रायपुर: मरवाही चुनाव का बिगुल बज चुका है. मंगलवार को चुनाव आयोग ने मतदान और नतीजे की तारीख की घोषण की है. जिसको लेकर जेसीसी (जे) प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी की सीट हमेशा से परंपरागत सीट मानी जाती है.
उपचुनाव एलान के बाद अमित जोगी ने बताया कि मरवाही की जनता ने मेरे स्वर्गीय पिता को 5 साल अपनी सेवा करने के लिए चुना था, लेकिन डेढ़ साल में ही उनका स्वर्गवास हो गया. उन्होंने कहा कि उनके पुत्र होने के नाते मुझे उनका अधूरा काम पूरा करना है, उनके सपनों को साकार करना है. उन्होंने कहा कि बाकी दलों के लिए मरवाही एक चुनावी दंगल हो सकता है, लेकिन मेरे लिए यह एक पुत्र धर्म का निर्वाहन है. जनता के लिए एक तरफ सरकार है और दूसरी तरफ परिवार का प्यार है और जब उनको परिवार और सरकार के बीच चुनना होगा, तो वह परिवार के प्यार को ही चुनेंगे और 10 नवंबर को ही 4 दिन पहले हम मरवाही के सभी लोग दिवाली मनाएंगे.
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बिलासपुर से अलग होकर जिला बना था
मातृत्व जिला बिलासपुर से अलग होकर 10 फरवरी 2020 को अलग जिला बने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की मरवाही विधानसभा सीट राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. साथ ही ये सीट बेहद दिलचस्प सीट मानी जाती है. छत्तीसगढ़ की मरवाही विधानसभा सीट से 2013 में वर्तमान विधायक अमित जोगी, कांग्रेस की ओर से विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन 2018 में उन्होंने ये सीट अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत होगी के लिए छोड़ दी थी. पिछले 20 सालों से ये सीट जोगी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती थी. अजीत जोगी ने 2003 में उप चुनाव यहीं से जीतकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया था.