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जानिए क्या है मेष संक्रांति, कैसे पड़ेगा राशियों पर प्रभाव ? - मेष संक्रांति और सूर्य का प्रभाव

सूर्य का आगमन मेष राशि में होने पर मेष संक्रांति (Aries Sankranti and Sun effect)कहलाती है. मेष संक्रांति का विश्व और राशियों पर इस बार प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

Know what is Aries Sankranti
जानिए क्या है मेष संक्रांति
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Published : Apr 22, 2022, 7:50 PM IST

रायपुर : पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र वृद्धि योग तैतिल और कौलव करण और सिंह राशि के चंद्रमा में मेष संक्रांति संपन्न हुई है. मेष सूर्य का उच्च भाव माना जाता है अर्थात यहां पर भास्कर या सूर्य उत्कृष्ट माने जाते हैं. यह भाव मंगल का होने की वजह से सूर्य के लिए विशेष महत्व (Effect of Aries Sankranti on Zodiac Signs ) रखता है. मंगल ग्रह, अग्नि ऊर्जा, रक्त साहस, पराक्रम वीरता, भूमि भवन का देने वाला माना गया है. मेष राशि में सूर्य 14 मई 2022 वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि तक रहेंगे. सूर्य के मेष राशि में रहने पर अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती, छत्रपति शिवाजी जयंती ,बद्रीनाथ केदारनाथ यात्रा का प्रारंभ ,गंगा सप्तमी ,सीता नवमी, सीता जयंती, मोहिनी एकादशी, रुक्मणी विवाह, छिन्नमस्ता जयंती ,आदि अनेक शुभ मुहूर्त मेष संक्रांति में ही बनेंगे .

मेष संक्रांति एक शुभ योग : मेष संक्रांति एक बहुत ही शुभ घटना है. सभी ग्रह सूर्य के इर्द गिर्द परिक्रमा लगाते है. सूर्य के माध्यम से ही संपूर्ण पृथ्वी में प्रकाश ऊर्जा ताप ग्रीष्म और अग्नि का संचार होता है. सूर्य एक ताप ग्रह माना गया है. सूर्य अपनी तेजस्विता ओजस्विता और शक्ति के लिए जाना जाता है. सूर्य प्राया राजतंत्र राजसत्ता का प्रतीक माना गया है. सभी ग्रह सौरमंडल में सूर्य के ही एक जगह अपनी धुरी पर परिक्रमा लगाते आए हैं. संपूर्ण ग्रहों का अधिपति नरेश या देवता सूर्य ही माने गए हैं. सूर्य के मेष में आने की वजह से संसार में भीषण गर्मी अग्निकांड तेलों में आग वनों में आग और प्राकृतिक गैस के कल कारखानों में अग्निकांड होने की आशंका बनती है.

जानिए क्या है मेष संक्रांति ?
इस तिथि को क्या करें : इसके लिए सभी को श्री गायत्री मंत्र सूर्य को अर्घ्य देना, सूर्य नमस्कार के आसनों का प्रयोग करना, पूरे सहस्त्रनाम का पाठ, आदित्य हृदय स्रोत सूर्य चालीसा आदि का पाठ करना सर्वोत्तम माना गया है. श्रेष्ठ मंत्र श्री गायत्री मंत्र जो सूर्य के ही मंत्र है. इनका पाठ करना मेष संक्रांति के काल में बहुत ही पवित्र माना गया है. इस काल में नए व्यापार को प्रारंभ करना. नए अनुबंध बनाना शासकीय एग्रीमेंट नौकरी में पदोन्नति आदि के अच्छे अवसर बनते हैं. इस समय में प्रतिदिन कम से कम दो से तीन माला गायत्री मंत्र का पाठ करना श्रेयस्कर माना गया है.विश्व में पड़ेगा प्रभाव : मेष संक्रांति के प्रभाव में विश्व में तनातनी बढ़ (Aries Sankranti and Sun effect)सकती है. यूक्रेन और रसिया के युद्ध में जान माल की बड़ी क्षति होने की आशंका है. अनावश्यक तनाव बढ़ने की आशंका रहेगी. अनेक सुप्त ज्वालामुखी के सक्रिय होने की आशंका है. चीन आदि देशों में कोरोना की अगली लहर भीषणतम स्वरूप ले सकती है. भारतवर्ष में उगते हुए सूर्य की पूजा करने का शुरू से ही विधान है. समस्त भारतीय जन सूर्य को जल देना गायत्री मंत्र का पाठ करना शुभ माना गया हैं .अतः भारतवर्ष में इसका सकारात्मक प्रभाव बना रहेगा. लौह सीमेंट आदि क्षेत्रों में चढ़ाव बना रहेगा. आर्थिक क्षेत्र में स्थिति बढ़त की दिखाई पड़ती है. महंगाई वृद्धि दर बढ़ेगी साथ ही देश का सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी में विकास की संभावना बनती है आर्थिक क्षेत्र में स्थितियां बेहतर होंगी.

ये भी पढ़ें- राहु-केतु का राशि परिवर्तन, 18 साल बाद मेष और तुला में करेंगे गोचर

राशियों पर मेष संक्राति का असर
मेष राशि / राहु और सूर्य की युति रहेगी पितरों की सेवा करें अज्ञात पितरों के लिए भागवत सुंदरकांड आदि कथा का आयोजन करना उत्तम रहेगा
वृषभ राशि / आय से अधिक व्यय के योग हैं ऊर्जा नष्ट होने से बचाएं कार्य करें परिश्रम से लाभ
मिथुन राशि / गायत्री मंत्र सूर्य उपासना से लाभ मिलेगा गरीबों को दान करें आय के स्रोत बढ़ेंगे

कर्क राशि / सक्रियता और पुरुषार्थ से आपके कार्य बनेंगे गतिशीलता का लाभ मिलेगा कार्य क्षेत्र में प्रगति होगी
सिंह राशि/ धार्मिक आयोजन में मन लगेगा अध्यात्म में सफलता कर्म क्षेत्र में लाभ
कन्या राशि / सावधानी से चलें पितरों के लिए पूजा करें दान धर्म से लाभ मिलेगा वाहन दुर्घटना से बचें

तुला राशि जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा पराक्रम से कार्य बनेंगे मित्रों का सहयोग मिलेगा ।
वृश्चिक राशि / आय से अधिक संपत्ति मिलने के योग हैं शत्रु परास्त होंगे रोगों पर विजय मिलेगी ऋण लेने से बचें
धनु राशि / ध्यान साधना में बाधा आ सकती है एकाग्रता का स्तर कम हो सकता है अधिक मेहनत करें विवादित विषयों से दूर रहें

मकर राशि/ मातृ पक्ष की सेवा करना उत्तम रहेगा यात्रा के योग बनेंगे बड़े बुजुर्गों की सेवा करने से लाभ मिलेगा
कुंभ राशि / अधिक आत्मविश्वास से बचें साधारण मेहनत से कार्य सिद्ध होंगे पराक्रम का लाभ मिलेगा परिश्रम और संयम से कार्य सिद्ध होंगे समय अनुकूल है
मीन राशि / कुटुंबी जनों में आपकी विश्वसनीयता बढ़ेगी वाणी से लाभ सोच समझकर संदेश संप्रेषित करें पूर्वजों के नाम पर दान करें

रायपुर : पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र वृद्धि योग तैतिल और कौलव करण और सिंह राशि के चंद्रमा में मेष संक्रांति संपन्न हुई है. मेष सूर्य का उच्च भाव माना जाता है अर्थात यहां पर भास्कर या सूर्य उत्कृष्ट माने जाते हैं. यह भाव मंगल का होने की वजह से सूर्य के लिए विशेष महत्व (Effect of Aries Sankranti on Zodiac Signs ) रखता है. मंगल ग्रह, अग्नि ऊर्जा, रक्त साहस, पराक्रम वीरता, भूमि भवन का देने वाला माना गया है. मेष राशि में सूर्य 14 मई 2022 वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि तक रहेंगे. सूर्य के मेष राशि में रहने पर अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती, छत्रपति शिवाजी जयंती ,बद्रीनाथ केदारनाथ यात्रा का प्रारंभ ,गंगा सप्तमी ,सीता नवमी, सीता जयंती, मोहिनी एकादशी, रुक्मणी विवाह, छिन्नमस्ता जयंती ,आदि अनेक शुभ मुहूर्त मेष संक्रांति में ही बनेंगे .

मेष संक्रांति एक शुभ योग : मेष संक्रांति एक बहुत ही शुभ घटना है. सभी ग्रह सूर्य के इर्द गिर्द परिक्रमा लगाते है. सूर्य के माध्यम से ही संपूर्ण पृथ्वी में प्रकाश ऊर्जा ताप ग्रीष्म और अग्नि का संचार होता है. सूर्य एक ताप ग्रह माना गया है. सूर्य अपनी तेजस्विता ओजस्विता और शक्ति के लिए जाना जाता है. सूर्य प्राया राजतंत्र राजसत्ता का प्रतीक माना गया है. सभी ग्रह सौरमंडल में सूर्य के ही एक जगह अपनी धुरी पर परिक्रमा लगाते आए हैं. संपूर्ण ग्रहों का अधिपति नरेश या देवता सूर्य ही माने गए हैं. सूर्य के मेष में आने की वजह से संसार में भीषण गर्मी अग्निकांड तेलों में आग वनों में आग और प्राकृतिक गैस के कल कारखानों में अग्निकांड होने की आशंका बनती है.

जानिए क्या है मेष संक्रांति ?
इस तिथि को क्या करें : इसके लिए सभी को श्री गायत्री मंत्र सूर्य को अर्घ्य देना, सूर्य नमस्कार के आसनों का प्रयोग करना, पूरे सहस्त्रनाम का पाठ, आदित्य हृदय स्रोत सूर्य चालीसा आदि का पाठ करना सर्वोत्तम माना गया है. श्रेष्ठ मंत्र श्री गायत्री मंत्र जो सूर्य के ही मंत्र है. इनका पाठ करना मेष संक्रांति के काल में बहुत ही पवित्र माना गया है. इस काल में नए व्यापार को प्रारंभ करना. नए अनुबंध बनाना शासकीय एग्रीमेंट नौकरी में पदोन्नति आदि के अच्छे अवसर बनते हैं. इस समय में प्रतिदिन कम से कम दो से तीन माला गायत्री मंत्र का पाठ करना श्रेयस्कर माना गया है.विश्व में पड़ेगा प्रभाव : मेष संक्रांति के प्रभाव में विश्व में तनातनी बढ़ (Aries Sankranti and Sun effect)सकती है. यूक्रेन और रसिया के युद्ध में जान माल की बड़ी क्षति होने की आशंका है. अनावश्यक तनाव बढ़ने की आशंका रहेगी. अनेक सुप्त ज्वालामुखी के सक्रिय होने की आशंका है. चीन आदि देशों में कोरोना की अगली लहर भीषणतम स्वरूप ले सकती है. भारतवर्ष में उगते हुए सूर्य की पूजा करने का शुरू से ही विधान है. समस्त भारतीय जन सूर्य को जल देना गायत्री मंत्र का पाठ करना शुभ माना गया हैं .अतः भारतवर्ष में इसका सकारात्मक प्रभाव बना रहेगा. लौह सीमेंट आदि क्षेत्रों में चढ़ाव बना रहेगा. आर्थिक क्षेत्र में स्थिति बढ़त की दिखाई पड़ती है. महंगाई वृद्धि दर बढ़ेगी साथ ही देश का सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी में विकास की संभावना बनती है आर्थिक क्षेत्र में स्थितियां बेहतर होंगी.

ये भी पढ़ें- राहु-केतु का राशि परिवर्तन, 18 साल बाद मेष और तुला में करेंगे गोचर

राशियों पर मेष संक्राति का असर
मेष राशि / राहु और सूर्य की युति रहेगी पितरों की सेवा करें अज्ञात पितरों के लिए भागवत सुंदरकांड आदि कथा का आयोजन करना उत्तम रहेगा
वृषभ राशि / आय से अधिक व्यय के योग हैं ऊर्जा नष्ट होने से बचाएं कार्य करें परिश्रम से लाभ
मिथुन राशि / गायत्री मंत्र सूर्य उपासना से लाभ मिलेगा गरीबों को दान करें आय के स्रोत बढ़ेंगे

कर्क राशि / सक्रियता और पुरुषार्थ से आपके कार्य बनेंगे गतिशीलता का लाभ मिलेगा कार्य क्षेत्र में प्रगति होगी
सिंह राशि/ धार्मिक आयोजन में मन लगेगा अध्यात्म में सफलता कर्म क्षेत्र में लाभ
कन्या राशि / सावधानी से चलें पितरों के लिए पूजा करें दान धर्म से लाभ मिलेगा वाहन दुर्घटना से बचें

तुला राशि जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा पराक्रम से कार्य बनेंगे मित्रों का सहयोग मिलेगा ।
वृश्चिक राशि / आय से अधिक संपत्ति मिलने के योग हैं शत्रु परास्त होंगे रोगों पर विजय मिलेगी ऋण लेने से बचें
धनु राशि / ध्यान साधना में बाधा आ सकती है एकाग्रता का स्तर कम हो सकता है अधिक मेहनत करें विवादित विषयों से दूर रहें

मकर राशि/ मातृ पक्ष की सेवा करना उत्तम रहेगा यात्रा के योग बनेंगे बड़े बुजुर्गों की सेवा करने से लाभ मिलेगा
कुंभ राशि / अधिक आत्मविश्वास से बचें साधारण मेहनत से कार्य सिद्ध होंगे पराक्रम का लाभ मिलेगा परिश्रम और संयम से कार्य सिद्ध होंगे समय अनुकूल है
मीन राशि / कुटुंबी जनों में आपकी विश्वसनीयता बढ़ेगी वाणी से लाभ सोच समझकर संदेश संप्रेषित करें पूर्वजों के नाम पर दान करें

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