रायपुर: मरवाही उपचुनाव के लिए अमित और ऋचा जोगी का नामांकन रद्द होने पर जेसीसीजे आक्रोशित नजर आई. पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. शहर के बूढ़ा तालाब धरनास्थल पर पहुंचकर जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन करने की कोशिश की. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई.
मरवाही उपचुनाव के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी ने नामांकन दाखिल किया था. निर्वाचन अधिकारी ने पहले अमित जोगी और उसके बाद ऋचा जोगी का नामांकन निरस्त कर दिया. इससे नाराज जेसीसीजे कार्यकर्ताओं ने रायपुर में विरोध-प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार और सीएम बघेल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
लोकतंत्र की हुई हत्या
जेसीसीजे कार्यकर्ताओं ने भूपेश बघेल का पुतला फूंकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद पुतला तालाब में फेंक दिया गया. JCCJ नेता प्रदीप साहू ने कहा कि 17 अक्टूबर का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में लोकतंत्र के काले दिन के रूप में जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि इस दिन तानाशाह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश पर न सिर्फ हमारे अध्यक्ष अमित जोगी और ऋचा जोगी का नामांकन निरस्त हुआ है, बल्कि लोकतंत्र की हत्या भी हुई है. जोगी परिवार को मरवाही से चुनाव लड़ने से रोककर भूपेश बघेल ने जोगी और मरवाही की जनता का अपमान भी किया है.