रायपुर: देवी की आराधना के दिन नवरात्र की शुरुआत आज से हो रही है. पहले दिन घट स्थापना के साथ दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. कहते हैं माता शैलपुत्री की पूजा से सारी मुश्किलें दूर हो जाती हैं. ETV भारत पर ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा उनकी पूजन विधि और लाभ के बारे में बता रहे हैं.
नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की पूजा शैलपुत्री के रूप में की जाती है. माता का वाहन वृषभ है. इनका अस्त्र कमल और तलवार है. मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में भी जानी जाती हैं. घट स्थापना के द्वारा माता शैलपुत्री का आह्वान कर प्रतिस्थापित किया जाता है. मां शैलपुत्री की पूजा करने से समस्त बाधाएं दूर होती हैं. भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. माता शैलपुत्री की आराधना करने वाले साधक गणों के संकल्प में वृद्धि होती है.
इस चैत्र नवरात्र राशि के हिसाब से करें मां दुर्गा की पूजा
घट स्थापना का मुहूर्त
घट स्थापना का मुहूर्त 13 अप्रैल सुबह 5:28 से लेकर शाम 7:14 तक है. विशेष अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:36 से दोपहर 12:24 तक रहेगा. इस बार चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा अश्व की सवारी पर विराजमान हो रही हैं.नवरात्र के दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं. जबकि मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे.
9 दिन मां के इन रूपों की होती है पूजा
- प्रथम दिवस मां शैलपुत्री
- द्वितीय दिवस मां ब्रह्मचारिणी
- तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा
- चतुर्थ दिवस मां कुष्मांडा
- पंचमी के दिन मां स्कंदमाता
- षष्ठी के दिन मां कात्यायनी
- सप्तमी के दिन मां कालरात्रि
- अष्टमी के दिन मां महागौरी
- नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की
माता दुर्गा इस नवरात्र सबकी कोविड-19 महामारी से रक्षा करें.