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घर, फैक्ट्री या दुकान में भूल कर भी ना लगाएं कैक्टस

वास्तु शास्त्र में कैक्टस को नेगेटिव एनर्जी फैलाने वाला पौधा माना गया है. इस वजह से ज्योतिष और वास्तुशास्त्रियों का मानना है कि घर, दुकान या फैक्ट्री में कभी भी कैक्टस का पौधा नहीं लगाना चाहिए. (cactus planting disadvantages )

cactus planting disadvantages
कैक्टस लगाने से नुकसान
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Published : May 30, 2022, 5:33 PM IST

रायपुर: हर लोग यह चाहते हैं कि वे अपने घर और आसपास के क्षेत्र को हरा भरा बनाकर रखें. जिससे घर के चारों तरफ हरियाली बनी रहे. इसके लिए कई लोग घर, दुकान और फैक्ट्री में कुछ चुने हुए पेड़ पौधे लगाते हैं. वैसे तो पेड़-पौधे को देखने भर से मन शांत हो जाता है. लेकिन कई पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जिनसे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. आजकल कई लोग अपने घरों और दुकानों में कैक्टस भी लगाते हैं. लेकिन वास्तुशास्त्र के मुताबिक कैक्टस का पौधा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है. वास्तु शास्त्र में कैक्टस के पौधे को अशुभ माना जाता है. (cactus planting disadvantages )

ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा

घर में कभी ना लाए कैक्टस का पौधा: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "कैक्टस एक रेगिस्तानी और रेतीला क्षेत्र में पाए जाने वाला पौधा है. कैक्टस में बहुत सारे नुकीले कांटे पाए जाते हैं. घर, फैक्ट्री या दुकान में कैक्टस का पौधा लगाए जाने पर रहने वाले सदस्यों के बीच मधुर संबंध का अभाव देखने को मिलता है, लोग एक दूसरे को चुभने वाली बातें ज्यादा बोल जाते हैं, इस तरह की स्थितियां देखने को मिलती है, पारिवारिक सदस्यों के बीच एक दूसरे को नीचे गिराने की बातें ज्यादा होने लगती है. एक दूसरे के कामों में अड़ंगा डालने की आदत बढ़ जाती है. इसलिए कैक्टस जैसे पौधे को घर से दूर रखना चाहिए. (Disadvantages of planting cactus in Vastu Shastra )

वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा को इसलिए रखा जाता है खाली

कैक्टस के पौधे से क्षेत्र में जल की होने लगती है कमी: कैक्टस से निकलने वाला द्रव्य नकारात्मक होता है. पीपल, बरगद के पेड़ों से निकलने वाला द्रव्य मनुष्य के लिए लाभदायक होता है. कैक्टस मूलता रेतीली और रेगिस्तान क्षेत्रों में पाया जाता है. जहां पानी की कमी होती है. इसके उगने मात्र से ही पानी की कमी के लक्षण बनने लगते हैं. विनीत शर्मा बताते हैं कि फैक्ट्री, दुकान, मकान में कैक्टस के बदले गिलोय, आंवला, तुलसी जैसे औषधीय गुणों से युक्त पौधों को लगाना चाहिए.

वास्तु के अनुसार धन को इस दिशा में रखने से मिलता है लाभ

कैक्टस से रुक जाती है उन्नति: फैक्ट्री में कैक्टस लगाए जाने पर वहां काम करने वाले कर्मचारियों के बीच अक्सर वाद विवाद की स्थिति बनी रहती है. कर्मचारी और मालिक के बीच भी समन्यवय नहीं रहता है. ऐसे जगहों पर तरक्की नहीं होती है. घरों में कैक्टस लगाने पर परिवार में आपसी प्रेम कम हो जाता है. नेगेटिव एनर्जी का घर में प्रवेश हो जाता है. कैक्टस वाली जगह पर वास्तु का नाश हो जाता है. इन दोषों को दूर करने के लिए उत्तर पूर्वी कोने में लाल गुलाब, पीला गुलाब, आंवला, तुलसी लगाएं.

रायपुर: हर लोग यह चाहते हैं कि वे अपने घर और आसपास के क्षेत्र को हरा भरा बनाकर रखें. जिससे घर के चारों तरफ हरियाली बनी रहे. इसके लिए कई लोग घर, दुकान और फैक्ट्री में कुछ चुने हुए पेड़ पौधे लगाते हैं. वैसे तो पेड़-पौधे को देखने भर से मन शांत हो जाता है. लेकिन कई पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जिनसे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. आजकल कई लोग अपने घरों और दुकानों में कैक्टस भी लगाते हैं. लेकिन वास्तुशास्त्र के मुताबिक कैक्टस का पौधा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है. वास्तु शास्त्र में कैक्टस के पौधे को अशुभ माना जाता है. (cactus planting disadvantages )

ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा

घर में कभी ना लाए कैक्टस का पौधा: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "कैक्टस एक रेगिस्तानी और रेतीला क्षेत्र में पाए जाने वाला पौधा है. कैक्टस में बहुत सारे नुकीले कांटे पाए जाते हैं. घर, फैक्ट्री या दुकान में कैक्टस का पौधा लगाए जाने पर रहने वाले सदस्यों के बीच मधुर संबंध का अभाव देखने को मिलता है, लोग एक दूसरे को चुभने वाली बातें ज्यादा बोल जाते हैं, इस तरह की स्थितियां देखने को मिलती है, पारिवारिक सदस्यों के बीच एक दूसरे को नीचे गिराने की बातें ज्यादा होने लगती है. एक दूसरे के कामों में अड़ंगा डालने की आदत बढ़ जाती है. इसलिए कैक्टस जैसे पौधे को घर से दूर रखना चाहिए. (Disadvantages of planting cactus in Vastu Shastra )

वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा को इसलिए रखा जाता है खाली

कैक्टस के पौधे से क्षेत्र में जल की होने लगती है कमी: कैक्टस से निकलने वाला द्रव्य नकारात्मक होता है. पीपल, बरगद के पेड़ों से निकलने वाला द्रव्य मनुष्य के लिए लाभदायक होता है. कैक्टस मूलता रेतीली और रेगिस्तान क्षेत्रों में पाया जाता है. जहां पानी की कमी होती है. इसके उगने मात्र से ही पानी की कमी के लक्षण बनने लगते हैं. विनीत शर्मा बताते हैं कि फैक्ट्री, दुकान, मकान में कैक्टस के बदले गिलोय, आंवला, तुलसी जैसे औषधीय गुणों से युक्त पौधों को लगाना चाहिए.

वास्तु के अनुसार धन को इस दिशा में रखने से मिलता है लाभ

कैक्टस से रुक जाती है उन्नति: फैक्ट्री में कैक्टस लगाए जाने पर वहां काम करने वाले कर्मचारियों के बीच अक्सर वाद विवाद की स्थिति बनी रहती है. कर्मचारी और मालिक के बीच भी समन्यवय नहीं रहता है. ऐसे जगहों पर तरक्की नहीं होती है. घरों में कैक्टस लगाने पर परिवार में आपसी प्रेम कम हो जाता है. नेगेटिव एनर्जी का घर में प्रवेश हो जाता है. कैक्टस वाली जगह पर वास्तु का नाश हो जाता है. इन दोषों को दूर करने के लिए उत्तर पूर्वी कोने में लाल गुलाब, पीला गुलाब, आंवला, तुलसी लगाएं.

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