रायपुरः नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस सरकार को छत्तीसगढ़ में तीन साल हो गए हैं. शराबबंदी अब उन्हें कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस प्रकार से हालात निर्मित हुए हैं, मुझे लगता है कि कलेक्ट-कॉन्फ्रेंस से कोई असर पड़ने वाला नहीं है. छत्तीसगढ़ में सरकार (government in chhattisgarh) नाम की कोई चीज नहीं है. अधिकारी इंतजार कर रहे हैं कि आने वाले भविष्य में क्या स्थिति बनेगी. एक अभी दिल्ली में बैठे हुए हैं.
लगातार यह हल्ला है कि इस महीने कुछ होने की संभावना है. वास्तविक में 70 सीट मिलने के बाद भी सरकार में स्थिरता नहीं है और इसको लेकर के ना केवल कांग्रेस कार्यकर्ता, प्रदेश की जनता, अधिकारियों में भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि कांग्रेस की कार्य समिति की बैठक के बारे में उन्हें नहीं पता था. बैठक में जो एजेंडा था. उस बारे में भी नहीं पता था. मीडिया से बात करने की बात आई तो उन्होंने कहा मुझे तो बताया नहीं गया. वही लोग बात करेंगे. इसका मतलब यह है कि आपके संगठन ने भी आप को मानने से इनकार कर दिया है. प्रदेश में अराजकता की स्थिति निर्मित है.
धान खरीदी को लेकर साफ नहीं है रास्ता
धान खरीदी को लेकर नेता प्रतिपक्ष (opposition leader) ने कहा कि उप-समिति जब बनी है. समीक्षा होती है. इस बार धान कटाई अभी से शुरु हो गई है. 1 नवंबर से धान की खरीदी होनी चाहिए, लेकिन सरकार की तैयारी इसमें कुछ दिखाई नहीं दे रही. बोरा कितना लौट आया है, यह भी जानकारी नहीं है. धरातल पर साफ-सफाई और वहां पर जो व्यवस्था होनी चाहिए, वह भी नहीं है. यह किसानों के साथ अन्याय है. पिछले बार जो बोरा लिए थे, उसका पैसा भी किसानों को अभी तक वापस नहीं किया गया. ऐसी स्थिति में जो स्पष्ट बातें उप समिति और जिम्मेदारों द्वारा आना चाहिए, वह नहीं आया. केंद्र सरकार के ऊपर दोषारोपण किया जाता है.
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शराबबंदी पर लेना होगा निर्णय
शराब पीने के कारण मौत हो रही है और हत्या भी हो रही है. एक घटना हमारे क्षेत्र में हुई थी. लॉकडाउन में जहरीली शराब पीने की वजह से कुछ लोग की मौत हुई थी. उस बहाने से सरकार ने शराब दुकान को खोल दिया. लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो रही है लेकिन सरकार इस पर कुछ नहीं कर रही है. सरकार को करीव 3 साल हो जाएंगे. इसलिए इस पर अब निर्णय लेने का समय आ गया है. सरकार को तत्काल शराबबंदी करनी चाहिए.