रायपुर: राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन से इंटरसिटी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्री को अचानक मंदिर हसौद रेलवे स्टेशन के पास हार्टअटैक आ गया. इसके बाद तुरंत चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका गया. RPF की मुस्तैदी से यात्री को तत्काल हॉस्पिटल ले जाया गया. तेज बारिश के बीच आरपीएफ की मुस्तैदी ने 62 वर्षीय यात्री अशोक अग्रवाल की जान बच पाई. Heart attack in Intercity Express in Raipur
रायपुर में चलती ट्रेन में हार्ट अटैक: अशोक अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ रायपुर से इंटरसिटी एक्सप्रेस से भुवनेश्वर जा रहे थे. मंदिर हसौद पहुंचते ही अशोक अग्रवाल को हार्ट अटैक आ गया. जिसके बाद उनकी पत्नी परेशान हो गई. साथ यात्रा कर रहे लोगों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी और आरपीएफ को सूचना दी. ऑन ड्यूटी ऑफिसर ने तत्काल मरीज की स्थिति को देखते हुए एंबुलेंस को फोन लगाया. एंबुलेंस के आते तक ऑफिसर्स ने मरीज को ट्रेन से नीचे उतारा कर प्राथमिक उपचार देने में लग गया. जैसे ही एंबुलेंस मौके पर पहुंची तुरंत अशोक अग्रवाल को एंबुलेंस में हॉस्पिटल के लिए रवाना किया गया. मिली जानकारी के अनुसार मरीज की हालत स्थिर है.
हृदय रोग के कारण (heart disease)
- ज्यादा वजन: शरीर में तय मात्रा से ज्यादा फैट की वजह से वजन बढ़ जाता है. इससे कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाता है, जो किडनी संबंधी बीमारियों का एक बड़ा कारण बनता है. शरीर में ट्रांस फैट बढ़ने की वजह से हार्टअटैक का खतरा भी बढ़ जाता है.
- हाई बीपी:लंबे समय से हाई बीपी धमनियों को ब्लॉक कर देता है. इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का लगातार उतार-चढ़ाव हृदय के लिए ठीक नहीं होता , इससे कार्य क्षमता प्रभावित होती है.
- बढ़ता स्ट्रेस:तनाव का संबंध हृदय से होता है. जितना ज्यादा स्ट्रेस से दूर रहेंगे उतना स्वस्थ रहेंगे. जितना ज्यादा तनाव लेंगे, उससे अनालाइन हार्मोन रिलीज होगा, जिससे हार्टअटैक का खतरा बढ़ता है. साथ ही ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है.
- जन्म संबंधित:कोलेस्ट्रॉल बढ़ना जेनेटिक भी हो सकता है. यदि माता-पिता में से किसी को भी 55 साल से पहले हार्ट अटैक हुआ हो तो बच्चों में इसकी आशंका कई गुना बढ़ जाती है. बच्चों में जींन और खानपान की आदते सामान होती है. इसलिए हर महीने बच्चों की डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.
हृदय रोग में अपना ख्याल
- खानपान का रखें ध्यान
- ज्यादा पका हुआ तला भुना खाना और जंक फूड से बचे.
- कम से कम घी, तेल और मक्खन का इस्तेमाल करें .
- खाने में पचास परसेंट सब्जियों, फल का इस्तेमाल करें.
- इसके आलाव सात रंग के फल और सब्जियों का सलाद रेगुलर अपने खाने में शामिल करें और हाई फाइबर वाली चीजें ज्यादा ग्रहण करें.