कई तरह के धान की प्रजातियों के बारे में सुना होगा. लेकिन आज हम आपको धान की एक ऐसी प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसमें नर नारी का पर परागण अर्थात विवाह कराकर धान का बीज तैयार किया जाता है. इस पद्धति में नर और मादा का पर परागण कराकर बीज तैयार होता है. जिसे संकर धान के बीज के नाम से जाना जाता है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पादप प्रजनन विभाग के एचओडी डॉक्टर दीपक शर्मा ने बताया कि नर लाइन को 2 पंक्ति में लगाया जाता है और मादा लाइन को 8 पंक्तियों में लगाया जाता है और यह समर की फसल है.

छत्तीसगढ़ में नर नारी धान की प्रजाति

आर्टिफिशियल रूप से पर परागण से बनता है बीज: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पादप प्रजनन विभाग के एचओडी डॉक्टर दीपक शर्मा बताते हैं कि "संकर धान का बीज बनाने के लिए आर्टिफिशियल रूप से पर परागण करके बनाया जाता है.एक नर लाइन होती है जिसे आर लाइन कहा जाता है. दूसरी लाइन बीज जनक होती है. जिसे मादा लाइन कहा जाता है. इसे एलाइन के नाम से जानते हैं. नर लाइन को 2 पंक्तियों में लगाया जाता है और मादा लाइन को 6 से 8 पंक्तियों में लगाया जाता है. पर परागण कराकर संकर धान का बीज बनता है.

छत्तीसगढ़ में धान की बालियों से तैयार हो रहे आभूषण, जानिए इसकी कीमत

इस धान की पैदावार के लिए छत्तीसगढ़ के 3 जिले उपयुक्त: संकर धान की पैदावार के लिए छत्तीसगढ़ के उपयुक्त स्थानों में धमतरी, गरियाबंद और बालोद जिले हैं. जहां पर किसान इसकी पैदावार ले रहे हैं. रवि समर की फसल होने के कारण इन जगहों को उपयुक्त माना गया है. संकर बीज बनाने के लिए आद्रता अधिक होनी चाहिए. रात और दिन के तापमान में 10 डिग्री से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए और इसके लिए सनशाइन भी अधिक होनी चाहिए.


छत्तीसगढ़ में 5 हजार एकड़ से अधिक में होती है पैदावार: छत्तीसगढ़ के इन 3 जिलों के अलावा दूसरी जगह की किसान भी इसकी खेती कर रहे हैं लेकिन कम एरिया में खेती की जा रही है कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान की पैदावार हो रही है. छत्तीसगढ़ में लगभग 5 हज़ार से अधिक एकड़ में संकर धान की फसल किसान ले रहे हैं.



संकर धान की रोपाई का तरीका अलग: नर नारी धान के पौधों को क्रॉस कराने के लिए रस्सी या बांस का सहारा लिया जाता है. 2 कतार में नर और 8 कतार में मादा पौधे होते हैं. इन्हें सीड पेरेंट्स ही कहा जाता है. इसकी रोपाई का तरीका दूसरी किस्मों से बिल्कुल अलग है. इसके पौधे को रोपाई से तैयार किया जाता है. बोनी या लाईचोपी पद्धति से इस धान का उत्पादन संभव नहीं है. धान के पौधे को एक सीधी कतार में लगाया जाता है.

रायपुर: आपने कई तरह के धान की प्रजातियों के बारे में सुना होगा. लेकिन आज हम आपको धान की एक ऐसी प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसमें नर नारी का पर परागण अर्थात विवाह कराकर धान का बीज तैयार किया जाता है. इस पद्धति में नर और मादा का पर परागण कराकर बीज तैयार होता है. जिसे संकर धान के बीज के नाम से जाना जाता है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पादप प्रजनन विभाग के एचओडी डॉक्टर दीपक शर्मा ने बताया कि नर लाइन को 2 पंक्ति में लगाया जाता है और मादा लाइन को 8 पंक्तियों में लगाया जाता है और यह समर की फसल है.

छत्तीसगढ़ में नर नारी धान की प्रजाति

आर्टिफिशियल रूप से पर परागण से बनता है बीज: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पादप प्रजनन विभाग के एचओडी डॉक्टर दीपक शर्मा बताते हैं कि "संकर धान का बीज बनाने के लिए आर्टिफिशियल रूप से पर परागण करके बनाया जाता है.एक नर लाइन होती है जिसे आर लाइन कहा जाता है. दूसरी लाइन बीज जनक होती है. जिसे मादा लाइन कहा जाता है. इसे एलाइन के नाम से जानते हैं. नर लाइन को 2 पंक्तियों में लगाया जाता है और मादा लाइन को 6 से 8 पंक्तियों में लगाया जाता है. पर परागण कराकर संकर धान का बीज बनता है.

छत्तीसगढ़ में धान की बालियों से तैयार हो रहे आभूषण, जानिए इसकी कीमत

इस धान की पैदावार के लिए छत्तीसगढ़ के 3 जिले उपयुक्त: संकर धान की पैदावार के लिए छत्तीसगढ़ के उपयुक्त स्थानों में धमतरी, गरियाबंद और बालोद जिले हैं. जहां पर किसान इसकी पैदावार ले रहे हैं. रवि समर की फसल होने के कारण इन जगहों को उपयुक्त माना गया है. संकर बीज बनाने के लिए आद्रता अधिक होनी चाहिए. रात और दिन के तापमान में 10 डिग्री से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए और इसके लिए सनशाइन भी अधिक होनी चाहिए.


छत्तीसगढ़ में 5 हजार एकड़ से अधिक में होती है पैदावार: छत्तीसगढ़ के इन 3 जिलों के अलावा दूसरी जगह की किसान भी इसकी खेती कर रहे हैं लेकिन कम एरिया में खेती की जा रही है कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान की पैदावार हो रही है. छत्तीसगढ़ में लगभग 5 हज़ार से अधिक एकड़ में संकर धान की फसल किसान ले रहे हैं.



संकर धान की रोपाई का तरीका अलग: नर नारी धान के पौधों को क्रॉस कराने के लिए रस्सी या बांस का सहारा लिया जाता है. 2 कतार में नर और 8 कतार में मादा पौधे होते हैं. इन्हें सीड पेरेंट्स ही कहा जाता है. इसकी रोपाई का तरीका दूसरी किस्मों से बिल्कुल अलग है. इसके पौधे को रोपाई से तैयार किया जाता है. बोनी या लाईचोपी पद्धति से इस धान का उत्पादन संभव नहीं है. धान के पौधे को एक सीधी कतार में लगाया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.