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वोट के लिए भुनाया जा रहा 'राम का नाम', 15 सालों में भाजपा ने उनके लिए क्या किया है काम?: भूपेश बघेल - Mata Kaushalya Temple Complex

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने गुरुवार को 2 बजे राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय पर 'राम वन गमन पर्यटन परिपथ' (Ram Van Gaman Tourist Circuit) तथा माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी (Kaushalya Temple Complex Chandkhuri) के जीर्णोंद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कार्य के लोकार्पण (Inauguration of renovation and beautification work) को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की. इस मौके पर उन्होंने प्रमुख विपक्षी दल को राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया.

CM Bhupesh Baghel targeted BJP
भूपेश बघेल ने साधा भाजपा पर निशाना
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Published : Oct 7, 2021, 3:07 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 3:51 PM IST

रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अलग-अलग जाति के लोग हैं. अलग-अलग संस्कृति है. उन संस्कृतियों को बढ़ावा देने का कार्य कांग्रेस सरकार कर रही है. इस मौके पर उन्होंने राम वन गमन पर्यटन परिपथ और कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी के विषय पर चर्चा की.

सीएम भूपेश बघेल प्रेस वार्ता

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दोपहर 2 बजे राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय पर 'राम वन गमन पर्यटन परिपथ' तथा माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी के जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कार्य के लोकार्पण को लेकर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अलग-अलग जनजातियों की आस्था के केंद्र को संरक्षित करने का कार्य छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. विश्व के पहले कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, जिसकी शुरुआत आज हो रही है. रतनपुर के महामाया से ले कर हर देवी-देवताओं के उपासक यहां हैं.

कोरिया से लेकर बस्तर तक श्री राम के पद चिन्ह मिलते हैं, उन्हीं में से नौ स्थानों को विकसित करने का बीड़ा कांग्रेस ने उठाया है. 136 करोड़ 55 लाख की राशि से चंदखुरी मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. श्री राम को छत्तीसगढ़ के लोग भांजा मानते हैं. हम भांजा को प्रणाम करते हैं. इसलिए हम भांचा राम कहते हैं. छत्तीसगढ़ में ही रामनामी मिलेंगे, यह हमारी संस्कृति में बसा हुआ है. चाहे भांजा राम हों, बनवासी राम हों या शबरी के राम हों, छत्तीसगढ़ के लोग उन्हें पूजते हैं.

'सगुण और निर्गुण' में भी दिखते हैं राम

चंदखुरी में 3 दिनों का कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. हमने राम को अलग-अलग रूपों में देखा है, सगुण में भी देखा है निर्गुण में भी देखा हैं. प्रेस वार्ता के माध्यम से बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 15 साल सत्ता में रहते हुए बीजेपी ने राम को मौत के रूप में देखा है. राम के नाम पर सत्ता पाया, लेकिन कौशल्या माता के लिए कुछ नहीं कर पाए हैं. 15 सालों में बीजेपी केवल राम के नाम की राजनीति की है.

राम के सहारे वैतरणी पार करना चाहते हैं, लेकिन असल सच्चाई जब आती है तो कलई खुल जाती है. श्री राम की माता छत्तीसगढ़ से हैं और व्यक्तित्व निर्माण में अलग ही भूमिका है. भगवान राम के व्यक्तित्व निर्माण में छत्तीसगढ़ का जनजीवन है. उसका प्रभाव जरूर पड़ा होगा. हमने संत कबीर तुलसी, शबरी और कौशल्या के राम को भांचा और बनवासी राम के रूप में देखा है. कुछ लोग उन्हें वोट के राम के रूप में देखते हैं.

रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अलग-अलग जाति के लोग हैं. अलग-अलग संस्कृति है. उन संस्कृतियों को बढ़ावा देने का कार्य कांग्रेस सरकार कर रही है. इस मौके पर उन्होंने राम वन गमन पर्यटन परिपथ और कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी के विषय पर चर्चा की.

सीएम भूपेश बघेल प्रेस वार्ता

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दोपहर 2 बजे राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय पर 'राम वन गमन पर्यटन परिपथ' तथा माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी के जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कार्य के लोकार्पण को लेकर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अलग-अलग जनजातियों की आस्था के केंद्र को संरक्षित करने का कार्य छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. विश्व के पहले कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, जिसकी शुरुआत आज हो रही है. रतनपुर के महामाया से ले कर हर देवी-देवताओं के उपासक यहां हैं.

कोरिया से लेकर बस्तर तक श्री राम के पद चिन्ह मिलते हैं, उन्हीं में से नौ स्थानों को विकसित करने का बीड़ा कांग्रेस ने उठाया है. 136 करोड़ 55 लाख की राशि से चंदखुरी मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. श्री राम को छत्तीसगढ़ के लोग भांजा मानते हैं. हम भांजा को प्रणाम करते हैं. इसलिए हम भांचा राम कहते हैं. छत्तीसगढ़ में ही रामनामी मिलेंगे, यह हमारी संस्कृति में बसा हुआ है. चाहे भांजा राम हों, बनवासी राम हों या शबरी के राम हों, छत्तीसगढ़ के लोग उन्हें पूजते हैं.

'सगुण और निर्गुण' में भी दिखते हैं राम

चंदखुरी में 3 दिनों का कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. हमने राम को अलग-अलग रूपों में देखा है, सगुण में भी देखा है निर्गुण में भी देखा हैं. प्रेस वार्ता के माध्यम से बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 15 साल सत्ता में रहते हुए बीजेपी ने राम को मौत के रूप में देखा है. राम के नाम पर सत्ता पाया, लेकिन कौशल्या माता के लिए कुछ नहीं कर पाए हैं. 15 सालों में बीजेपी केवल राम के नाम की राजनीति की है.

राम के सहारे वैतरणी पार करना चाहते हैं, लेकिन असल सच्चाई जब आती है तो कलई खुल जाती है. श्री राम की माता छत्तीसगढ़ से हैं और व्यक्तित्व निर्माण में अलग ही भूमिका है. भगवान राम के व्यक्तित्व निर्माण में छत्तीसगढ़ का जनजीवन है. उसका प्रभाव जरूर पड़ा होगा. हमने संत कबीर तुलसी, शबरी और कौशल्या के राम को भांचा और बनवासी राम के रूप में देखा है. कुछ लोग उन्हें वोट के राम के रूप में देखते हैं.

Last Updated : Oct 7, 2021, 3:51 PM IST
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