बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पं. रविशंकर यूनिवर्सिटी के तीन वाहनों को राजसात कर नीलाम करने के आदेश पर रोक लगाई (Stay in Ravi Shankar University compensation case) है. जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन को वाहनों की तय कीमत पांच लाख रुपए सिविल कोर्ट में जमा करने का आदेश भी दिया है. साथ ही कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि किसानों को बढ़ी हुई कीमत पर मुआवजा देने का प्रस्ताव है, तो उसे पेश करें. मामले की अगली सुनवाई अब 16 जून को होगी।
क्या है पूरा मामला : रविशंकर यूनिवर्सिटी (pandit Ravi Shankar University raipur ) से जुड़े जमीन अधिग्रहण का विवाद साल 2005-06 का है. उस समय राज्य शासन ने यूनिवर्सिटी की करीब 15 एकड़ जमीन को केंद्रीय विद्यालय के लिए आवंटित किया था.इसके साथ ही यूनिवर्सिटी को जमीन देने के लिए शासन ने बंजारी मंदिर क्षेत्र के पास 150 किसानों की करीब 30 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की थी. हालांकि उचित मुआवजा नहीं मिलने पर 31 किसान कोर्ट चले गए थे.
किसानों के पक्ष में आया फैसला : साल 2017 में कोर्ट में किसानों के पक्ष में फैसला आया. कोर्ट ने करीब 6.5 करोड़ मुआवजा देने के लिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन को आदेश दिया. इस दौरान यूनिवर्सिटी ने शासन से मुआवजा राशि देने की मांग की. लेकिन शासन ने यूनिवर्सिटी को मुआवजा राशि देने से इंकार कर दिया. शासन के इंकार करने पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. यहां भी किसानों के पक्ष में फैसला हुआ. अब स्थिति यह है कि किसानों के मुआवजे की राशि 12.5 करोड़ पहुंच गई है.
मुआवजा राशि के लिए कुर्की की कार्रवाई : मुआवजा राशि वसूली कराने के लिए किसान कोर्ट पहुंचे. कोर्ट के आदेश पर यूनिवर्सिटी के तीन वाहनों को राजसात कर कुर्की करने की कार्रवाई की जा रही है. लेकिन शासन से मदद नहीं मिलने पर कुर्की की कार्रवाई रोकने यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने फिर से हाईकोर्ट की शरण ली है.याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रकरण अभी विचाराधीन है. इसके बाद कोर्ट ने शासन को मुआवजा प्रकरण में शासन के प्रस्ताव संबंधी जानकारी प्रस्तुत करने को कहा है.
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सिविल कोर्ट में पांच लाख जमा करेगी यूनिवर्सिटी : सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि राजसात की गई वाहनों की कीमत करीब पांच लाख रुपए है. तब कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को रायपुर के सिविल कोर्ट में वाहनों के मूल्य के अनुसार 4 लाख 99 हजार रुपए जमा करने का निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने वाहनों की कुर्की और नीलामी प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगाई (bilaspur highcourt give stay)है.